2 Time Breast Cancer Survivor Story in Hindi: "परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास न होने के बाद भी मुझे दो बार इस गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा।" ये कहना है दो बार ब्रेस्ट कैंसर से जंग जीत चुकी रीना पीटर का, जो आज के समय में उन महिलाओं के बीच जागरुकता फैला रही हैं और उन्हें शिक्षित कर रही हैं, जो इस गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। हर साल अक्टूबर का महीने स्तन कैंसर जागरूकता माह (Breast Cancer Awareness Month) के रूप में मनाया जाता है, जिसमें स्तन कैंसर के प्रति महिलाओं में जागरुकता (Breast Cancer Awareness) बढ़ाने, इसकी जल्दी पहचना करने और इलाज को बढ़ावा दिया जाता है। रीना पीटर भी उन्हीं महिलाओं में से एक हैं, जिन्होनें न सिर्फ एक बार बल्कि दो बार इस गंभीर बीमारी को मात दी है और आज के समय में दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। तो आइए जानते हैं किस तरह रीना पीटर ने दो बार ब्रेस्ट कैंसर को मात दी (Breast Cancer Survivor) और कैसे अपने हौंसले को बुलंद रखा।
सेल्फ-एग्जामिनेशन से ब्रेस्ट कैंसर का चला पता
रीना बताती हैं कि, "ब्रेस्ट कैंसर के सथ मेरा सफर शारीरिक और मानसिक रूप से किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं रहा है। पहली बार जब मुझे ब्रेस्ट कैंसर होने के बारे में पता चला तो ये मेरे लिए किसी सदमे से कम नहीं था। मुझे अपने कैंसर होने का पता मार्च, 2018 में रेगुलर सेल्फ-एग्जामिनेशन के दौरान चला, जब मुझे अपने ब्रेस्ट में एक असामान्य गांठ महसूस हुई। यह गांठ मुझे ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए मैंने जल्दी से अपने डॉक्टर से मिलने का फैसला किया। डॉक्टर से कसंल्ट करने के बाद कुछ टेस्ट और बायोप्सी से, मुझे ब्रेस्ट कैंसर होने के बारे में पता चला।"
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आगे जानकारी देते हुआ रीना ने कहा कि, "मेरे परिवार में पहले किसी भी महिला को ब्रेस्ट कैंसर नहीं रहा है, इसलिए मुझे ऐसी कोई बीमारी हो सकती है इस बात का अंदाजा भी नहीं था। ब्रेस्ट कैंसर होने के बरे में पता चलने के बाद मैं बहुत ज्यादा तनाव में चली गई थी, क्योंकि इसके कारण में डायग्नोस्टिक टेस्ट-मैमोग्राम, बायोप्सी और कंसल्टेशन से गुजर रही थीं। ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए मैं सर्जरी और कीमोथेरेपी जैसी ट्रीटमेंट्स से गुजरी। कीमो का सेशन मेरे लिए बहुत ज्यादा थका देने वाला था, जिसके कई साइड इफेक्ट्स भी हैं, खासकर थकान और बालों का झड़ना।"
"दूसरी बार ब्रेस्ट कैंसर ने मानसिक तौर पर किया परेशान"
दो बार ब्रेस्ट कैंसर होना किसी भी महिला के लिए तनावभरा हो सकता है। रीना बताती हैं कि, "मेरे ट्रीटमेंट के बाद मुझे कैंसर-फ्री घोषित कर दिया गया, जिसके बाद मैंने अपनी ताकत और इमोशनल हेल्थ को फिर से मजबूत करने पर फोकस किया। मुझे लगा कि मैंने इस बीमारी को पूरी तरह मात दे दी है, और अब पीछे मुड़कर दोबारा नहीं देखना है। लेकिन, कुछ साल बाद यानी दिसंबर 2020 में एक बार फिर ब्रेस्ट कैंसर ने मुझे अपनी चपेट में ले लिया। दूसरी बार इस बीमारी का सामना करना मेरे लिए मानसिक रूप से और ज्यादा मुश्किल था, क्योंकि मुझे पता था कि किन चीजों से दोबारा गुजरना पड़ेगा। हालांकि, मैं पहले से ज्यादा तैयार थी, क्योंकि मुझे पता था कि किन ट्रीटमेंट्स का सामना करना है, किमो के साइड इफेक्ट्स को बेहतर तरीके से कैसे मैनेज करना है। एक बार फिर मैंने सर्जरी करवाई और रेडिएशन करवाया। इस बार रिकवरी अलग थी, मैं अपनी फिजिकल रिकवरी के साथ-साथ अपने मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान दें रही थी।"
"दो बार ब्रेस्ट कैंसर के दौरान कई समस्याओं का किया सामना"
