Waterproof Makeup Can Cause Hormonal Imbalance in Women: आजकल मेकअप सिर्फ महिलाओं की ही नहीं बल्कि पुरुषों की भी रोजाना की जरूरत बन चुका है। लॉन्ग वर्किंग टाइम, ट्रैवल और पार्टीज के दौरान लुक खराब न हो, इसके लिए ज्यादातर महिलाएं वाटरप्रूफ मेकअप का इस्तेमाल करती हैं। वाटरप्रूफ मेकअप लंबे समय तक टिका (Benefits of Waterproof Makeup) भी रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं आपको खूबसूरत दिखाने और ढेर सारे पैसे खर्च करके खरीदा जाने वाले वाटरप्रूफ मेकअप में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो हार्मोन असंतुलन कर सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन तब होता है जब शरीर में कुछ हार्मोन की अधिकता या कमी होती है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की वजह से पीसीओएस, थायराइड की समस्या, बांझपन, मूड स्विंग, वजन बढ़ना, नींद में गड़बड़ी और त्वचा और बालों मे बदलाव की समस्या देखी जाती है।
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गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की सीनियर गायनाकोलॉजिस्ट और मैत्री वुमन की फाउंडर डॉ. अंजलि कुमार (Dr. Anjali Kumar, Senior Gynecologist, Founder, Maitri) के अनुसार, हार्वर्ड पब्लिक स्कूल में वाटरप्रूफ मेकअप पर एक रिसर्च की गई है। इस दौरान पाया गया है कि वाटरप्रूफ मस्कारा और लिपस्टिक में हाई फ्लोरीन होता है। महिलाएं अगर लंबे समय तक हाई फ्लोरीन युक्त मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, तो उससे एस्ट्रोजन व टेस्टोस्टेरोन का स्तर बिगड़ सकता है। इसकी वजह बांझपन और गंभीर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी रहता है।
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वाटरप्रूफ मेकअप कैसे बनता है हार्मोन असंतुलन का कारण- How waterproof makeup causes hormonal imbalance
1. फिनोक्स एथेनॉल- Phenoxyethanol side effects on Hormones
डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि ज्यादातर मेकअप प्रोडक्ट्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए फिनोक्स इथेनॉल का उपयोग किया जाता है। ये केमिकल त्वचा के जरिए शरीर के अंदर चला जाता है। यह एस्ट्रोजन (estrogen) जैसे हार्मोन की नकल कर सकता है, जिससे प्राकृतिक हार्मोनल प्रक्रिया बाधित हो सकती है। कुछ रिसर्च में यह बात सामने आई है कि फिनोक्स एथेनॉल महिलाओं की थायराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
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2. फ्थेलेट्स- Phthalate
मेकअप प्रोडक्ट्स को लचीला बनाने के लिए बड़ी मात्रा में किया जाता है। कुछ फ्थेलेट्स जैसे DEHP और DBP को टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) के स्तर को कम करने से जोड़ा गया है। इससे पुरुष प्रजनन क्षमता और स्पर्म की क्वालिटी खराब हो सकती है। फ्थेलेट्स महिलाओं के एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जिससे उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी आती है।
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3. पैराबेन्स - Parabens
बाजार में मिलने वाले विभिन्न प्रकार के काजल, लिपस्टिक, फाउंडेशन और मस्कारा में पैराबेन्स का उपयोग होता है। डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि त्वचा से अवशोषित होकर पैराबेन्स जब शरीर में अवशोषित होते है, तो एस्ट्रोजेन रिसेप्टर्स को सक्रिय कर सकते हैं। महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता होने पर अनियमित पीरियड्स, स्तन में गांठ, मूड में बदलाव और कुछ विशेष प्रकार के कैंसर का भी खतरा बढ़ता है।
4. Per- and Polyfluoroalkyl Substances
ज्यादातर लोकल ब्रांड अपने मेकअप की खूबसूरती को ज्यादा दिखाने के लिए इस केमिकल का इस्तेमाल करते हैं। यह केमिकल शरीर में ज्यादा मात्रा में जमा होने से रिप्रोडक्टिव हार्मोन बाधित होता है। यह गर्भधारण में परेशानी, मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज का कारण बनता है।
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डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि मेकअप या किसी अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट से हार्मोन असंतुलन की समस्या न हो इसके लिए महिलाओं को कोई भी चीज खरीदने से पहले लेबल पढ़ना चाहिए। लेबल पर किसी प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया गया हो, तो इसका इस्तेमाल त्वचा पर करने से बचना चाहिए। जहां तक संभव हो, त्वचा के लिए प्राकृतिक और ऑर्गेनिक मेकअप प्रोडक्ट ही प्रयोग करें।
FAQ
क्या हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है लिपस्टिक?
लिपस्टिक में कुछ केमिकल्स होते हैं, जो एंडोक्राइन डिसरप्टर्स (Endocrine Disruptors) कर सकते हैं। जिससे हार्मोन्स के असंतुलित हो सकते हैं और महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं।महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण क्या हैं?
आजकल की खराब जीवनशैली, खानपान, मोटापा और पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने की वजह से महिलाओं को हार्मोन असंतुलन की परेशानी देखी जाती है।मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे हार्मोनल असंतुलन है?
चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल उगना, वजन का बढ़ना, मुंहासे, पीरियड्स सही समय पर न आने की परेशानी तब होती है, जब हार्मोन असंतुलित हो। इन लक्षणों के नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके।