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शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल गया है ब्रेस्ट से शुरू हुआ कैंसर? जानें सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम अधिक होता है। इस लेख में जानते हैं कि सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है। साथ ही, इस समस्या के क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
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 शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल गया है ब्रेस्ट से शुरू हुआ कैंसर? जानें सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण


Secondary Breast Cancer In Hindi: महिलाओं को समय-समय पर अपना कम्प्लीट बॉडी चेकअप कराना चाहिए। इससे आपको समय रहते कई बीमारियों का पता चल सकता है। महिलाओं को स्तन कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है। जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है उन्हें यह गंभीर बीमारी अन्य अंगों तक फैलने का डर हर समय लगा रहता है। डॉक्टर के अनुसार जब कैंसर की सेल्स ब्रेस्ट को प्रभावित करने के बाद अन्य अंगों को प्रभावित करते हैं तो इसे सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं। इसे मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यह स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर होता है। ब्रेस्ट कैंसर होने पर महिलाओ को हड्डियों, लिवर, लंग्स और ब्रेन में कैंसर सेल्स फैलने का जोखिम सबसे अधिक होता है। इसके इलाज की प्रक्रिया काफी मुश्किल भरी होती है। इसका इलाज मुख्य रूप से कैंसर के अन्य अंगों में फैलने के रोकने और लक्षणो को कम करने के लिए किया जाता है। इससे मरीज की लाइफस्टाइल में कुछ हद तक सुधार होता है। इस लेख में अंकुर अस्पताल की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉ. मधुलिका सिंह से जानते हैं कि सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है (What is Secondary Breast Cancer) और इसका इलाज कैसे किया जाता है। 

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर के क्या कारण होते हैं? -  Causes Of Secondary Breast Cancer In Hindi 

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर तब होता है जब ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाएं (Cells) रक्त या लसीका तंत्र (lymphatic system) के द्वारा शरीर के अन्य हिस्सों में फैलती हैं। ये कोशिकाएं तब तक फैलती हैं, जब तक प्राइमरी ब्रेस्ट कैंसर का इलाज पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो पाता है या जब कैंसर बहुत आक्रामक होता है। वैसे, तो ब्रेस्ट कैंसर का इलाज काफी प्रभावी होता है। लेकिन, कुछ मामलों में ये काफी आक्रमक हो जाता है। जिसके बाद ये धीरे-धीरे फैलकर अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। 

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण क्या होते हैं? - Symptoms Of Secondary Breast Cancer In Hindi 

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण प्रभावित अंग और इसे फैलाव पर निर्भर करती हैं। इस समस्या के कुछ सामान्य लक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आगे जानते हैं इनके बारे में

लिवर की समस्या (Liver Problems)

अगर, कैंसर के सेल्स लिवर में फैल जाते हैं, तो पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, मतली, भूख कम लगना और अचानक वजन कम होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। लिवर शरीर के विषैले पदार्थों को साफ करने में मदद करता है, लेकिन जब इसमें कैंसर के सेल्स फैलते हैं तो  लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इससे त्वचा और आंखों में पीलापन (जॉन्डिस) भी हो सकता है।

Secondary Breast Cancer in Hindi

हड्डियों में दर्द होना (Bone Pain)

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक हड्डियों में फैलता है। इस स्थिति में पीठ, कूल्हों या पसलियों में लगातार दर्द महसूस हो सकता है, जो समय के साथ बढ़ता जाता है। हड्डियों में कैंसर फैलने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर (हड्डी टूटने) का खतरा बढ़ जाता है। 

सांस लेने में कठिनाई होना (Shortness of Breath)

यदि सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स फेफड़ों में फैल जाते हैं, तो मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में सांस फूलना, सीने में भारीपन, और खांसी आने के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस समस्या में फेफड़ों में पानी भरने की समस्या हो सकती है। 

थकान (Fatigue)

कैंसर के किसी भी रूप में थकान एक सामान्य लक्षण होता है, लेकिन सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर में व्यक्ति को बार-बार थकान हो सकती है। मरीज को बिना किसी खास शारीरिक गतिविधि के भी बहुत ज्यादा थकान महसूस हो सकती है। इस थकान आगे चलकर मरीज को रोजाना के काम करना भी मुश्किल हो जाता है। 

अचानक वजन घटना (Sudden Weight Loss)

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर में अचानक वजन कम होना एक सामान्य लक्षण माना जाता है, खासकर जब कैंसर लिवर या पाचन तंत्र पर प्रभाव डालता है। भूख में कमी, मतली, और शारीरिक कमजोरी वजन कम होने का कारण बनते हैं। यह लक्षण कैंसर के शरीर में फैलने का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Secondary Breast Cancer In Hindi 

  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दी जाती है। यह पूरे शरीर में फैलने वाले कैंसर के लिए उपयोगी हो सकती है।
  • हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy): यदि कैंसर हार्मोन के प्रति संवेदनशील होता है, तो हार्मोन थेरेपी कैंसर को बढ़ने को रोकने में मदद कर सकती है।
  • इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy): यह थेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती है।
  • टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy): यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं के जीन, प्रोटीन, या टिश्यू को टारगेट करती है।
  • रेडियोथेरेपी (Radiotherapy): कैंसर फैलने वाले हिस्सों, जैसे हड्डियों या ब्रेन, में रेडियोथेरेपी का उपयोग दर्द को कम करने और कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
  • सर्जरी: कुछ मामलों में, यदि मेटास्टैटिक कैंसर किसी एक जगह पर केंद्रित है, तो सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है।

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सेकेंडरी ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर और जटिल स्थिति है, जिसे प्राइमरी ब्रेस्ट कैंसर के फैलने का कारण माना जाता है। इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हड्डियों में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, थकान और अचानक वजन कम होना जैसे लक्षण सामान्य तौर पर देखे जाते हैं। उचित समय पर जांच और सही इलाज से इस स्थिति को मैनेज किया जा सकता है, जिससे रोगी की जीवनशैली में सुधार हो सकता है।

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