Can Lung Cancer Affect The Liver In Hindi: हाल के सालों में हमने देखा है कि कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है। क्योंकि कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो जानलेवा है। जब भी किसी को कैंसर हो जाता है, तो यही मान लिया जाता है कि मरीज बमुश्किल 5 साल की जिंदगी जी सकेगा। इसमें भी लाखों-करोड़ों का खर्चा उठाना पड़ता है। बहरहाल, कैंसर कई प्रकार के होते हैं। इसमें लंग कैंसर यानी फेफड़ों का कैंसर काफी कॉमन माना जाता है। हमारे यहां युवा इसकी चपेट में अधिक आते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि हम फेफड़ों के कैंसर के कैंसर को लेकर जागरूक रहें। इसके लक्षणों को पहचानें। साथ ही यह भी जानें कि यह शरीर के किस-किस हिस्से को प्रभावित कर सकता है। कई लोगों के मन में यह अवधारणा है कि फेफड़ों के कैंसर से लिवर प्रभावित हो सकता है। सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है? आइए, इस संबंध में विस्तार से जानते हैं।
क्या फेफड़ों के कैंसर से लिवर प्रभावित होता है?
जैसा कि आप यह बात जानते ही हैं कि फेफड़ों के कैंसर बहत ही घातक है। फेफड़ों के कैंसर का कैंसर होने पर कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं, जैसे खांसी लंबे समय तक बनी रहना। तमाम इलाजों के बावजूद खांसी ठीक न होना। सीने में दर्द, खांसी के साथ-साथ खून निकलना, अचाकन वजन कम हो जाना आदि भी फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हैं। खैर, जहां तक इस बात का सवाल है कि क्या फेफड़ों के कैंसर लिवर को भी प्रभावित कर सकता है? इस संबंध में एक्सपर्ट्स का कहना है कि हां, ऐसा होता है। असल में कैंसर शरीर के जिस भी हिस्से में हो, वहां से निरंतर फैलता रहता है। इसलिए, फेफड़ों का कैंसर भी एक समय बाद लिवर तक पहुंच सकता है। ऐसे में फेफड़ों के साथ-साथ लिवर के फंक्शन भी प्रभावित होने लगते हैं।
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फेफड़ों के कैंसर लिवर को कैसे प्रभावित करता है?
- फेफड़ों का कैंसर जब लिवर तक पहुंच जाता है, तो इससे लिवर फंक्शन इफेक्ट होने लगते हैं। आपको बता दें कि इस अवस्था को लंग कैंसर मेटास्टैटिक कहते हैं। इसे सरल भाषा में कह सकते हैं कि अब लंग कैंसर लिवर तक पहुंच चुका है।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि लंग कैंसर के मरीजों में करीब 40 फीसदी ऐसे होते हैं, जिन्हें लंग कैंसर मेटास्टैटिक हो जाता है। हालांकि, यह बहुत घातक ही स्थिति होती है। ऐसा कैंसर के चौथे स्टेज में देखने को मिलता है। इसका मतलब होता है कि कैंसर लगातार फैल रहा है और ट्रीटमेंट के बावजूद वह रुक नहीं रहा है।
- यही नहीं, कई बार फेफड़ों का कैंसर जब लिवर को प्रभावित करने लगता है, तो शुरुआती दिनों में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, धीरे-धीरे चीजें बदलने लगती हैं। जैसे, उल्टी और मतली होना।
- अगर कैंसर सेल्स लिवर में पहुंचकर अपना आकार बढ़ाते हैं, तो इससे बाइल डक्ट प्रभावित हो सकता है या ब्लॉक हो सकता है। नतीजतन, जॉन्डिस जैसी बीमारी का रिस्क भी बढ़ जाता है।
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि लंग कैंसर में भी सेल्स लगातार ग्रो करते हैं। नतरीजतन एक समय बाद यह लिवर के फंक्शन को प्रभातिव कर सकते हैं। इसलिए, फेफड़ों का कैंसर होने पर अपने ट्रीटमेंट में लापरवाही करना सही नहीं है।
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