
Common Side Effects Of Chemotherapy In Hindi: कीमोथेरेपी कैंसर का ट्रीटमेंट होता है। जब कैंसर से बचाव के कई उपाय कारगर तरीके से काम नहीं करते हैं या कैंसर एड्वांस स्टेज तक पहुंच जाता है, तब इससे बचाव के लिए कीमोथेरेपी के विकल्प को चुना जाता है। कीमोथेरेपी प्रक्रिया के दौरान कैंसर सेल्स को नष्ट कर दिया जाता है, ताकि वे ग्रो न करे और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित न करे। आपको बता दें कि कैंसर सेल्स तेजी से विकसित होते हैं, जिससे शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होने लगते हैं। कीमोथेरेपी की मदद से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कीमोथेरेपी करवाने के बाद अपने साइड इफेक्ट होते हैं। ये प्रभाव अक्सर कीमोथेरेपी के बाद नजर आते हैं। यहां आपको कीमोथेरेपी से जुड़े कुछ प्रभाव के बारे में बता रहे हैं। इस बारे में रोहतक स्थित Positron Superspeciality and Cancer Hospital में वरिष्ठ ओंकोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा से बात की।
कीमोथेरेपी के नुकसान- Common Side Effects Of Chemo In Hindi

1. थकान
कीमोथेरेपी के बाद कैंसर के मरीज काफी ज्यादा थकान से भर जाते हैं। असल में, कीमोथेरेपी सिर्फ कैंसर सेल्स को ही नष्ट नहीं करती है। इसके साथ-साथ हेल्दी सेल्स भी नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति को कीमोथेरेपी के बाद थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। आपको बता दें कि कीमोथेरेपी रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को भी इफेक्ट करते हैं, जिससे मरीज में एनीमिया का रिस्क हो सकता है।
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2. मुंह में छाले
कीमोथेरेपी की वजह से मुंह में छाले भी हो जाते हैं। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है कि कीमोथेरेपी के दौरान इस्तेमाल होने वाली दवाईयां सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं। इसका असर माउथ लाइनिंग पर भी पड़ता है। इससे मुंह में सूजन और छाले हो जाते हैं। ध्यान रखें कि कीमोथेरेपी मुंह के सेल्स को इफेक्ट करती है, जिससे डाइजेस्टिव ट्रैक्ट पर भी बुरा प्रभव पड़ सकता है।
3. कब्ज

कीमोथेरेपी की वजह से डाइजेस्टिव ट्रैक्ट के सेल्स भी प्रभावित होते है। इसकी वजह से कब्ज की समस्या हो सकती है। असल में, जब डाइजेस्टिव ट्रैक्ट के सेल्स पर नेगेटिव असर पड़ता है, तो इससे स्टूल मूवमेंट धीमा हो जाता है और आंतें भी खराब हो सकती हैं। कई बार कीमोथेरेपी में ऐसी दवाईयां भी उपयोग में लाई जाती हैं, जिससे फिजिकल पेन बढ़ता है और कब्ज की शिकायत भी बनी रहती है।
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4. हाथ-पांव का सुन्नपन
कीमोथेरेपी कई तरह की परेशानियों की वजह बन सकता है। इसमें से एक पेरिफेरल न्यूरोपेथी की समस्या भी होती है। पेरिफेरल न्यूरोपेथी के कारण हाथ-पांव की नसें डैमेज हो जाती हैं, जिससे हाथ-पांव सुन्न हो जाते हैं। आपको बता दें कि पेरिफेरल नर्व्स वह सेंट्रल नर्वस है, जो पूरी बॉडी में सिग्नल भेजने का काम करता है। खासकर, हाथ और पैरों में।
5. याददाश्त कमजोर होना
कीमोथेरेपी की वजह से ब्रेन फॉग या कीमो ब्रेन की समस्या हो सकती है। इसका मतलब है कि कीमोथेरेपी करवाने की वजह से मरीज की याददाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्हें फोकस होकर कोई काम करने में दिक्कत आती है। असल में, कीमोथेरेपी की वजह से ब्रेन का स्ट्रक्चर प्रभावित होता है, जिससे न्यूरोइंफेलेमेशन हो सकता है।
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