Problems Cancer Patients Face During Chemotherapy: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोग का दिल और दिमाग सुन्न हो जाता है। कैंसर जितनी घातक बीमारी है, उसका इलाज उतना ही मुश्किल है। कैंसर के इलाज का कीमोथेरेपी मुख्य हिस्सा है। कीमोथेरेपी के जरिए मरीज के शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को टारगेट करके उसे खत्म किया जाता है। कीमोथेरेपी (Chemotherapy) में कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए शक्तिशाली दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जो मरीज की जिंदगी को बचा सकता है।
कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज में जितना मददगार होती है, लेकिन कैंसर के मरीजों में इसके साइड इफेक्ट (Side Effects of Chemotherapy) भी देखें जाते हैं। कीमोथेरेपी के दौरान मरीजों को कुछ ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसके बारे में डॉक्टर भी 100 प्रतिशत नहीं जानते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि कीमोथेरेपी के दौरान कैंसर के मरीजों को किस-किस प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं और उनसे कैसे निपटा जा सकता है।
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1. थकान और शारीरिक कमजोरी- Extreme Fatigue because of Chemotherapy
फरीदाबाद के सेक्टर-8 स्थित सर्वोदय अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार एवं प्रमुख (यूनिट II) - मेडिकल ऑन्कोलॉजी, हेमाटोलॉजी एवं बीएमटी डॉ. विष्णु हरि (Dr. Vishnu Hari, Senior Consultant & Head, Sarvodaya Hospital Sector-8, Faridabad) के अनुसार, कीमोथेरेपी के दौरान मरीजों को शारीरिक कमजोरी और अत्यधिक थकान की परेशानी होती है। दरअसल, कीमोथेरेपी सिर्फ शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स को खत्म नहीं करती है, बल्कि स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित करती है। इससे मरीज को शारीरिक थकान, कमजोरी और सुस्ती महसूस होती है। इन परेशानियों के कारण मरीज को रोजमर्रा के कामों में भी परेशानी आती है। कीमोथेरेपी के बाद थकान और कमजोरी महसूस होने पर संतुलित आहार लें, छोटी-छोटी वॉक करें, ताकि शरीर को रिकवरी में मदद मिले।
2. बालों का झड़ना
कीमोथेरेपी बालों की जड़ों को भी प्रभावित करती है। इस थेरेपी की वजह से स्कैल्प कमजोर हो जाती है और बाल जड़ से टूटने लगते हैं। कीमोथेरेपी के दौरान कई बार मरीजों को पूरी तरह से गंजेपन की समस्या भी देखी जाती है। हालांकि यह समस्या अस्थायी होती है। इस दौरान कैंसर के मरीजों को शांति से काम लेना चाहिए। गंजेपन को छुपाने के लिए कैंसर के मरीज टोपी, विग और दुपट्टे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. संक्रमण का खतरा- Increased Risk of Infection due to Chemotherapy
कीमोथेरेपी के दौरान इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। इसके कारण कई बार छोटा सा संक्रमण भी गंभीर हो जाता है। संक्रमण के कारण बार-बार बुखार, ठंड लगना, सर्दी, खांसी और बुखार की परेशानी बार-बार हो सकती है। कीमोथेरेपी के दौरान कपड़े, आसपास और सोने वाले बेड की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बाहर के लोगों से संपर्क बनाते समय मास्क का इस्तेमाल करें। जहां तक संभव हो, संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से कम मिलने की कोशिश करें।
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4. मुंह के छाले- Mouth Sores
कीमोथेरेपी में हेल्दी सेल्स डैमेज होने की वजह से मुंह के छालों की समस्या भी देखी जाती है। मुंह के छालों में जलन और स्वाद में कड़वापन की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा स्किन पर कीमोथेरेपी का साइड इफेक्ट देखा जाता है। इससे त्वचा पर पपड़ी जमना, ड्राई स्किन, खुजली होना और जलन की परेशानी होती है। कीमोथेरेपी के दौरान होने वाले मुंह के छाले की परेशानी से राहत पाने के लिए तीखा-नमकीन खाने से बचाव करे। स्किन की ड्राईनेस और पपड़ी को खत्म करने के लिए मॉइश्चराइजर, सनस्क्रीन लगाएं।
