BPA Exposure During Pregnancy Could Increase Autism Risk In Baby: प्रेग्नेंसी के दौरान कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान एक अच्छा और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी सेहतमंद रखा जा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान वायरस या इंफेक्शन के संपर्क में आने से भी कई समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में फ्लोरे इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस एंड मेंटल हेल्थ के प्रोफेसर वाह चिन बून और Anne-Louise Ponsonby, द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला प्लास्टिक कैमिकल के संपर्क में आए तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु को ऑटिज्म की समस्या हो सकती है।
शिशु को हो सकती है ऑटिज्म
स्टडी के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान Bisphenol नामक प्लास्टिक कैमिकल के संपर्क में आने से महिला को शारीरिक समस्याएं होने के साथ ही शिशु पर भी असर पड़ सकता है। इससे कई बार गर्भ में पल रहे शिशु को जन्म से ही ऑटिज्म की समस्या रहती है। यह कैमिकल पॉलिकार्बोनेट के उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह कैमिकल कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाने के साथ-साथ प्लास्टिक की बोतल में भी पाया जाता है। यह कैमिकल इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट्स के साथ-साथ कई बार आंखों पर लगाए जाने वाले लेंस में भी पाया जाता है।
इसे भी पढ़ें - ऑटिज्म क्या है? जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के उपाय
BPA के संपर्क में आने के नुकसान
- BPA के संपर्क में आने से मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ने के साथ ही साथ हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- इस कैमिकल के संपर्क में आने से आपको हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या हो सकती है।
- इस कैमिकल के संपर्क में आने से कुछ मामलों में इनफर्टिलिटी की भी समस्या हो सकती है।
- ऐसे में कई बार सेल डैमेज होने के साथ ही शरीर में सूजन आ सकती है।
- कुछ मामलों में इस कैमिकल के संपर्क में आने से कैंसर भी हो सकता है।

बच्चों को ऑटिज्म से बचाने के तरीके
- बच्चों को ऑटिज्म से बचाने के लिए आपको उन्हें हेल्दी डाइट देनी चाहिए।
- इसके लिए आपको जन्म से पहले (प्रीनेटल बर्थ) से ही शिशु की देखभाल करनी चाहिए।
- ऐसे में आपको अपना ख्याल रखना चाहिए, जिससे बच्चों को ऑटिज्म न हो।
- इसके लिए बच्चों का सोशल नेटवर्क बढ़ाएं।