प्रग्नेंसी में डायबिटीज (diabetes in pregnancy in hindi) यानी कि शुगर की बीमारी तब होती है जब आपका शरीर गर्भावस्था के दौरान शुगर पचाने के लिए जरूरी इंसुलिन नहीं बना पाता है। होता ये है कि गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर विशेष हार्मोन बनाता है और कई परिवर्तनों से गुजरता है, जैसे कि वजन बढ़ना (weight gain in pregnancy)। इन परिवर्तनों के कारण, आपके शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं करती हैं और कई बार इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) हो जाती हैं। इस पूरी स्थिति को जेस्टेशनल डायबिटीज या गेस्टेशनल डायबिटीज (gestational diabetes in hindi) कहते हैं। जेस्टेशनल डायबिटीज होने पर सबसे बड़ी चुनौती होती है, कि शुगर कैसे कंट्रोल किया जाए और इसे कंट्रोल करने के लिए गर्भवती मां की डाइट (gestational diabetes diet) कैसी हो? जेस्टेशनल डायबिटीज डाइट के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने डॉ. आराधना सिंह (Dr. Aradhna Singh), (Senior Consultant, Obs & Gyne) फोर्टिस अस्पताल, नोएडा से बात की।
प्रग्नेंसी में डायबिटीज हो तो क्या खाएं?
डॉ. आराधना सिंह (Dr.Aradhna Singh) प्रग्नेंसी में डायबिटीज को लेकर बताती हैं कि प्रेग्नेंसी खुद ही एक डायबिटोजेनिक कंडीशन (diabetogenic condition)होती है, तो प्रेग्नेंसी में जो थोड़े भी डायबिटीक लोग होते हैं, उनमें शुगर बढ़ने की संभावनाएं होती हैं। इसलिए जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने पर आप हेल्दी चीजों को सेवन करें। ऐसे में आपको कुछ बातों पर खास ध्यान देना चाहिए। जैसे कि
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1. कार्ब्स की मात्रा कम
आपके खाने का आधे से कम कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आना चाहिए। यानी कि खाने में कार्ब्स की मात्रा कम होनी चाहिए। इसमें भी आपको हेल्दी कार्ब्स का चुनाव करना है, जिसमें कि आपको ज्यादातर उन चीजों का सेवन करना है जो कि कॉम्प्लेक्स कार्ब्स (complex carbohydrates)हों। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स में उन चीजों को ज्यादा मात्रा में जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो।
2. सिंपल कार्बोहाइड्रेट से करें परहेज़
सिंपल कार्बोहाइड्रेट (simple carbohydrates) यानी कि वो खाने की चीजें जिनमें रिफाइंड कार्ब्स होते हैं, जैसे कि प्रोसेस्ड फूड्स (processed food)जिसमें कि
- -मैदा
- -चीनी
- -चिप्स
- -पेस्ट्री केक
- -कोक और सोडा खाने -पीने से बचें।
ये चीजें आपके शुगर को तुरंत बढ़ाएंगे, जिससे आपका बच्चा भी मोटापे का शिकार हो सकता है। तो, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है आपका ब्लड शुगर ज्यादा न बढ़े नहीं तो ये सीधे आपके बच्चे में भी जा सकता है।
3. कार्ब्स के साथ फैट और प्रोटीन का रखें कॉम्बिनेशन
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि आप अपने खाने में कार्ब्स के साथ फैट और प्रोटीन की मात्रा को भी संतुलित करें। ऐसा न करें कि कोई भी ज्यादा खाएं और कोई चीज कम। आपको अपनी डाइट को हेल्दी रखने के साथ संतुलित भी रखना चाहिए। इसके लिए फल और हरी सब्जियों के साथ दाल आदि का सेवन करें। सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियों का चुनाव करें।
4. हाई फाइबर
हाई फाइबर से भरपूर चीजों (foods with high fiber)का सेवन करें। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइबर ब्लड शुगर में अचानक से बढ़ोतरी को रोकता है। इसे खाने के आपका ब्लड शुगर लेवर धीमे-धीमे बढ़ता है और डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। हाई फाइबर लेने के लिए आप
- -ब्राउन ब्रेड
- -ब्राउन राइस
- -कॉर्नफ्लेक्स
- -ड्राई फ्रूट्स
- -जौ
- -दलिया आदि ले सकते हैं।
