Doctor Verified

क्या कैंसर का इलाज बन सकता है समय से पहले मेनोपॉज की वजह? डॉक्टर से जानें कारण

Menopause After Cancer Treatment: अक्सर कैंसर का इलाज कराने के बाद महिलाओं को यह डर रहता है कि कहीं उन्हें मेनोपॉज जल्दी तो नहीं हो जाएगा? इस बारे में विस्तार से डॉक्टर ने इस लेख में समझाया कि क्यों मेनोपॉज होता है और इसे कैसे मैनेज करना चाहिए।

  • SHARE
  • FOLLOW
क्या कैंसर का इलाज बन सकता है समय से पहले मेनोपॉज की वजह? डॉक्टर से जानें कारण


Menopause After Cancer Treatment: आजकल लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कैंसर का इलाज कराते समय उनके शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं। इसमें मेनोपॉज भी हो सकता है। वैसे तो मेनोपॉज की उम्र 45 साल की उम्र के बाद होती है, लेकिन जो महिलाएं कैंसर का इलाज कराती हैं, उन्हें मेनोपॉज जल्दी हो सकता है? इस बात की चिंता हमेशा महिलाओं को रहती है, क्योंकि समय से पहले मेनोपॉज होने से भी महिलाओं को कई समस्याएं हो सकती है। दरअसल, कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या ओवरी से जुड़ी सर्जरी से महिलाओं के हार्मोन बैलेंस बिगड़ सकता है। इसलिए हमने इस बारे में गुरुग्राम के क्लाउडनाइन हॉस्पिटल के ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की डायरेक्टर डॉ. चेतना जैन (Dr. Chetna Jain Director Dept of Obstetrics & Gynecology, Cloudnine Group of Hospitals, Sector 14, Gurgaon) से बात की।

क्या कैंसर का इलाज मेनोपॉज पर असर डालता है?

इस बारे में डॉ. चेतना कहती हैं,”कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी दोनों ही ओवरीज की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं। दरअसल, ओवरीज में ही महिलाओं के एग्स बनते हैं और यहीं से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनता है। जब कैंसर का इलाज होता है, तो हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है और इससे ओवरीज का फंक्शन कम हो जाता है। इस वजह से कई महिलाओं को मेनोपॉज जल्दी हो सकता है।”

cancer can cause early menopause in hindi doctor quote

इसे भी पढ़ें: क्या मेनोपॉज में सेक्स करने से ब्लीडिंग हो सकती है? मानें डॉक्टर की बात 

कीमोथेरेपी का क्या असर होता है?

डॉ. चेतना बताती हैं कि कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दी जाती है, लेकिन यह सामान्य कोशिकाओं को भी तेजी से नुकसान पहुंचाती है। इसमें ओवरीज की कोशिकाएं भी होती है और इससे एग्स बनना लगभग बंद हो जाते हैं या फिर ओवरीज ही काम करना बंद कर सकते हैं। इस वजह से मेनोपॉज हो सकता है।

रेडिएशन थेरेपी का क्या असर होता है?

डॉ. चेतना ने बताया कि अगर रेडिएशन का एरिया ओवरी या पेट के निचले हिस्से के पास होता है, तो इससे एग्स और हार्मोन बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो सकती है। कई बार रेडिएशन का असर धीरे-धीरे दिखता है, और कुछ महीनों बाद पीरियड्स परमानेंट बंद हो जाते हैं।

कैंसर की सर्जरी का क्या असर होता है?

डॉ. चेतना ने सर्जरी के बारे में बताते हुए कहा, “अगर किसी महिला के कैंसर के इलाज में ओवरीज, यूटरस और या प्रजनन अंगों की सर्जरी की जाता है, तो मेनोपॉज तुरंत हो सकता है क्योंकि ओवरीज के हटने के बाद हार्मोन बनना बिल्कुल बंद हो जाता है।”

मेनोपॉज का असर किन महिलाओं को ज्यादा होता है?

