माइग्रेन एक गंभीर और दर्द भरी समस्या है, जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं। यह साधारण सिर दर्द से कहीं ज्यादा तेज होता है और अक्सर सिर के एक तरफ तेज धड़कता हुआ दर्द, मतली, उल्टी या आवाज के प्रति सेंसिटिविटी जैसी तकलीफों के साथ आता है। माइग्रेन का एक अटैक व्यक्ति के डेली रूटीन को पूरी तरह खराब कर सकता है। मॉडर्न दवाएं माइग्रेन के लक्षणों को कुछ समय के लिए दबा सकती हैं, लेकिन वे इसे पूरी तरह खत्म नहीं कर पातीं। साथ ही लंबे समय तक पेनकिलर्स या अन्य दवाएं लेने से शरीर पर नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में बहुत से लोग नेचुरल और आयुर्वेदिक विकल्पों की तलाश करते हैं जो सुरक्षित, प्रभावी और शरीर को संतुलन में लाने वाले हों।
आयुर्वेद के अनुसार माइग्रेन वात और पित्त दोष के असंतुलन के कारण होता है। इस असंतुलन को ठीक करने के लिए कुछ खास हर्ब्स और मसाले बेहद उपयोगी माने गए हैं। इन्हीं में शामिल हैं, हल्दी (हरिद्रा), अदरक (शुण्ठी) और काली मिर्च। इन तीनों मसालों से बना एक साधारण सा शॉट माइग्रेन के दर्द को शांत करने में मददगार हो सकता है। यह शॉट न केवल दर्द से राहत देता है, बल्कि सूजन कम करता है, नसों को शांत करता है और पाचन में भी सहायक होता है। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानिए, माइग्रेन के लिए हल्दी, अदरक और काली मिर्च शॉट कैसे बनाएं?
हल्दी, अदरक और काली मिर्च का शॉट - Natural Migraine Ayurvedic Remedy
आयुर्वेद में हल्दी, अदरक और काली मिर्च को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। इन तीनों मसालों से तैयार किया गया एक छोटा शॉट न केवल माइग्रेन के लक्षणों को कम कर सकता है बल्कि पाचन बेहतर कर सकता है, सूजन कम कर सकता है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। यह शॉट एक नेचुरल पेन रिलीवर की तरह काम करता है और बार-बार माइग्रेन की दवा लेने की जरूरत को घटा सकता है। माइग्रेन के लिए यह आयुर्वेदिक शॉट बनाने के लिए आपको आधा छोटी चम्मच हल्दी पाउडर या 1 इंच ताजा हल्दी, 1 इंच अदरक कद्दूकस किया हुआ, 2-3 साबुत काली मिर्च या 1/4 चम्मच पिसी हुई, 1 कप पानी और स्वाद अनुसार शहद की जरूरत होगी।
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- पानी को एक पैन में उबालें।
- उसमें हल्दी, अदरक और काली मिर्च डालें।
- इसे धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें।
- छानकर गुनगुना होने पर चाहें तो शहद मिलाएं।
- इसे सुबह या माइग्रेन के लक्षण दिखते ही पी सकते हैं।
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हल्दी के फायदे
हल्दी में पाया जाने वाला प्रमुख यौगिक करक्यूमिन एक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है। आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी त्रिदोषशामक होती है। माइग्रेन वात-पित्त विकृति से जुड़ा माना जाता है और हल्दी इस असंतुलन को शांत कर सकती है। इसके अलावा, यह खून को साफ करती है और तंत्रिका तंत्र को भी शांत करने में सहायक होती है।
अदरक के फायदे
अदरक में जिंजरोल नामक यौगिक होता है जो सूजन कम करने और दर्द दूर करने में मदद करता है। माइग्रेन के दौरान होने वाली मतली और उल्टी की शिकायत में अदरक बेहद कारगर होता है।
काली मिर्च का फायदा
काली मिर्च में भी एक यौगिक होता है जो अन्य औषधीय तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है। खासतौर से हल्दी में मौजूद करक्यूमिन शरीर में तभी प्रभावी होता है जब वह पिपेरिन के साथ लिया जाए। काली मिर्च न केवल शॉट की औषधीय क्षमता को बढ़ाती है, बल्कि यह माइंड-क्लेरिटी और ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाती है, जो माइग्रेन राहत में सहायक है।
किन्हें नहीं लेना चाहिए यह शॉट?
- प्रेग्नेंट महिलाएं डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें।
- जिन लोगों को पित्त प्रकृति की अधिकता है या उन्हें एसिडिटी की शिकायत रहती है, वे सीमित मात्रा में ही लें।
- ब्लड पतला करने की दवाएं ले रहे लोग इस शॉट के सेवन से पहले डॉक्टर की राय लें क्योंकि हल्दी और अदरक दोनों ही ब्लड थिनिंग का काम करते हैं।
निष्कर्ष
माइग्रेन की समस्या दिक्कत वाली हो सकती है, लेकिन हर बार दवाओं का सहारा लेना ही एकमात्र रास्ता नहीं है। अगर आप नेचुरल और आयुर्वेदिक विकल्प अपनाना चाहते हैं, तो हल्दी, अदरक और काली मिर्च का यह शॉट एक प्रभावी उपाय हो सकता है। यह न केवल दर्द को कम करता है बल्कि शरीर की संपूर्ण सेहत को बेहतर बनाने में भी सहायक है।
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FAQ
माइग्रेन किसकी वजह से होता है?
माइग्रेन होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं, तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल बदलाव, असंतुलित डाइट, तेज रोशनी या तेज आवाज, मौसम में बदलाव, बहुत ज्यादा कैफीन या अल्कोहल का सेवन। आयुर्वेद के अनुसार, माइग्रेन वात और पित्त दोष के असंतुलन से होता है, जिससे मस्तिष्क की नसों में सूजन और ब्लड फ्लो में बाधा आती है। यह असंतुलन गलत खानपान, तनाव के कारण बढ़ता है।माइग्रेन होने पर क्या परहेज करना चाहिए?
माइग्रेन होने पर कुछ खास परहेज अपनाना जरूरी होता है ताकि दर्द को कम किया जा सके। तेज रोशनी, तेज आवाज और स्क्रीन टाइम से बचें। तनाव, नींद की कमी और अनियमित दिनचर्या से दूरी बनाएं। खाली पेट न रहें और बहुत ज्यादा कैफीन, चॉकलेट, फास्ट फूड या प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें क्योंकि ये ट्रिगर का काम कर सकते हैं।माइग्रेन की शुरुआत कैसे होती है?
माइग्रेन की शुरुआत आमतौर पर कुछ शुरुआती लक्षणों से होती है, जैसे हल्का चिड़चिड़ापन, थकान, गर्दन में जकड़न, कब्ज, बार-बार जम्हाई आना या भूख लगना। इसके बाद धीरे-धीरे सिर के एक हिस्से में धड़कन जैसा तेज दर्द शुरू होता है, जो कई घंटों या दिनों तक रह सकता है। सही समय पर पहचानकर उपाय करने से अटैक को रोका जा सकता है।