सावन के महीने में जब वातावरण में नमी, उमस और अचानक ठंडी हवाओं का असर देखने को मिलता है, तो ऐसे मौसम में शरीर की इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर हो जाती है और पाचन तंत्र भी सुस्त पड़ जाता है। यही वजह है कि कई लोगों को इस दौरान थकान, सुस्ती, आलस्य और एनर्जी की कमी महसूस होती है। सावन में कई लोग व्रत भी रखते हैं, जिसमें सामान्य भोजन की बजाय फलाहार या सीमित आहार लिया जाता है। ऐसे में शरीर को जरूरी पोषक तत्व न मिलने पर कमजोरी और थकावट महसूस हो सकती है। इसके अलावा अधिक तले-भुने या भारी भोजन से भी पाचन बिगड़ सकता है, जिससे शरीर में भारीपन और एनर्जी की कमी हो जाती है।
इन कारणों से सावन के मौसम में खानपान को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी जरूरी हो जाती है। मौसम और शरीर की जरूरतों के अनुसार डाइट का चयन करना ही हेल्दी रहने का मंत्र है। ऐसे में सवाल उठता है कि सावन में थकान से बचने के लिए क्या खाएं? (sawan mein kya khana chahie) इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने जयपुर में स्थित Angelcare-A Nutrition and Wellness Center की निदेशक, डाइटिशियन एवं न्यूट्रिशनिस्ट अर्चना जैन (Archana Jain, Dietitian and Nutritionist, Director, Angelcare-A Nutrition and Wellness Center, Jaipur) से बात की-
सावन में थकान से बचने के लिए क्या खाएं? - Best Foods To Eat During Sawan For Energy
1. केला - Banana
केला एक ऐसा फल है जिसे व्रत और उपवास के दौरान खाना सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है। इसमें पोटैशियम, फाइबर और नेचुरल शुगर (sawan mahine mein kya khana chahie) की मात्रा होती है जो शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देती है। सावन की उमस और बार-बार पसीना आने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, ऐसे में केला इस कमी को पूरा करने में सहायक होता है। अगर आप व्रत कर रहे हैं तो केले के साथ दूध लेने से पेट भरा भी रहता है और एनर्जी भी बनी रहती है।
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2. मखाना - Fox Nuts
मखाने कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन का अच्छा सोर्स होते हैं और इन्हें भूनकर या दूध में पकाकर खाया जा सकता है। जब आपको बीच-बीच में कुछ हल्का और हेल्दी खाने की जरूरत हो, तो मखाना बेस्ट ऑप्शन है। यह वजन नहीं बढ़ाता लेकिन एनर्जी का लेवल बनाए रखता है।
3. नारियल पानी और ताजा फल - Coconut water and Fresh fruits
सावन के मौसम में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादा पसीना और उमस से डिहाइड्रेशन हो सकता है। नारियल पानी में नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और एनर्जी भी देते हैं। इसके साथ ही मौसमी फल जैसे- जामुन, सेब, अनार, चीकू और अंगूर एन्टीऑक्सिडेंट्स और नेचुरल शुगर से भरपूर होते हैं, जो थकावट को दूर कर शरीर को तरोताजा रखते हैं।
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4. मूंग दाल और लौकी की खिचड़ी
अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो सावन में हल्के और सुपाच्य भोजन का सेवन करें। मूंग दाल और लौकी की खिचड़ी एक परफेक्ट डिश है जो प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स का अच्छा सोर्स है। इसे घी या देसी मक्खन के साथ खाएं तो और भी फायदेमंद हो जाता है। यह शरीर को गर्मी से राहत देता है और लिवर को भी डिटॉक्स करता है।
5. ड्राई फ्रूट्स और नट्स - Dry fruits and Nuts
बादाम, अखरोट, काजू और किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स एनर्जी का अच्छा सोर्स हैं। इन्हें व्रत में या सुबह खाली पेट खाएं। इनमें हेल्दी फैट्स, प्रोटीन, फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो शारीरिक और मानसिक थकावट को दूर करते हैं। भीगे हुए बादाम और किशमिश से एनर्जी तेजी से मिलती है और इनका पाचन भी आसान होता है।
निष्कर्ष
सावन का महीना ना सिर्फ आध्यात्मिक रूप से जरूरी है बल्कि यह शरीर के भीतर की सफाई और स्वास्थ्य को भी नया रूप देने का समय होता है। ऐसे में आपको भारी, तले-भुने और मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए। हल्का, सुपाच्य, ताजा और एनर्जी से भरपूर भोजन को प्राथमिकता दें। व्रत रखने वाले लोग भी संतुलित और पौष्टिक भोजन को चुनें ताकि कमजोरी, चक्कर या थकान जैसी समस्याएं न हों।
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FAQ
सावन में क्या नहीं करना चाहिए? - sawan mai kya na kare
सावन के महीने में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, इसलिए बहुत तला-भुना, मसालेदार और भारी भोजन करने से बचना चाहिए। इस मौसम में मांसाहार, शराब और ज्यादा ऑयली फूड्स का सेवन आयुर्वेद में वर्जित माना गया है। साथ ही, ज्यादा ठंडा पानी या आइसक्रीम खाने से भी गले और पाचन पर असर पड़ सकता है। गंदे पानी या खुले में मिलने वाले भोजन से इंफेक्शन का खतरा रहता है, इसलिए सफाई का विशेष ध्यान रखें। बिना जरूरत भीगने या देर तक गीले कपड़ों में रहने से बचें, वरना जुकाम और बुखार की आशंका बढ़ जाती है।सावन में क्या नहीं खाना चाहिए? - sawan me kya nahi khana chahiye
सावन के महीने में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, इसलिए तला-भुना, मसालेदार, अधिक तेलयुक्त और भारी भोजन नहीं खाना चाहिए। मांसाहारी भोजन, अंडा, शराब और प्रिजर्वेटिव वाले फूड्स जैसे पैकेज्ड स्नैक्स से परहेज करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, इस मौसम में दही, छाछ और बहुत ठंडी चीजें भी नहीं खानी चाहिए। ऐसा इसलिएस क्योंकि ये कफ बढ़ा सकती हैं। सड़क किनारे मिलने वाला चाट-पकौड़ी या खुले में रखा खाना इंफेक्शन का कारण बन सकता है। इसके अलावा बासी भोजन से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे पेट खराब होने और फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।सावन में दही क्यों नहीं खाना चाहिए? sawan me dahi kyu nahi khana chahiye
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, सावन में वातावरण में नमी और ठंडक बढ़ जाती है, जिससे शरीर में कफ दोष का प्रभाव अधिक होता है। दही भारी प्रकृति का होता है कफ को और बढ़ा सकता है, जिससे जुकाम, गले में खराश, पाचन की समस्या और एलर्जी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। साथ ही, इस मौसम में पाचन अग्नि भी कमजोर रहती है, जिससे दही पूरी तरह नहीं पच पाता और गैस या अम्लता जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।