Episodic Vs Chronic Migraine In Hindi: जब आप किसी काम को लेकर ज्यादा टेंशन करते हैं, तो ऐसे में ज्यादातर लोगों को सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, सिरदर्द के पीछे आपकी दिनचर्या, नींद, मानसिक स्थिति और तनाव आदि कई कारक जिम्मेदार होते हैं। लेकिन, क्या आपको मालूम है कि ज्यादा दिनों तक सिरदर्द की समस्या माइग्रेन की ओर संकेत करती है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिक्ल समस्या है, जिसमें व्यक्ति को सिर में तेज दर्द, चक्कर आना, उल्टी, मितली और रोशनी और आवाज के प्रति संवेदनशीलता हो सकती है। माइग्रेन की समस्या को एपिसोडिक माइग्रेन (Episodic Migraine) और क्रोनिक माइग्रेन (Chronic Migraine) में बांटा जाता है। इन दोनों ही प्रकार के माइग्रेन के लक्षण एक जैसे होते हैं। इस लेख में अपोलो स्पेक्ट्रा पुणे, इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर सम्राट शाह (Dr Samrat Shah, Internal Medicine Expert, Apollo Spectra Pune) से जानते हैं कि एपिसोडिक माइग्रेन और क्रोनिक माइग्रेन में क्या अंतर होता है?
एपिसोडिक और क्रोनिक माइग्रेन क्या होता है? - What Is Episodic And Chronic Migraine In Hindi
एपिसोडिक माइग्रेन वह स्थिति होती है, जिसमें सिरदर्द बार-बार और निश्चित अंतराल पर होता है। इसमें आमतौर पर सिरदर्द महीने में 15 दिनों से कम होता है। यह माइग्रेन कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है, लेकिन यह नियमित रूप से नहीं होता। वहीं, दूसरी ओर माइग्रेन सिरदर्द महीने में 15 या उससे अधिक दिनों तक होता है और यह तीन महीनों तक लगातार बना रहता है, तो इसे क्रोनिक माइग्रेन कहा जाता है। यह एपिसोडिक माइग्रेन की तुलना में अधिक गंभीर होता है और यह व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। आगे जानते हैं इन दोनों के बीच क्या अंतर होता है?
एपिसोडिक और क्रोनिक माइग्रेन के बीच क्या अंतर होता है? - What Is The Difference Between Episodic and Chronic Migraines?
एपिसोडिक माइग्रेन महीने में 15 दिन से भी कम होता है। कुछ लोगों को साल में कुछ ही बार माइग्रेन हो सकता है, जबकि अन्य को 15 दिन या महीने में एक बार होता है। वहीं, क्रोनिक माइग्रेन महीने में 15 दिन या उससे अधिक दिनों तक हो सकता है। अगर किसी को कम से कम 3-4 महीने तक 15 या उससे दिनों तक माइग्रेन होता है, तो उसे क्रॉनिक कहा जा सकता है।
- एपिसोडिक माइग्रेन में व्यक्ति को सिरदर्द हल्का या मध्यम हो सकता है। जबकि, क्रोनिक माइग्रेन में मरीज को तीव्र और लंबे समय तक दर्द महसूस हो सकता है।
- एपिसोडिक माइग्रेन व्यक्ति को एक कुछ घंटे से लेकर कुछ दिनों तक बार-बार एक एपिसोड में होता है। इसका एक कम्र निर्धारित होता है। जबकि, क्रोनिक माइग्रेन में व्यक्ति को लगातार या बार-बार सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
- एपिसोडिक माइग्रेन में तनाव, खानपान, हार्मोनल बदलाव आदि मुख्य कारक माने जाते हैं। वहीं, क्रोनिक माइग्रेन के लिए तनाव, आनुवंशिकता, दवाओं का अत्यधिक सेवन को जिम्मेदार माना जाता सकता है।
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Episodic Vs Chronic Migraine In Hindi: माइग्रेन की समस्या में व्यक्ति को घबरा नहीं चाहिए। इस स्थिति को आप नजरअंदाज न करें, कई बार समय पर इलाज शुरु करने से आप माइग्रेन की समस्या को आसानी से दूर कर सकते हैं या इसे मैनेज कर सकते हैं। डॉक्टर आपकी आदतों और खानपान के आधार पर इसके ट्रिगर को समझने का प्रयास करते हैं। साथ ही, आपको इससे बचाव के उपयोगी टिप्स भी प्रदान करते हैं। लेकिन, लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव से आप सिरदर्द की समस्या को कम कर सकते हैं।