रीना बताती हैं कि, "ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान, इमोशनल चुनौतियां, शारीरिक परेशानियों से ज्यादा मुश्किल थीं। डर और कुछ भी हो जाने का खौफ हमेशा मेरे साथ रहता था। खासकर शुरुआती दिनों में मैं इस बीमारी से बाहर निकलने का रास्ता और इस बीमारी का मेरे जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने की कोशिश कर रही थी। कीमोथेरेपी के दौरान बालों के झड़ने और इसके अन्य साइड इफेक्ट्स के कारण मेरी हिम्मत कमजोर हो रही थी। अपनों के बीच रहने के बाद भी अकेलेपन महसूस होता था, क्योंकि आपके साथ रहने वालों को भी नहीं पता होता है कि आप किन परेशनियों का सामना कर रहे हैं। कैंसर से निपटने के लिए मैंने अपने सपोर्ट सिस्टम, परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों पर भरोसा किया। ऐसे लोगों से बात की, जो इस बीमारी से गुजर कर सफलतापूर्वक निकल चुके थे। ऐसा करने से मुझे अकेलापन कम महसूस हुआ। मैंने माइंडफुलनेस और मेडिटेशन का अभ्यास भी किया, जिससे मुझे एंग्जाइटी कम करने में मदद मिली।"
"ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कई थेरेपी से गुजरी"
रीना ने बताया कि "ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए दोनों समय मैंने सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और टारगेटेड थेरेपी जैसे ट्रीटमेंट करवाएं। सर्जरी शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन मैनेजेबल थी। कीमोथेरेपी सबसे मुश्किल थी, जिसमें बहुत थकान और बाल झड़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जबकि रेडिएशन ने मुझे काफी थका दिया। हालांकि, इसके बहुत कम साइड इफेक्ट्स हुए। हर ट्रीटमेंट में मैंने अलग-अलग चुनैतियों का सामना किया।"
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रीना ने लाइफस्टाइल में किए कई बदलाव
ब्रेस्ट कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान रीना ने खुद को हाइड्रेटेड रखने की कोशिश की, अच्छा खाने, खुद को ऑफिस के कामों में व्यस्त रखने, मेडिटेशन करने और जितना संभव हो सके आराम करने को प्राथमिकता दी, ताकि थेरेपी और ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स को मैनेज करने में मदद मिल सके। रीना बताती है कि, "डॉक्टर की सलाह पर मैंने मतली की समस्या से राहत पाने के लिए दवाइयां ली, इमोशनल तनाव से निपटने के लिए माइंडफुलनेस का अभ्यास किया। ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद से रेगुलर एक्सरसाइज और तनाव को दूर करने पर भी फोकस किया। इन बदलावों ने न सिर्फ मेरी एनर्जी को बढ़ाया, बल्कि मेरे मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक सुधार किया है। इस गंभीर बीमारी के दौरान मेरे परिवार, दोस्तों और अभी और जीने की इच्छा ने मुझे दोनों बार पॉजिटिव रहने में मदद की है।"
महिलाओं के लिए रीना का संदेश
महिलाओं को मैसेज देते हुई रीना ने कहा कि, "सेल्फ-एग्जामिनेशन, मैमोग्राम और नियमित जांच की मदद से आप ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान सकते हैं, जो आपको जल्दी इस बीमारी को जानने और इसके सही इलाज में मदद कर सकता है।" इसके साथ ही ब्रेस्ट कैंसर से जुझ रही महिलाओं का हौंसला बढ़ाते हुए रीना ने कहा कि, "अगर कोई महिला ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना कर रही हैं तो वे खुद को मजबूत रखने की कोशिश करें और याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। खुद पर भरोसा रखें और एक बार में एक फैसला लें, अपनी ताकत पर भरोसा रखें। हर व्यक्ति का जीवन अलग होता है, इसलिए उनकी समस्याएं भी अलग-अलग होती हैं। आप सिर्फ अपने शरीर की सुनें। जरूरत पड़ने पर दूसरों की मदद मांगें और खुद को अकेला रखने या नकारात्मक विचारों से बचाने की कोशिश करें। साथ ही डॉक्टर द्वारा दी जाने वाले सलाह को फॉलो करें।