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पेट में दर्द की वजह बन सकता है एब्डोमिनल माइग्रेन, जानें इसके कारण और बचाव के तरीके

ज्यादातर लोग माइग्रेन के दर्द को सिर से जोड़कर देखते हैं। लेकिन, पेट होने वाले इस खास दर्द को एब्डोमिनल माइग्रेन के नाम से जाना जाता है। आगे जानते इसके लक्षण और कारण के बारे में।
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पेट में दर्द की वजह बन सकता है एब्डोमिनल माइग्रेन, जानें इसके कारण और बचाव के तरीके


लगातार बने रहने वाले सिरदर्द को आप माइग्रेन के रूप में जानते हैं। हालांकि, सिरदर्द के अन्य प्रकार भी होता है। लेकिन, एक खास तरह के पेट दर्द को एब्डोमिनल माइग्रेन(Abdominal Migraine) के नाम से जाना जाता है। इसमें व्यक्त को जी मिचलाना, भूख न लगाना, उल्टी आना, थकान बनी रहना और चिड़चिड़ापन आदि लक्षणों का सामना करना पड़ता है। यह एक तरह का माइग्रेन है जो सिर के बजाय पेट में दर्द के रूप में होता है, और यह विशेष रूप से बच्चों में अधिक देखा जाता है, हालांकि कुछ मामलो में वयस्क भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ एपी सिंह से जानेंगे कि एब्डॉमिनल माइग्रेन क्या होता है, इसके मुख्य कारण, लक्षण, और इसे रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

एब्डॉमिनल माइग्रेन क्या है? - What Is Abdominal Migraine In Hindi

एब्डॉमिनल माइग्रेन एक तरह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को पेट के मध्य हिस्से में बार-बार होने वाला तेज, असामान्य दर्द होता है। यह सिरदर्द जैसे लंबे समय तक होने वाले माइग्रेन से अलग होता है, लेकिन इसके लक्षण और ट्रिगर काफी हद तक माइग्रेन जैसे ही होते हैं। यह समस्या 5 से 10 साल की उम्र के बच्चों में अधिक देखी जाती है। अधिकांश मामलों में, जिन बच्चों को एब्डॉमिनल माइग्रेन होता है, उन्हें आगे चलकर में सिर वाला माइग्रेन भी हो सकता है।

एब्डॉमिनल माइग्रेन के लक्षण - Symptoms Of Abdominal Migraine In Hindi

  • नाभि के आसपास के हिस्से में तेज दर्द महसूस होना।
  • जी मिचलाना (nausea)
  • उल्टी होना
  • भूख न लगना
  • कभी कभी सिरदर्द होना
  • चेहरा पीला पड़ जाना
  • थकान और चिड़चिड़ापन

एब्डॉमिनल माइग्रेन अटैक आमतौर पर 1 से 72 घंटे तक चल सकता है। इसके बाद बच्चा या व्यक्ति पूरी तरह सामान्य महसूस करने लगता है।

एब्डॉमिनल माइग्रेन के कारण - Causes Of Abdominal Migraine in Hindi

एब्डॉमिनल माइग्रेन के सटीक कारणों का पूरी तरह पता नहीं चला है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह न्यूरोलॉजिकल और हार्मोनल असंतुलन से जुड़ा हो सकता है। कुछ आम कारण या ट्रिगर में जिनको शामिल किया जाता है उनके बारे में आगे बताया गया है।

  • अनुवांशिक कारण - यदि परिवार में किसी को माइग्रेन की समस्या है, तो ऐसे में बच्चों में एब्डॉमिनल माइग्रेन होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • नींद की कमी या अनियमित नींद - शरीर की बायोलॉजिकल घड़ी में गड़बड़ी माइग्रेन का कारण बन सकती है।
  • तनाव और चिंता - मानसिक तनाव बच्चों और वयस्कों दोनों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।
  • हॉर्मोनल बदलाव - खासकर किशोरियों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण माइग्रेन की प्रवृत्ति अधिक देखी जाती है।
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं - पेट की संवेदनशीलता और पाचन तंत्र की गड़बड़ी इस स्थिति में योगदान कर सकती है।
  • कुछ विशेष खाद्य पदार्थ - चॉकलेट, चीज, फास्ट फूड, सोडा, प्रिजर्वेटिव चीजों से यह ट्रिगर हो सकता है।

एब्डॉमिनल माइग्रेन की रोकथाम कैसे करें? - Prevention Tips Of Abdominal Migraine In Hindi

हालांकि एब्डॉमिनल माइग्रेन का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और ट्रिगर से बचाव से इसके अटैक को रोका या कम किया जा सकता है।

  • नियमित दिनचर्या बनाए रखें। समय पर सोना, उठना, खाना और स्कूल जाने की आदत बनाएं।
  • ट्रिगर फूड्स से बचें। किस तरह के आहार को खाने से आपके शरीर में क्या बदलाव आता है उसे किसी कागज में नोट करें।
  • तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग और खेलकूद में हिस्सा लें।
  • रोजाना कम से कम 8–10 घंटे की नींद लेना शुरु करें।
  • पेट दर्द की जगह पर हल्की गर्म सिकाई। यह दर्द को अस्थायी राहत देने में मदद कर सकती है।

इसे भी पढ़ें: पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है? जानें 6 कारण

एब्डॉमिनल माइग्रेन एक जटिल लेकिन पहचानी जा सकने वाली समस्या है, खाासकर यह समस्या बच्चों में देखने को मिलती है। इसकी समय पर पहचान, सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव से काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। हर बार पेट दर्द का मतलब गैस या अपच नहीं होता है। यदि यह बार-बार और विशेष पैटर्न में हो रहा है, तो एब्डॉमिनल माइग्रेन की संभावना हो सकती है। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

FAQ

  • पेट का माइग्रेन क्या है?

    पेट का माइग्रेन एक ऐसी स्थिति है जो एक से 72 घंटों तक चलती है। इसमें पेट दर्द रूक-रूककर बार-बार होने लगता है।
  • माइग्रेन से क्या-क्या दिक्कत होती है?

    माइग्रेन की वजह से व्यक्ति को नींद न आने की समस्या होती है। साथ ही, व्यक्ति किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाता है और उसके व्यवहार में भी बदलाव आना शुरु हो जाता है, जैसे वह चिड़चिड़ा रहने लगता है।
  • माइग्रेन से बचाव कैसे करें?

    माइग्रेन से बचने के लिए व्यक्तिक को सुबह उठकर योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके अलावा, उनको अपनी डाइट में हल्का और सुपाच्य आहार को शामिल करना चाहिए।

 

 

 

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