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प्लास्टिक रैप और कार्डबोर्ड में मौजूद केमिकल्स बढ़ा सकते हैं ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम, जानें क्या कहती है स्टडी

अगर, आप भी खाने चीजों को प्लास्टिक में रखते हैं तो सावधान हो जाएं। हाल ही, एक स्टडी से पता चला है कि प्लास्टिक पैकड फूड के कैमिकल्स से कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। आगे जानते हैं इसके बारे में
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प्लास्टिक रैप और कार्डबोर्ड में मौजूद केमिकल्स बढ़ा सकते हैं ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम, जानें क्या कहती है स्टडी


घर के बाहर जाते समय ज्यादातर लोग अपने खाने को प्लास्टिक के पैकेट में रैप कर लेते हैं। इसके बाद जब आपको समय मिलता है आप भोजन कर लेते हैं। लेकिन, इस तरह की आदत आपके गंभीर रोग का कारण बन सकती है। हाल ही में हुई एक स्टडी में पाया गया कि प्लास्टिक रैप और कार्डबोर्ड मौजूद केमिकल्स आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यह ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। इससे बचने के लिए आप स्टील या कांच के टिफिन में भोजन को पैक करने की आदत डालना शुरु कर दें। इस तरह की रोजाना की जाने वाली कुछ आदतें सेहत के लिए बड़ी समस्या की वजह बन सकती हैं। आगे जानते हैं कि किस तरह से प्लास्टिक पैकट में रैप खाना आपको बीमार कर सकता है। 

प्लास्टिक रैप्स और कोर्डबोर्ड से हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर -  Plastic Wraps And Cardboard Chemicals May Increase The Risk Of Breast Cancer In Hindi 

फ्रंटियर्स ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के द्वारा एक स्टडी में पाया गया कि प्लास्टिक रैप, प्लास्टिक और कार्डबोर्ड में ऐसे कैमिकल्स पाए जाते हैं, जो लोगों में ब्रेस्ट कैंसर का कारण (Causes of breast cancer) बन सकते हैं। स्टडी में पाया गया कि प्लास्टिक रैप्स में करीब 143 कैमिकल्स और कोर्डबोर्ड से जुड़े करीब 89 कैमिकल्स सीधे तौर पर ब्रेस्ट कैंसर होने की वजह बन सकते हैं। इस तरह खाद्य पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक व कोर्डबोर्ड के करीब 200 से अधिक कैमिकल्स कैंसर का जोखिम (risk of breast cancer) बढ़ा सकते हैं।

Plastic Wraps And Cardboard Chemicals May Increase The Risk Of Breast Cancer  

किस तरह हो सकता है कैंसर का जोखिम - Risk Of Breast Cancer In Hindi 

यशोदा अस्पताल के कंसल्टेंट जनरल मेडिसिन डॉक्टर बादल बताते हैं कि प्लास्टिक रैप में बिस्फेनॉल-ए (BPA) और फैथलेट्स (Phthalates) केमिकल्स पाए जाते हैं। ये केमिकल्स प्लास्टिक को फेलिक्सिबल बनाने में मदद (What are the harmful chemicals in plastic wrap) करते हैं। लेकिन लंबे समय तक इसके उपयोग से हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है। बिस्फेनॉल-ए शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन की तरह व्यवहार करता है। स्तन कैंसर, एस्ट्रोजन की बढ़ी हुई मात्रा से संबंधित होता है, ऐसे में BPA की अधिकता स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है। वहीं, फैथलेट्स एक अन्य तरह का केमिकल है जो प्लास्टिक रैप्स को लचीला बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह केमिकल भी स्तन कैंसर जैसी बीमारियों में भूमिका निभा सकता है। 

वहीं, कुछ फूड्स की पैकेजिंग में कार्डबोर्ड का उपयोग भी किया जाता है, विशेष रूप से पिज्जा बॉक्स और अन्य फास्ट फूड पैकेजिंग में यह देखने को मिलता है। कार्डबोर्ड को वाटर प्रूफ और ऑयल प्रतिरोधी बनाने के लिए पॉलीफ्लुओरिनेटेड केमिकल्स (PFCs) का उपयोग किया जाता है। इन केमिकल्स का शरीर में अधिकता होने से कैंसर (carcinogenic) हो सकते हैं।

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डॉक्टर बताते हैं कि इससे बचने के लिए आपको कांच और स्टील के कंटेनरों का उपयोग करना चाहिए। साथ ही, पुरानी प्लास्टिक की बोतलों को घर से बाहर कर दें। इसके अलावा, ज्यादा गर्म खाने को प्लास्टिक रैप्स और कार्डबोर्ड में पैक न करें। समय-समय पर स्तनों की स्वयं जांच करें, अगर किसी भी तरह का बदलाव महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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