Manage Side Effects of Chemotherapy: कैंसर के इलाज में मरीज को कई तरह के स्टेज से गुजरना पड़ता है। सर्जरी से पहले या बाद में कीमोथेरेपी या रेडिएशन कराना इलाज का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। कीमोथेरेपी से मरीज के इलाज में जो दवाइयां दी जाती है, उससे कैंसर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती है, इसलिए इसे थेरेपी को कैंसर के इलाज का प्रभावी तरीका माना जाता है, लेकिन कीमोथेरेपी के बाद इसके कई साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। इस वजह से परिवार के लिए इस थेरेपी के बाद मरीज के साइड इफेक्ट्स को मैनेज करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। कीमोथेरेपी के बाद मरीज के साइड इफेक्ट्स को कैसे मैनेज किया जाए, इस बारे में जानने के लिए हमने दिल्ली के PSRI Hospital के सीनियर कंसल्टेंट हेमेटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अमित उपाध्याय (Dr Amit Upadhyay, Senior Consultant Hematologist and Oncologist, PSRI Hospital, New Delhi) से बात की। इससे पहले जानते हैं कि कीमोथेरेपी से कौन से साइड इफैक्ट्स होते हैं?
कीमोथेरेपी के बाद साइड इफेक्ट्स
डॉ. अमित उपाध्याय बताते हैं कि कीमोथेरेपी के दौरान दवाइयां कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी प्रभावित करती हैं, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
- लगातार थकान और कमजोरी होना
- भूख की कमी होना
- मतली और उल्टी होना
- बालों का झड़ना
- मुंह में छाले और दर्द होना
- इंफेक्शन का रिस्क
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कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स को मैनेज करने के तरीके
डॉ. अमित कहते हैं कि कीमोथेरेपी के बाद आमतौर पर मरीजों को कई तरह की समस्याएं आती हैं। इसलिए परिवार के लिए मरीजों की देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण है।
थकान और कमजोरी को कैसे करें मैनेज?
डॉ. अमित ने बताया, “कीमोथेरेपी के बाद थकान या कमजोरी होना आम समस्या है। इसे मैनेज करने के लिए मरीज को पूरी तरह से नींद लेने दें। हल्का-फुल्का टहलना या योग करने दें। दिनभर के कामों को करते समय आराम भी करें। मरीज की डाइट पर जरूर ध्यान दें। उसे पर्याप्त मात्रा में पानी दें।”
मतली और उल्टी को कैसे करें कंट्रोल?
कीमोथेरेपी के बाद मरीज का डाइजेशन बुरी तरह से प्रभावित होता है। इससे मतली और उल्टी होने की समस्या होती है, इसलिए मरीज के लिए ये काम जरूर करें।
- हल्का और पौष्टिक डाइट दें।
- तेल और मसालेदार खाने से परहेज करें।
- अदरक की चाय या पुदीना मतली कम करने में मदद कर सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह पर एंटी-नॉजिया दवाइयां समय पर दें।
भूख की कमी को कैसे करें मैनेज?
कीमोथेरेपी के बाद कई मरीजों को भूख नहीं लगती, जिससे वजन और न्यूट्रिशन की कमी हो सकती है। मरीज को प्रोटीन और विटामिन से युक्त फूड दें। नारियल पानी, जूस, छाछ और सूप मरीज को दें। दिन में छोटे-छोटे अंतराल पर खाना दें और अगर मरीज को भूख कम लगती है, तो डाइटिशियन से सलाह लें। अगर मरीज को भूख नहीं लग रही और वह कुछ भी खाने को मना करता है, तो उसे थोड़ा- थोड़ा खाना जरूर देते रहे।
बाल झड़ने पर क्या करें?
वैसे तो कीमोथेरेपी के दौरान बाल झड़ना आम समस्या है, लेकिन इलाज के बाद बाल धीरे-धीरे वापस आने लगते हैं। इस दौरान मरीज स्कार्फ, टोपी या विग पहन सकते हैं और शैंपू और हेयर ऑयल डॉक्टर से सलाह लेकर करना चाहिए। बालों पर ज्यादा केमिकल या हीट ट्रीटमेंट कराने से बचें।
मुंह के छाले और दर्द को कैसे करें कंट्रोल?
कीमोथेरेपी के दौरान मुंह के अंदर टिश्यूज पर असर पड़ता है, जिससे मुंह के अंदर छाले और घाव हो जाते हैं। इस दौरान मसालेदार और हार्ड फूड से परहेज करें। जब बी कुल्ला करें, तो हल्के माउथवॉश या नमक का इस्तेमाल करें। कुछ बभी पीते हुए स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें। इससे मरीज को काफी मदद मिलती है। खाना ठंडा और मुलायम दें।
इंफेक्शन कैसे करें मैनेज?
कीमोथेरेपी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है। इससे इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है।
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- हाथों को बार-बार धोएं।
- सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- घर को साफ और स्वच्छ रखें।
- बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत या किसी भी तरह के इंफेक्शन के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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मेंटल हेल्थ का ध्यान कैसे रखें?
कीमोथेरेपी न केवल शरीर बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी असर डालती है। मरीज का स्ट्रेस कम करने के लिए उन्हें योग और मेडिटेशन करने की सलाह दें। परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करने के लिए उत्साहित करें। जरूरत पड़ने पर काउंसलर से बात कराएं। मरीज को पॉजिटिव सोच रखने को कहें और इससे रिकवरी में मदद मिलती है।
कीमोथेरेपी के बाद लक्षणों पर ध्यान दें
डॉ. अमित उपाध्याय बताते हैं कि कीमोथेरेपी के दौरान मरीज को अपने डॉक्टर के साथ लगातार बात करते रहना चाहिए और अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- लगातार तेज बुखार
- सांस लेने में कठिनाई
- खून आना या असामान्य ब्लीडिंग
- तेज दर्द या असहनीय थकान
- किसी भी संक्रमण के लक्षण
निष्कर्ष
डॉ. अमित कहते हैं कि कीमोथेरेपी जीवन को बचाने का काम करती है। हालांकि कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स काफी ज्यादा होते हैं, लेकिन सही देखभाल, दवाइयों और न्यूट्रिशन के चलते इसके दुष्प्रभावों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। मरीज और उनके परिवार को यह समझना जरूरी है कि यह स्टेज टेंपरेरी होती है और इलाज के बाद मरीज वापस नार्मल हो जाते हैं।
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Current Version
Oct 06, 2025 19:55 IST
Modified By : Aneesh RawatOct 06, 2025 19:55 IST
Published By : Aneesh Rawat