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क्या डिहाइड्रेशन की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है? डॉक्टर से जानें सच्चाई

डिहाइड्रेशन के कारण गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य को भारी नुकसान हो सकता है। उन्हें जन्मजात बीमारियां हो सकती हैं और जन्म के बाद वे कमजोर भी हो सकते हैं।
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क्या डिहाइड्रेशन की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है? डॉक्टर से जानें सच्चाई


Dehydration During Pregnancy Effects: डिहाइड्रेशन स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल सही नहीं है। जो लोग अपने आप को हाइड्रेट नहीं रखते हैं, उनमें कमजोरी, थकान जैसी कई समस्याएं हो जाती है। यहां तक कि डिहाइड्रेशन की वजह से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर का स्तर भी प्रभावित होने लगता है। इससे आप अदांजा लगा सकते हैं कि गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में कई लोगों में मन में यह ख्याल आ सकता है कि आखिर डिहाइड्रेशन की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को किस तरह के नुकसान हो सकते हैं? आइए, जानते हैं इस बारे में Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता की राय।

क्या डिहाइड्रेशन गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है?- Can Dehydration Affect Unborn Baby

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निश्चित रूप से यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि अगर महिला गर्भावस्था में खुद को हाइड्रेट नहीं रखती है, तो गर्भ में पल रहे शिशु पर बहुत गहरा और नकारात्मक असर पड़ सकता है। डॉ. शोभा गुप्ता स्पष्ट समझाती हैं, "अगर गर्भावस्था में महला हाइड्रेट नहीं रहती है, तो इसकी वजह से एमनियोटिक फ्लूइड का स्तर कम हो सकता है, जिसकी वजह से शिशु में जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं। यहां तक कि जन्म के समय शिशु का वजन भी कम हो सकता है।" कुल मिलाकर समझने की बात ये है कि हर महिला को गर्भावस्था के  दौरान खुद को डिहाइड्रेशन से बचाना चाहिए।

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डिहाइड्रेशन के कारण गर्भ में पल रहे शिशु को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?- Pregnancy Dehydration Risks Baby

जन्मजात समस्याएंः चूंकि, डिहाइड्रेशन की वजह से गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक फ्लूइड का स्तर प्रभावित होता है। ध्यान रखें कि एमनियोटिक फ्लूइड गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अगर इसके स्तर में कमी आती है, तो शिशु को पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते हैं। नतीजतन, उन्हें जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं

पोषक तत्वों की कमीः डिहाइड्रेशन के कारण शिशु को पर्याप्त पोषक तत्व मिलने में भी दिक्कतें आती हैं। असल में शरीर में जब पर्याप्त मात्रा में पानी होता है और पोषक तत्व पहुंचते हैं, तो ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई सामान्य बनी रहती है। नतीजतन, गर्भावस्था के पूरे सफर में गर्भस्था शिशु को जरूरत अनुसार पोषक तत्व मिलते हैं। वहीं, डिहाइड्रेशन के कारण ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स सप्लाई बाधित होने लगती है, जिससे शिशु को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। यह उनके विकास पर भी बाधा डालता है।

समयपूर्व प्रसवः जी, हां! यह सच है कि डिहाइड्रेशन के कारण समसपूर्व प्रसव भी हो सकता है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? असल में जब गर्भवती महिला डिहाइड्रेट होती है, तो ऐसे में गर्भाशय में संकुचन होने लगता है, जो कि लेबर पेन को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे में समयपर्वू डिलीवरी का जोख्मि बढ़ जाता है। ध्यान रखें कि जिन बच्चों की प्री-टर्म डिलीवरी होती है, वे बहुत कमजोर होते हैं और उनकी इम्यूनिटी भी वीक होती है। ऐसे बच्चे बहुत जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।

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डिहाइड्रेशन से बचने के लिए महिलाएं क्या करें?

  1. महिलाएं नियमित रूप से पानी पिएं और फ्लूइड इनटेक बढ़ाएं।
  2. अगर बॉडी डिहाइड्रेट हो रही है, तो इसके लक्षणों को पहचानें।
  3. अगर लंबे समय तक बॉडी डिहाइड्रेशन से गुजर रही है, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।

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निष्कर्ष

गर्भावस्था में डिहाइड्रेशन होना न सिर्फ महिला के लिए, बल्कि अजन्मे शिशु के लिए भी सही नहीं है। अगर बॉडी लंबे समय तक डिहाइड्रेट रहती है, तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु के ऑर्गन सही तरह से डेवेलप नहीं हो पाते हैं, उन्हें जन्मजात बीमारियां हो सकती हैं और समय से पहले उनका जन्म हो सकता है। यह सभी कंडीशन जन्म के बाद बच्चों की इम्यूनिटी को प्रभावित करती है। इस तरह की समस्या शिशु के साथ न आए, इसलिए आवश्यक है कि हर महिला खुद को प्रेग्नेंसी के दौरान डिहाइड्रेट जरूर रखें।

All Image Credit: Freepik

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  • Current Version

  • Sep 19, 2025 17:18 IST

    Published By : मीरा टैगोर

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