गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) महिलाओं के जीवन में आने वाला सबसे रोमांचक और सुखद अनुभव माना जाता है। हालांकि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इन दिनों पूरी दुनिया में जब तरह-तरह की बीमारियों, खासकर कोरोना वायरस के कारण लोग डरे हुए हैं, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। चूंकि प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलावों के कारण इम्यूनिटी कमजोर होती है और महिलाओं को वायरस बैक्टीरिया के संपर्क में आने पर प्रभावित होने का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को ऐसे समय में विशेष सावधानी की जरूरत है। यह सिर्फ महिला के लिए नहीं, बल्कि उसके होने वाले शिशु के संपूर्ण स्वास्थ्य और संतुलित मानसिक विकास के लिए भी जरूरी है।
चूंकि कोरोना वायरस या कोविड-19 संक्रमण गर्भनाल के पार जाकर शिशु को प्रभावित कर सकता है और ऐसे बहुत सारे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें नवजात शिशुओं को कोविड हुआ है या कोविड के कारण महिला को गर्भपात हुआ है, इसलिए आज के समय में प्रेगनेंट महिलाओं को अपनी इम्यूनिटी मजबूत रखना बहुत जरूरी है। गर्भवती महिलाओं में इम्यूनिटी बढ़ाने को लेकर हमने बात की स्ट्रेटेजिक मेडिकल अफेयर्स एड्रोइट बायोमेड लिमिटेड के डॉ. अनीश देसाई और डॉ. सुनैना आनंद से। उन्होंनें हमें कुछ खास तरीके बताए हैं, जिनसे गर्भवती महिलाएं अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकती हैं।
1. माहौल तनावपूर्ण है लेकिन खुद को रखें स्थिर
इस समय कोरोना वायरस और आर्थिक मंदी के कारण पूरी दुनिया का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। ऐसी स्थिति में गर्भवती महिलाओं को तनाव कम करने के लिए खूब पानी पीना चाहिए क्योंकि डिहाइड्रेशन ऐसे समय में खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं को तनाव कम करने के लिए हल्का शारीरिक श्रम या हल्का योग करने, पर्याप्त नींद लेने और स्वस्थ आहार खाने की सलाह दी जाती है।
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2. अच्छा संतुलित आहार
गर्भावस्था के दौरान, महिला के लिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट्स की आवश्यकता काफी बढ़ जाती है। न केवल माँ को बल्कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी इन पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। इसलिए अच्छा हेल्दी खाना खाएं, जो संतुलित (Balanced Diet) हो।
3. क्या सभी गर्भवती महिलाओं को सप्लीमेंट लेना चाहिए?
आमतौर पर डॉक्टर द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को फॉलिक एसिड, विटामिन्स और आयरन जैसे सप्लीमेंट दिए जाते हैं। प्रेगनेंसी में कुछ विटामिन्स और मिनरल्स बहुत जरूरी हो जाते हैं क्योंकि वो सीधे शिशु के विकास से जुड़े हुए होते हैं। इसलिए इनकी कमी भी कई बार इम्यूनिटी को कमजोर कर सकती है और मां या होने वाले शिशु के लिए खतरनाक हो सकती हैं। नीचे कुछ ऐसे ही विटामिन्स और मिनरल्स के बारे में बताया जा रहा है।
विटामिन सी (Vitamin C)-: यह शरीर के विकास, हड्डियों की मजबूती, घाव भरने, इम्यूनिटी बढ़ाने और आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
विटामिन डी (Vitamin D)-: यह दांतों, हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है।
कैल्शियम (Calcium)-: हड्डी के उचित विकास में मदद करता है।
आयरन (Iron)-: गर्भावस्था के दौरान मां के द्वारा ही भ्रूण को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम आयरन (लोहा) करता है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं में आयरन की जरूरत सामान्य से दोगुना हो जाती है।
जिंक (zinc)-: DNA उत्पादन, रिपेयरिंग (मरम्मत) और शरीर के कई फंक्शन्स के लिए जिंक जिम्मेदार है। यह ठंड के लक्षणों से भी छुटकारा दिलाता है।
मैगनीशियम (Magnesium)-: गर्भावस्था में मैग्नीशियम की कमी हाई ब्लड प्रेशर और समय से पहले प्रसव के जोखिम को बढ़ा सकती है। समय से पहले डिलीवरी होने पर बच्चे को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
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आयोडीन (Iodine)-: यह भ्रूण के विकास और विशेष रूप से मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है।
सेलेनियम (Selenium)-: सेलेनियम के कारण गर्भावस्था के बाद महिलाओं में थायराइड संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
फॉलिक एसिड (Folic Acid)-: होने वाले शिशु के मस्तिष्क के सही विकास और रीढ़ की हड्डी में होने वाली कुछ जन्मजात समस्याओं और दोषों से बचने के लिए यह आवश्यक है।
अदरक (Ginger)-: प्रति दिन ताजा अदरक का उपयोग मतली और उल्टी के इलाज के लिए किया जाता है।
प्रेगनेंसी में महिलाओं को ये सभी पोषक तत्व स्वस्थ और सेहतमंद बनाते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियों और समस्याओं का खतरा कम होता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ऐसी महिला को कोविड होने का खतरा टल जाएगा, जिसके शरीर में ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में हैं। इसलिए कोविड से सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा बताए गए कदमों का पालन करना भी जरूरी है। ये पोषक तत्व आपके शरीर को अंदरूनी रूप से संक्रमण फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने के लिए तैयार कर सकते हैं।
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