डॉ. चेतना ने बताया वैसे तो मेनोपॉज का असर हर महिला को होता है, लेकिन इन्हें ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।

  1. जिन महिलाओं की उम्र 30-40 साल है और वे कीमोथेरेपी या रेडिएशन ले रही हैं।
  2. जिन महिलाओं का इलाज ब्रेस्ट,ओवरी, यूटरस या पेट के निचले हिस्से के कैंसर में किया जाता है।
  3. अगर परिवार में जल्दी मेनोपॉज की हिस्ट्री है।
  4. जिन महिलाओं की कीमोथेरेपी की डोज या रेडिएशन स्क्रीनिंग ज्यादा है।

इसे भी पढ़ें: क्या वाकई मेनोपॉज के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं? डॉक्टर से जानें सच्चाई

मेनोपॉज के लक्षण कौन से है?

डॉ. चेतना ने बताया कि कैंसर के इलाज के बाद महिलाओं को इन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। अगर किसी भी महिला को ये लक्षण दिखते हैं, तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

  1. पीरियड्स रेगुलर न होना या बंद हो जाना
  2. हॉट फ्लैश महसूस होना
  3. रात में पसीना आना और नींद पूरी न होना
  4. मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन या स्ट्रेस महसूस होना
  5. स्किन में सूखापन, थकान और यौन इच्छा में कमी

क्या कैंसर के इलाज के बाद मेनोपॉज हमेशा के लिए हो जाता है?

इस बारे में डॉ. चेतना कहती हैं, “कई मामलों में, खासतौर पर जिन महिलाओं की उम्र 30 साल से कम होती हैं, उनका कीमोथेरेपी के बाद पीरियड्स कुछ समय के लिए बंद हो जाता है, लेकिन बाद में वापस आ सकता है। लेकिन जिन महिलाओं की उम्र 40 साल से ज्यादा है, तो उनमें आमतौर पर स्थायी मेनोपॉज हो सकता है क्योंकि ओवीरज की कोशिकाएं परमानेंट रूप से नष्ट हो जाती हैं।”

मेनोपॉज की कंडीशन में महिलाओं को क्या करना चाहिए?

डॉ. चेतना जैन ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिसे हर महिला को जानना चाहिए।

  1. इलाज शुरू करने से पहले और बाद में अपने ऑन्कोलॉजिस्ट और गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लें।
  2. अगर उम्र कम है, तो डॉक्टर फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन जैसे एग फ्रीजिंग का सुझाव दे सकते हैं।
  3. डॉक्टर से सलाह लेकर ही हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराई जा सकती है।
  4. महिलाओं को कैंसर के इलाज के बाद योग और हल्की एक्साइज करनी चाहिए।
  5. डाइट में कैल्शियम, विटामिन D और प्रोटीन जरूर शामिल करें।
  6. कैंसर के इलाज के बाद हर 6 से 12 महीने में हड्डियों की डेंसिटी टेस्ट, हार्मोन लेवल चेकअप और हार्ट व ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग करते रहना चाहिए।
  7. अगर मेंटली कोई समस्या है, तो काउंसलिंग या सपोर्ट ग्रुप ज्वाइन किया जा सकता है।

निष्कर्ष

डॉ.चेतना कहती हैं कि मेनोपॉज को बीमारी नहीं, बल्कि इसे नेचुरल प्रोसेस की तरह अपनाना चाहिए। हालांकि अगर जल्दी मेनोपॉज हो रहा है, तो यह कैंसर के साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समय पर डॉक्टर से सलाह लें। कैंसर के इलाज के बाद समय-समय पर डॉक्टर से फॉलोअप लेना जरूरी होता है। इसके साथ महिलाओं को हेल्दी लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना चाहिए।

Read Next

Breast Cancer Awareness Month: क्या 20–25 साल की महिलाओं को सेल्फ ब्रेस्ट चेकअप की जरूरत है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Oct 29, 2025 16:47 IST

    Published By : Aneesh Rawat

TAGS