5. पाचन से जुड़ी समस्याएं- Digestive Issues
कीमोथेरेपी के दौरान कैंसर के मरीजों की पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है। इस दौरान पेट में दर्द रहना, कब्ज, उल्टी और मतली की समस्या आम बात है। पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए हल्का और सुपाच्य भोजन जैसे केला और चावल खाएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेट रहे और कब्ज की परेशानी दूर हो। कीमोथेरेपी के दौरान अगर कब्ज की परेशानी ज्यादा होती है, तो डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का सेवन करें।
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6. भूख न लगना- Chemotherapy Loss of Appetite
कैंसर के मरीजों को खाने की इच्छा कम हो सकती है और भोजन का स्वाद धातु जैसा या बेस्वाद लग सकता है। भूख कम लगने के कारण मरीज कम हैं, जो शारीरिक कमजोरी को और बढ़ा सकता है। इसलिए कीमोथेरेपी के दौरान छोटे-छोटे मील्स दिन में कई बार खाने चाहिए। भोजन को आकर्षक और रंगीन बनाएं ताकि खाने की इच्छा बढ़े।
7. मानसिक प्रभाव- Chemotherapy Psychological Effects
कीमोथेरेपी के दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव की वजह से कैंसर के मरीजों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इस दौरान तनाव, एकाग्रता में कमी, चिंता और कई बार बिना कारण रोने की परेशानी देखी जाती है। कैंसर के मरीजों में होने वाले मानसिक प्रभाव को कम करने के लिए गहरी सांस लें, प्रतिदिन 10 मिनट योग करें। अगर चिंता और एकाग्रता में कमी की परेशानी लंबे समय तक रहती है, तो मेडिकल काउंसलिंग का सहारा लें।
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8. रक्तस्राव या चोट लगना- Bleeding or Bruising due to Chemotherapy
कीमोथैरेपी प्लेटलेट्स की संख्या कम करती है, जिससे रक्त का थक्का बनना मुश्किल होता है। इसके कारण कई बार कैंसर के मरीजों को हल्की सी चोट लगने, शेविंग करते समय और ब्रश करते समय खून आने की परेशानी देखी जाती है। रक्तस्राव से बचाव के लिए नरम ब्रश वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करें। शेविंग करते समय हल्के हाथों से ब्लेड चलाएं।
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डॉ. विष्णु हरि का कहना है कि कीमोथेरेपी के दौरान होने वाले दुष्प्रभाव दवाओं के प्रकार, उपचार की अवधि और मरीज की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करते हैं। कुछ मरीजों को हल्के लक्षण होते हैं, जबकि अन्य को गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यदि कोई लक्षण असहनीय हो (जैसे तेज बुखार, लगातार उल्टी, या असामान्य रक्तस्राव), तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ध्यान रहे कि कैंसर के मरीजों के लिए कीमोथेरेपी एक लंबी यात्रा है, इस दौरान मरीज को मानसिक और शारीरिक तौर पर सपोर्ट करना जरूरी है।
FAQ
क्या कीमो के बाद कैंसर ठीक हो जाता है?
कीमोथेरेपी के बाद कैंसर के पूरी तरह से ठीक होने की संभावना हर मामले में नहीं होती है। कीमोथेरेपी के बाद मरीज का शरीर किस तरह से प्रतिक्रिया दे रहा है, कैंसर का स्टेज क्या है और पूरे इलाज के दौरान मरीज ने सही से दवाओं का सेवन किया है, मरीज के ठीक होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है।कीमो के कितने प्रतिशत मरीज जीवित रहते हैं?
कीमोथेरेपी के बाद कैंसर के कितने प्रतिशत जीवित रहते हैं, इसका कोई सटीक इलाद नहीं है। कीमोथेरेपी के बाद ठीक होने पूरी तरह से मरीज की कैंसर स्टेज, उम्र, सेहत और कई प्रकार के फैक्टर पर निर्भर करता है।कीमोथेरेपी के बाद क्या खाएं
कीमोथेरेपी के बाद मरीज को हल्का, सुपाच्य भोजन करना चाहिए। कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी के बाद लाइट प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए। प्रोटीन शरीर की रिकवरी में तेजी से मदद करता है। कीमोथेरेपी के बाद ताजा और फ्रेश बना हुआ खाना ही खाना चाहिए।