महिलाओं को थायराइड होने पर कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है? थायराइड आजकल की एक बेहद सामान्य समस्या बन गई है। थायराइड एक लाइफस्टाइल डिजीज है। अधिकतर महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित रहती हैं। थायराइड मनुष्य के द्वारा खाए गए भोजन को ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है। इसके अलावा यह हॉर्मोन का उत्पादन करता है और मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रण में रखता है। थायराइड दो तरह का होता है, इसमें हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म शामिल है। हाइपोथायरायडिज्म में थायराइड ग्रंथि हॉर्मोन का उत्पादन बहुत कम करता है। इसके अलावा जब हॉर्मोन का उत्पादन बहुत अधिक होता है, तो इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। हाइपरथायरायडिज्म को ओवर एक्टिव थायराइड और हाइपोथायरायडिज्म को अंडर एक्टिव थायराइड भी कहा जाता है।
जब थायराइड ग्रंथि सही तरीके से कार्य नहीं करती है, तो इस स्थिति में कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं। थायराइड एक लाइलाज बीमारी है, इसमें व्यक्ति को अपने थायराइड हॉर्मोन को नियंत्रण में रखने के लिए दवाइयों का सेवन करना बहुत जरूरी होता है। महिलाओं में थायराइड होने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। डॉक्टर अल्तमश शेख से जानें हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म के कारण महिलाओं को होने वाली समस्याएं-
हाइपरथायरायडिज्म होने पर महिलाओं में दिखने वाली समस्याएं
जब थायराइड ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है, तो बहुत अधिक हॉर्मोन का उत्पादन करती है। यह स्थिति हाइपरथायरायडिज्म का कारण बनता है। इसमें व्यक्ति में वजन कम होना, भूख अधिक लगना, पसीना आना, चिंता और अनिद्रा आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। इस स्थिति में महिलाओं में ऊर्जा का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव डिजीज और थायरायटिस जैसी परिस्थितियां ओवर एक्टिव थायराइड का कारण हो सकती हैं। यह स्थिति अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। लंबे समय तक थायराइड हॉर्मोन का अधिक सक्रिय रहने से महिलाओं में कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
- 1.अनिद्रा की समस्या
- 2.वजन का लगातार कम होना
- 3.थकान और कमजोरी महसूस करना
- 4.काम में मन न लगना
- 5.स्ट्रेस या तनाव और चिंता में रहना
हाइपोथायरायडिज्म होने पर महिलाओं में दिखने वाली समस्याएं
जब थायराइड ग्रंथि कम सक्रिय रहती है यानी कम हॉर्मोन का उत्पादन करती है, तो यह हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनती है। इस स्थिति में व्यक्ति का ऊर्जा स्तर बहुत कम हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है। इतना ही नहीं हाइपोथायरायडिज्म परिवार में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म होने पर महिलाओं को इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- 1.लगातार वजन बढ़ना
- 2.ऊर्जा का उपयोग कम कर पाना
- 3.मासिक धर्म में अनियमितता और भारी मासिक धर्म
- 4.अवसाद या डिप्रेशन
- 5.एमेनोरिया यानी अनुपस्थित मासिक धर्म
- हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म अंडाशय को भी प्रभावित कर सकता है।

थायराइड से होने वाली समस्याओं से ऐसे करें बचाव (prevention tips for thyroid)
थायराइड एक बेहद सामान्य समस्या है। लेकिन कई लोग इससे जूझ रहे हैं। अगर थायराइड को कंट्रोल में न रखा जाए, तो यह कई अन्य बीमारियों का भी कारण बन सकता है। इसलिए आपको इसे कंट्रोल में रखना आवश्यक होता है। थायराइड की वजह से आपको कोई दूसरी समस्या न हो, इसके लिए आप कुछ बचाव टिप्स को जरूर फॉलो करें।
- थायराइड को कंट्रोल में रखने के लिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन नियमित रूप से करें।
- थायराइड फंक्शन और हॉर्मोन लेवल की नियमित रूप से जांच करवाते रहें।
- अपनी जीवनशैली में व्यायाम या एक्सरसाइज और योग को शामिल करें। इससे बॉडी वेट मैनेज रहता है।
- थायराइड के मरीजों को अपनी डाइट का भी खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। हेल्दी इटिंग हैबिट्स को अपनाना चाहिए और अनहेल्दी इटिंग हैबिट्स से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
थायराइड की हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म दोनों ही स्थितियां गंभीर होती है। ये दोनों स्थितियां महिलाओं को कई तरह से प्रभावित करती हैं। इसलिए आपको थायराइड हॉर्मोन को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है। इसलिए समय-समय पर अपने एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से मिलते रहें।