मौसम में बदलाव यानि जलवायु परिवर्तन होने से कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। कई बार बारिश आने के बाद एकदम से गर्मी बढ़ने या लू लगने के बाद कई बार बार सर्द-गर्म हो सकता है। लेकिन जलवायु परिवर्तन कई बार नवजात शिशुओं की मौत तक का कारण बन रहा है। जर्मनी के पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपेक्ट रिसर्चर के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक जलवायु परिवर्तन होने के कारण 4 प्रतिशत से भी ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत हो रही है। आइये विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक कुछ लोअर मिडल इनकम वाले देश जैसे सब सहारन अफ्रिका और एशिया जैसे देशों में से कुछ ऐसे मामले सामने आए, जहां जलवायु परिवर्तन के कारण 4 फीसदी से भी ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत हो रही है। स्टडी के मुताबिक इन सभी देशों में 1.5 फीसदी मौतें केवल ज्यादा गर्मी या फिर बहुत ज्यादा सर्दी होने के कारण हुई है। ऐसा ज्यादातर उन्हीं देशों में देखा गया है, जिनकी आय अन्य देशों की तुलना में कम थी। शोधकर्ताओं ने साल 2001 से 2019 तक के आंकड़े को लेकर डेटा तैयार किया है।
बच्चों को जलवायु परिवर्तन से कैसे बचाएं?
- बच्चों को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिए आपको उन्हें बाहर निकालने से बचें।
- इसके लिए नवजात शिशुओं को प्रदषण के संपर्क में आने से बचाना चाहिए।
- इसके लिए उन्हें गंदे पानी के संपर्क में आने से बचाना चाहिए।
- इसके लिए आपको बच्चों को ट्रैवल करने से बचाएं। ऐसे में उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में न ले जाएं।
- ऐसे में उन्हें धूप में न निकाले और इलेक्ट्रिक व्हीकल के संपर्क में न आने दें।
जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान
- जलवायु परिवर्तन होने से शरीर पर कई तरीकों से असर पड़ता है।
- ऐसे में आपको फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- जलवायु परिवर्तन के संपर्क में आने से आपको वेस्ट नाइल वायरस होने के अलावां इंजरी भी हो सकती है।
- ऐसे में आपको हार्ट से जुड़ी समस्याओं के साथ ही सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है।