
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव की वजह से कई समस्याएं होती हैं। इस दौरान खानपान और शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव कई गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं। ज्यादातर महिलाओं का यह सवाल होता है कि प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए? दरअसल प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर (Blood Pressure Druing Pregnancy in Hindi) की रेंज में बदलाव की वजह से महिलाओं के शरीर में कई गंभीर समस्याएं होती हैं। कई महिलाओं में यह देखा गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान उनके पैरों में सूजन की समस्या होती है जिसे हाई ब्लड प्रेशर का लक्षण भी माना जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर हाई होना प्री एक्लेम्पशिया (Pre-Eclampsia) कहा जाता है। इसके अलावा कुछ महिलाओं में खानपान और लाइफस्टाइल के कारण प्रेगनेंसी के दौरान लो बीपी की समस्या होती है। प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर में बदलाव और इसका असामान्य स्तर मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए ही खतरनाक हो सकता है। आइये जानते हैं गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए और प्रेगनेंसी में बीपी बढ़ने से क्या समस्याएं हो सकती हैं?
प्रेगनेंसी में कितना होना चाहिए ब्लड प्रेशर? (Blood Pressure Range in Pregnancy)
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव की वजह से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इस दौरान महिलाओं में हाई बीपी और लो बीपी की समस्या हो सकती है। स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ विजय लक्ष्मी के मुताबिक प्रेगनेंसी में महिलाओं का ब्लड प्रेशर कई कारणों से बढ़ और घट सकता है। इसके लिए आपकी लाइफस्टाइल के साथ ही खानपान और शरीर की आंतरिक स्वास्थ्य स्थिति भी जिम्मेदार मानी जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को हमेशा ये कोशिश करनी चाहिए कि इस दौरान उनका रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर सामान्य ही रहे। इस दौरान ब्लड प्रेशर घटने या बढ़ने से दिल से जुड़ी बीमारियां, किडनी फेलियर और लकवा लगने की समस्या हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का ब्लड प्रेशर सामान्य रेंज से कम या ज्यादा नहीं होना चाहिए। कई बार अस्थाई रूप से महिलाओं का रक्तचाप या बीपी घट या बढ़ सकता है लेकिन ये कुछ समय बाद खुद ही सामान्य हो जाता है। सामान्य रूप से गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का ब्लड प्रेशर 120/80 मिमी HG के भीतर होना चाहिए। ब्लड प्रेशर इससे ज्यादा होने पर आपको हाई बीपी की समस्या हो सकती है।
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प्रेगनेंसी में हाई बीपी की समस्या (High Blood Pressure During Pregnancy)
प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर का सामान्य से अधिक होना हाई बीपी की समस्या है। यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है। प्रेगनेंसी में हाई बीपी होने पर आपको चक्कर आने की समस्या या आंखों के सामने धुंधला दिखाई देना हो सकता है। प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर अगर 120/80 mm HG से ज्यादा है और यह लगातार कई दिनों के लिए बना रहता है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। इसलिए आपको हमेशा अपना ब्लड प्रेशर ट्रैक करते रहना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर बढ़ने पर आपको ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- बार-बार चक्कर आना।
- पेशाब कम बनना।
- आंखों के सामने अंधेरा छा जाना।
- अचानक वजन बढ़ने लगना।
- गंभीर सिरदर्द।
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द।
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प्रेगनेंसी में लो बीपी की समस्या (Low Blood Pressure in Pregnancy)
ब्लड प्रेशर का स्तर जब सामान्य से कम हो जाता है तो इसे लो ब्लड प्रेशर की स्थिति माना जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर लो होने के कई कारण होते हैं। लो ब्लड प्रेशर होने पर आपका ब्लड प्रेशर रेंज सिस्टोलिक - 90 mm Hg से कम और डायास्टोलिक - 60 mm Hg से कम होता है। कई बार यह समस्या अस्थाई कारणों से होती है और अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कुछ मामलों में यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है। इसलिए महिलाओं को समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर ट्रैक करते रहना चाहिए। प्रेगनेंसी में लो बीपी की समस्या होने पर आपको ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- चक्कर आना।
- बेहोशी।
- मतली और उल्टी।
- अत्यधिक प्यास लगना।
- स्किन का नीला पड़ना।
- सांस फूलना या गहरी सांस आना।
- ध्यान लगाने में दिक्कत।
प्रेगनेंसी में बीपी बढ़ने से होनी वाली समस्याएं (High BP Complications in Pregnancy)
प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से आपको कई समस्याएं हो सकती हैं। लगातार गंभीर रूप से हाई बीपी के रहने की वजह से न सिर्फ गर्भवती महिला को दिक्कत होती है बल्कि इसकी वजह से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान पहुंचता है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से अपरा में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है और इसकी वजह से शिशु तक जरूरी पोषण और ऑक्सीजन कम मात्रा में पहुंचता है। इसकी वजह से शिशु का विकास प्रभावित होता है। अगर प्रेगनेंसी के दौरान लगातार गर्भवती महिला को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ता है तो इसकी वजह से आपको प्री-एक्लेमप्सिया की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से समय से पहले शिशु का जन्म भी हो सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में हाई बीपी की वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियां, हार्ट फेलियर का खतरा रहता है।
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प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने के उपाय (How To Control Blood Pressure in Pregnancy?)
प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए आपको लगातार अपने ब्लड प्रेशर को ट्रैक करते रहना चाहिए। इसके अलावा खानपान पर ध्यान देने और लाइफस्टाइल से जुड़े जरूरी बदलाव करने से आप इसे कंट्रोल में रख सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से आपको ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने में फायदा मिलेगा। इसके अलावा नमक का सेवन संतुलित करने से आप प्रेगनेंसी में ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियों को दूर कर देते हैं। प्रेगनेंसी में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ जैसे छाछ, जूस, नारियल पानी और लस्सी आदि का सेवन करना चाहिए। ब्लड प्रेशर से जुड़े लक्षण दिखने पर आपको तुरत डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
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