
नमक हर खाने का स्वाद बढ़ाने वाला अहम हिस्सा है और बिना नमक के भोजन बेस्वाद लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही नमक अगर ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो यह बच्चों के दिल की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है? अक्सर माता-पिता मानते हैं कि बच्चों में हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियां नहीं होतीं और यह समस्या केवल उम्र बढ़ने के साथ सामने आती है। लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं कि बच्चों की खान-पान की आदतें ही उनके भविष्य की सेहत तय करती हैं। अपोलो इंद्रप्रस्थ हॉस्पिटल, नई दिल्ली के सीनियर कंसल्टेंट - कार्डियोवैस्कुलर एंड एओर्टिक सर्जरी, डॉ. निरंजन (Dr Niranjan Hiremath MS Senior consultant Cardiovascular and Aortic Surgery, Aortic and endovascular surgical lead, Apollo Indraprastha New Delhi) बताते हैं कि नमक स्वाद देता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इस लेख में डॉ. निरंजन से जानेंगे, क्या बचपन में ज्यादा नमक खाने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है?
क्या बचपन में ज्यादा नमक खाने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है? - Can Eating Too Much Salt In Childhood Cause Heart Disease
डॉ. निरंजन बताते हैं, ''नमक भोजन को स्वाद देता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में यह खासकर बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। मेडिकल स्टडीज साबित करती हैं कि बचपन में ज्यादा नमक खाने से न सिर्फ तत्कालीन सेहत प्रभावित होती है, बल्कि आगे चलकर दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।''
आजकल बच्चों के आस-पास ज्यादातर खाने-पीने की चीजें नमकीन और प्रोसेस्ड होती हैं। चिप्स, नूडल्स, इंस्टेंट सूप, ब्रेड, सॉस और रेडी-टू-ईट स्नैक्स में सोडियम की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि यह एक वयस्क व्यक्ति के लिए भी हानिकारक साबित हो सकती है। अगर बच्चा नियमित रूप से इन चीजों का सेवन करता है, तो वह आसानी से अपनी दैनिक जरूरत से कहीं ज्यादा नमक खा लेता है। बच्चों का शरीर अभी विकास की अवस्था में होता है। उनके गुर्दे (Kidneys), जो शरीर में सोडियम का संतुलन बनाए रखते हैं, पूरी तरह विकसित नहीं होते। ऐसे में ज्यादा नमक उनके लिए और भी नुकसानदेह साबित हो सकता है।
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शुरुआती संकेत नजरअंदाज करना - Early signs unnoticed
नमक की अधिक मात्रा बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है, लेकिन यह समस्या चुपचाप बढ़ती है। अक्सर बच्चों में ब्लड प्रेशर बढ़ने के कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते। यही कारण है कि माता-पिता इसे समझ नहीं पाते। लेकिन अंदर ही अंदर यह स्थिति धीरे-धीरे दिल और रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को नुकसान पहुंचाती रहती है। जिन बच्चों में ब्लड प्रेशर बचपन से ही ज्यादा रहता है, उन्हें आगे चलकर हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी डैमेज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।
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लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभाव - Long-term impact
नमक का अधिक सेवन शरीर में पानी रोक कर रखता है। इससे खून का वॉल्यूम बढ़ता है और धमनियों पर दबाव पड़ने लगता है। जब यह स्थिति सालों तक बनी रहती है तो धीरे-धीरे धमनियां सख्त और मोटी होने लगती हैं। यही आगे चलकर हार्ट अटैक और अन्य हार्ट डिजीज का आधार बनती हैं। यानि बचपन की खान-पान की यह आदत आने वाले दशकों में स्वास्थ्य का भविष्य तय कर सकती है।
माता-पिता क्या कर सकते हैं? - What parents can do
डॉ. निरंजन मानते हैं कि बच्चों के लिए नमक की मात्रा वयस्कों की तुलना में कहीं कम होनी चाहिए, लेकिन वास्तविकता यह है कि ज्यादातर बच्चे सुरक्षित सीमा से कहीं ज्यादा नमक खाते हैं। ऐसे में माता-पिता कुछ आसान कदम उठा सकते हैं-
- पैकेज्ड और प्रोसेस्ड स्नैक्स को सीमित करना।
- घर का ताजा और संतुलित भोजन बनाना।
- फूड्स के लेबल पढ़कर सोडियम की मात्रा पर ध्यान देना।
- बच्चों को फलों और सब्जियों की आदत डालना।
- नमक की जगह मसाले, हर्ब्स और नेचुरल फ्लेवर्स का इस्तेमाल करना, ताकि धीरे-धीरे बच्चों का स्वाद बदल सके।
निष्कर्ष
बचपन में ज्यादा नमक खाना केवल स्वाद की आदत नहीं है, बल्कि यह भविष्य में दिल की बीमारियों की नींव रख सकता है। सही खानपान और जागरूकता से माता-पिता अपने बच्चों के दिल और धमनियों को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। प्रिवेंशन बचपन से शुरू करना ही जिंदगीभर की सबसे बड़ी हेल्थ इन्वेस्टमेंट है।
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FAQ
बच्चों को रोजाना कितना नमक खाना चाहिए?
सामान्यतौर पर 5 साल से छोटे बच्चों को 2 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं देना चाहिए, जबकि बड़े बच्चों के लिए सीमा 3-5 ग्राम तक है।कौन-से फूड्स में ज्यादा नमक होता है?
चिप्स, नमकीन, नूडल्स, बर्गर, इंस्टेंट सूप, पैकेज्ड स्नैक्स, केचप और प्रोसेस्ड फूड्स बच्चों के डाइट में नमक की सबसे बड़ी वजह हैं।क्या बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर को पहचाना जा सकता है?
अधिकांश बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के स्पष्ट लक्षण नहीं होते। नियमित हेल्थ चेकअप और ब्लड प्रेशर की जांच ही इसका सही तरीका है।
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Sep 15, 2025 13:23 IST
Published By : आकांक्षा तिवारी