Pregnancy Weight Gain Risks: प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ना स्वाभविक होता है। इस दौरान गर्भ में शिशु का विकास होता है और जैसे-जैसे उसका शरीर बनता है, महिला का वजन बढ़ता जाता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के सफर में ज्यादातर महिलाएं अपने बढ़ते वजन को लेकर चिंतित नहीं होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर इन दिनों भी ओवर वेट होना सही नहीं होता है? जी, हां! यह पूरी तरह सच है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं ओवर वेट हो जाती हैं, तो उन्हें कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से हम जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में ओवर होने से किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में ओवर वेट होने के नुकसान- Health Risks Of Gaining Too Much Weight During Pregnancy
डॉ. शोभा गुप्ता की मानें, तो प्रेग्नेंसी में ओवर वेट होना न सिर्फ महिला के लिए नुकसानदायक है, बल्कि गर्भस्थ शिशु पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है-
महिलाओं के लिए
जेस्टेशनल डायबिटीजः जिन महिलाओं का वजन प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ जाता है, उनमें जेस्टेशनल डायबिटीज यानी गर्भकालीन मधुमेह का रिस्क बढ़ जाता है। मधुमेह अपने आप में गंभीर समस्या है, वहीं अगर महिला को गर्भावस्था में डायबिटीज हो जाता है यानी ब्लड शुगर स्पाइक करता है, तो ऐसे में डिलीवरी के समय दिक्कतें आ सकती हैं।
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हाई ब्लड प्रेशरः मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर होने के मुख्य कारणों में से एक है। असल में प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। मोटापे का हार्मोनल बदलाव पर नेगेटिव असर पड़ सकता है, जो कि हाई ब्लउ प्रेशर की वजह बनता है। आपको बात दें कि हाई ब्लड प्रेशर होने पर ब्लड वेसल्स स्टिफ हो जाती हैं, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो सही तरह से नहीं हो पाता है।
डिलीवरी में दिक्कतेंः प्रेग्नेंसी में महिलाओं का ओवर वेट होना डिलीवरी से संबंधित समस्याएं भी खड़ी करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट से भी यह साबित होता है कि मोटापे के कारण सी-सेक्शन का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मोटापे के कारण वजाइनल डिलीवरी काफी मुश्किल हो जाती है।
भविष्य से जुड़ी परेशानियांः विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है, डिलीवरी के बाद उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का रिस्क बढ़ जाता है। इसमें पोस्टपार्टम हेमरेज, सी-सेक्शन के कारण हुए घाव में इंफेक्शन और वेट रिटेंशन। ध्यान रखें कि वेट रिटेंशन की वजह से भविष्य में इन महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियोवास्कुलर डिजीज होने का जोखिम भी बना रहता है।
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गर्भस्थ शिशु के लिए
प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है, उनके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बाधित होता है। यहां तक कि कई कई बच्चे प्री-मैच्योर पैदा होते हैं। चूंकि, जन्म से ही ये बच्चे कमजोर होते हैं, भविष्य में भी इन्हें कई बीमारियों का रिस्क रहता है। एनसीबीआई एक अन्य रिपोर्ट यह बताती है कि जिन महिलाओं का वजन प्रेग्नेंसी में ज्यादा होता है, उनके बच्चे भी भविष्य में मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य वजन बढ़ने का मतलब है कि शिशु का विकास सही तरह से हो रहा है। अगर इस जर्नी के दौरान महिला ओवर वेट हो जाती हैं, तो उन्हें अपनी हेल्थ ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह कई तरह के हेल्थ रिस्क साथ में लाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ते वजन के कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई गंभीर बीमारिंया हो सकती हैं और शिशु के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
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Sep 18, 2025 12:51 IST
Published By : मीरा टैगोर