मखाना एक जलीय उत्पाद है जो झील, तालाब, दलदली क्षेत्रों में उगता है। इसके बीज दिखने में सफेद रंग का होता है। इसके बीजों का सेवन खीर, मिठाई, नमकीन आदि रूपों में करते हैं। गर्भवस्था में भी इसे खाना बहुत लाभकारी रहता है। पर ध्यान रहे कि सीमित मात्रा में ही इसका सेवन किया जाए। गर्भावस्था में कई तरह की क्रेविंग (Makhana craving during pregnancy) होती है, तो अगर किसी को मखाने की क्रेविंग हो रही है तो आप खुद को रोकें न। प्रेग्नेंसी में मोडरेशन में मखाने (Makhana during pregnancy) का सेवन दिन में कर सकती हैं। मखाने में कई ऐसे पोषक तत्त्व होते हैं जिनके सेवन से मां और शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं। मखाने से जरूरी पोषक तत्त्व दोनों को मिलते रहते हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे मखाने में कौन से पोषक तत्त्व होते हैं और गर्भावस्था में इसे खाने के क्या फायदे हैं।
मखाने में मौजूद पोषक तत्त्व
- मखाने में 9.7% आसानी से पचनेवाला प्रोटीन
- 76% कार्बोहाईड्रेट,
- 12.8% नमी,
- 0.1% वसा,
- 0.5% खनिज लवण,
- 0.9% फॉस्फोरस
- पानी (14.6ग्राम)
- एनर्जी (32Kcal)
- कैल्शियम (16mg)
- आयरन (3.53mg)
प्रेग्नेंसी में मखाने के फायदे
मखाने में कार्बोहाइ्रेट से लेकर आयरन तक सभी पोषक तत्त्व होते हैं, इसलिए यह प्रेग्नेंसी में खाने में फायदेमंद होते हैं। गर्भावस्था में मखाने के फायदे निम्न हैं-
आयरन की कमी करे दूर
एक महिला के जीवन में शरीर से खून निकलने की मात्रा ज्यादा होता है। कभी माहवारी, कभी गर्भापात को कभी प्रेग्नेंसी या डिेलेवरी के दौरान बहुत ज्यादा खून महिला के शरीर से निकलता है। ऐसे में उनके शरीर में खून की कमी होने लगती है। लेकिन गर्भावस्था में मखाने खाने से शरीर में आयरन की कमी पूरी होती है और खून की कमी भी पूरी होती है। इसलिए सीमित मात्रा में गर्भावस्था में मखाना का सेवन (Uses of makhana during pregnancy) किया जा सकता है।
शिशु के विकास के लिए मखाने
मखाने में विटामिन डी व कैल्शियम की मात्रा भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह मात्रा शिशु की हड्डियों और दांतों के विकास में सहायक होती है। मां जो खाती है उसका पोषण बच्चे तक भी पहुंचता है, इसलिए मां के लिए जरूरी हो जाता है कि वे संतुलित और स्वस्थ भोजन खाए। ताकि बच्चा स्वस्थ रहे।
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ब्लड प्रेशर रखे नियंत्रित
गर्भावस्था में बल्ड प्रेशर ऊपर या नीचे होता रहता है। मखाने इस ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मखाने में कैल्शिम की मात्रा भरपूर पाई जाती है, इसलिए यह ब्लड प्रेशर को ठीक रखता है। गर्भावस्था में बहुत कुछ खानपान से ही ठीक किया जा सकता है। अगर खानपान अच्छा हो तो डिलेवरी के बाद भी बहुत अधिक कमजोरी नहीं रहती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में हेल्दी फूड खाएं।
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दस्त की समस्या करे दूर
प्रेग्रनेंसी में कब्ज व दस्त की समस्या हो सकती है। इस परेशानी से निजात दिलाने में मखाने बहुत लाभकारी हैं। मखाने में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इस परेशानी से छुटकारा दिलाते हैं। गर्भावस्था में अगर आपको भी दस्त हो रहे हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। इससे आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। जो शरीर में डिहाईड्रेशन को बढ़ाएगी। मखाने इस परेशानी को दूर कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में मखाने के नुकसान
ज्यादा मात्रा में मखाने से नुकसान भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी में अगर आपने ज्यादा मखाने खा लिए हैं तो आपको पेट में दर्द, कब्ज, पेट फूलना, ब्लड शुगर लेवल का अनियंत्रित होना आदि परेशानियां हो सकती हैं।
कोरोनाकाल में हर व्यक्ति असहाय है। उसके पास अस्पताल जाने तक की उम्मीद नहीं है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ख्याल रखना होगा। थोड़ी सी भी परेशानी होने पर फोन पर डॉक्टर से सलाह लेती रहीं। ज्यादा लापरवाही बड़े नुकसान कर सकती थी।
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