क्या हाइपोथायरायडिज्म जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है (can hypothyroidism cause joint pain)? थायराइड पुरुषों की तुलना में महिलाओं को होने वाली एक बेहद सामान्य समस्या है। यह एक लाइफस्टाइल डिजीज (lifestyle disease) है, जो थायराइड ग्रंथि में बदलाव के कारण होता है। थायराइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म (metabolism) को नियंत्रण करता है, खाने को ऊर्जा में बदलता है और हॉर्मोंस का निर्माण करता है। जब थायराइड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में हॉर्मोन का उत्पादन करती है, तो यह स्थिति हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) की होती है। वही जब हॉर्मोन का निर्माण बेहद कम होता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) कहा जाता है। हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति का वजन तेजी से बढ़ने लगता है। वह अत्याधिक तनाव, थकान और कमजोरी महसूस करने लगता है। दरअसल, हाइपोथायरायडिज्म में हमारा शरीर खाने को सही तरीके से ऊर्जा में नहीं बदल पाता है, जिससे हमें कमजोरी होने लगती है। हाइपोथायरायडिज्म में कई लोगों को जोड़ों के दर्द से भी परेशान होना पड़ता है। तो क्या सच में हाइपोथायरायडिज्म जोड़ों में दर्द का भी कारण बनता है? इस बारे में जानने के लिए हमने वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई सेंट्रल के डायबेटोलॉजिस्ट और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमश शेख (Dr Altamash Shaikh, Diabetologist and Endocrinologist, Wockhardt Hospital, Mumbai Central) से बातचीत की-
क्या हाइपोथायरायडिज्म जोड़ों के दर्द का कारण बनता है? (can hypothyroidism cause joint pain)
क्या हाइपोथायरायडिज्म में लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या से भी परेशान होना पड़ता है? इस बारे में डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि कुछ लोगों में दोनों तरह के थायराइड यानी हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म (hyperthyroidism and hypothyroidism) में मांसपेशियों, जोड़ों में कमजोरी (muscles and joint pain) हो सकती है। जिसके कारण कई लोगों को जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है। डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि थायराइड होने पर कुछ लोगों में मांसपेशियों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, सूजन और जकड़न महसूस हो सकती है। इसके अलावा कुछ थायराइड रोगियों में हथेलियों में सुन्नता, दर्द या कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी समस्या भी हो सकती है। डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि सिर्फ हाइपोथायरयाडिज्म में ही नहीं बल्कि हाइपरथायरायडिज्म में भी मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे आपको तरह-तरह के दर्द से जूझना पड़ता है। थायराइड कई अन्य गंभीर बीमारियां का भी कारण बनता है, इसलिए समय पर इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। दरअसल, हाइपोथायरायडिज्म में हमारा शरीर उतना ऊर्जा का उपयोग नहीं कर पाता है, जिससे शरीर कमजोर होने लगता है और जोड़ों में दर्द होने लगता है।
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हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण (hypothyroidism symptoms)
हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में थायराइड हॉर्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। किसी भी व्यक्ति में हाइपोथायरायडिज्म के शुरू होने पर कई लक्षण नजर आते हैं। उनमें से कुछ सामान्य लक्षण है-
- बाल झड़ना (hair fall)
- वजन बढ़ना (weight gain)
- तनाव, स्ट्रेस होना (stress)
- थकान महसूस होना (fatigue)
- कमजोरी आना (weakness)
- चेहरे पर सूजन आना (swelling)
- अनियमित मासिक धर्म होना (irregular periods)
- अधिक ठंड लगना (cold)
- स्मरण शक्ति का कमजोर होना (loss of memory)
- हृदय गति का धीमा होना (slow heart rate)
- मांसपेशियों में दर्द, अकड़न होना (muscles pain)
- जोड़ों में दर्द और जकड़न महसूस होना (joint pain)
थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म या चयापचय, मस्तिष्क, हृदय गति और लिवर स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। थायराइड में थोड़ा भी उतार-चढ़ाव आपके शरीर में बड़ बदलाव कर सकता है। हाइपोथायरायडिज्म जैसी थायराइट स्थिति के साथ हर दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म के सबसे सामान्य रूप वाले लोगों में रूमेटोइड गठिया जैसे अन्य ऑटोम्यून्यून बीमारियों के विकास का जोखिम अधिक होता है। अगर थायराइड का इलाज कराने के बाद भी आपको शरीर या जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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अगर आप भी हाइपोथायरायडिज्म की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इसे कंट्रोल में रखने के लिए आपको दवाइयों के सेवन के साथ ही अपनी लाइफस्टाइल का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। इसमें आप खुद को सक्रिय रखें और अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल करें। इससे आपका थायराइड कंट्रोल में रहेगा।