हाई फाइबर को लेने के कई और फायदे भी हैं, जैसे कि ये कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। दरअसल, पाचन तंत्र में फाइबर की उपस्थिति शरीर के कोलेस्ट्रॉल अवशोषण को कम करने में मदद कर सकती है। साथ ही ये प्रेग्नेंसी में वजन को भी संतुलित रखने का काम करता है। इसके अलावा, फाइबर की उपस्थिति पेट में पाचन को धीमा कर सकती है जिससे आपको अधिक समय तक भरा हुआ महसूस करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही हाई फाइबर प्रेगनेंसी में कब्ज की समस्या (constipation in pregnancy) को भी दूर करने में मदद करता है। जो महिलाएं कब्ज या आमतौर पर सुस्त पाचन क्रिया से जूझ रही होती हैं, उनके लिए फाइबर स्वाभाविक रूप से पाचन तंत्र में थोक जोड़ता है, जो कि आपके शरीर इसे पचता नहीं है। यह आंतों को उत्तेजित करता है। इस तरह ये मोशन को सही करके कब्ज की परेशानी को दूर करता है। इस तरह ये तमाम चीजें मिव कर ब्लड शुगर नियंत्रण को बढ़ावा देते हैं।
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5. 3 बार की खाने की जगह 6 बार खाएं
डॉ. आराधना कहती हैं कि डायबिटीक महिलाओं को दिन भर में 3 बार बड़े भोजन की जगह 6 बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाना चाहिए। नॉर्मल शुगर लेवल बनाए रखने के लिए पूरे दिन हल्का-हल्का कुछ न कुछ खाते रहें और एक बार ज्यादा खाने से बचें। इसलिए ऐसे में आपको एक सही डाइट प्लॉन करना चाहिए और उसमें कार्ब्स के साथ फैट और प्रोटीन का कॉम्बिनेशन रखते हुए हर चीज को बैलेंस तरीके से खाना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपकी कोई भी डाइट छोड़े नहीं जैसे कि नाश्ता या लंच आदि। समय से भोजन करते रहें।
जेस्टेशनल डायबिटीज में किन फलों का सेवन करें (fruits for gestational diabetes)?
एक दिन में 2 से 4 सर्विंग फ्रूट्स खाएं। इनमें आप केला, सेब, नारंगी बेरीज , स्ट्रॉबेरीज और खजूर आदि का सेवन कर सकते हैं। बस ध्यान रहे कि डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूट्स प्रोडक्ट्स का सेवन न करें। साथ ही इन फलों को आप साबुत लें नाकि इनका जूस लें। दरअसल, जूस लेने से इनमें फाइबर की मात्रा घट जाती है और ये शरीर को उतना फायदा नहीं पहुंच पाते। इसलिए कभी भी जूस की जगह सीधे फ्रूट्स ही खाएं।
फल खाने के हेल्दी तरीके -Healthy Ways to Eat Fruit
आपकी छोटी-छोटी कोशिश भी आपके ब्लड शुगर के स्तर में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप फलों को खाने का तरीका भी जानें। जैसे कि
- -दो बड़े चम्मच किशमिश में एक छोटे सेब के बराबर ही कार्ब्स होते हैं। इसलिए इससे ज्यादा न खाएं।
- - फ्रूट सॉस या जूस में अधिक कार्ब्स होते हैं और यह आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए इन्हें लेने से बचें।
- -नाश्ते में दो फलों को खाने के बजाय, एक नाश्ते में और दूसरा दोपहर के भोजन में या शाम को खाएं।
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प्रेग्नेंसी में क्रेविंग होने पर डायबिटीक महिलाएं क्या करें ?
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को क्रेविंग भी बहुत ज्यादा होती है। क्रेविंग में महिलाएं मन-चाही चीजों को खाने की चाहत रखती हैं, पर कई बार ये अनहेल्दी हो जाता है। पर डायबिटीद महिलाओं के लिए ये खतरनाक हो सकता है और जरूरी है कि इस स्थिति से बचा जाए। ऐसे में आपको क्रेविंग में हल्की चीजों का सेवन करना चाहिए। जैसे कि
- -टोनंड मिल्क लें।
- -ड्राई फ्रूट्स को स्नैक्स की तरह लें।
- -फलों से बना फ्रूड सैलड ले लें।
- -सलाद लें।
पर इस दौरान मीठे में लड्डू, पराठे, पूरी और ज्यादा तेल-मसाले वाली चीजों को ना खाएं। इससे ब्लड शुगर अचानक से बढ़ता है और ये पूरे मेटाबोलिज्म को भी खराब करने का काम करता है।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि आप लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) फूड्स के बारे में भी जानें। ये मापता है कि भोजन आपके ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करता है। ज्यादातर लो-जीआई फूड (Low GI foods) खाने से आपको अपने ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है। वहीं हाई जीआई वाले फूड्स (High GI foods)आपके ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं। इसलिए जेस्टेशनल डायबिटीज में डाइट प्लॉन करते समय इन दोनों चीजों के बारे में जरूर ध्यान रखें, ताकि आपका डायबिटीज कंट्रोल में रहे और हेल्दी और हैप्पी प्रेग्नेंसी से गुजरें।
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