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बारिश में चाय की जगह पिएं कश्मीरी कहवा, खांसी-बुखार की समस्या होगी दूर

Benefits of Khawa in Monsoon : बारिश के मौसम में कहवा पीने से संक्रामक बीमारियों का खतरा कम होता है। आइए जानते हैं बारिश के मौसम में कश्मीरी कहवा पीने के फायदे।
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बारिश में चाय की जगह पिएं कश्मीरी कहवा, खांसी-बुखार की समस्या होगी दूर


Benefits of Khawa in Monsoon : बारिश का मौसम अपने साथ धीमी-धीमी सी पानी की फुहार, मिट्टी की सुगंध और हरियाली का एहसास लेकर आता है। बारिश की पानी की फुहार के बीच चाय पीने का मजा सबसे खास होता है। खड़े मसालों के साथ पत्ती, दूध और चीनी में पकी हुई चाय शरीर को अंदर से सुकून का एहसास देती है। लेकिन नॉर्मल मसाले वाली चाय पेट में दर्द, कब्ज और अन्य परेशानियों (Chai Peene ke Nuksaan) का कारण भी बनती है। बारिश के मौसम में जब इम्यूनिटी कमजोर होती है, तब नॉर्मल चाय पीने से कई बीमारियों का भी खतरा रहता है। अब हम तो भाई भारतीय हैं, बारिश में हमें चाय तो पीनी ही है। तो चाय की बजाय कश्मीरी कहवा पिएं।

कश्मीरी कहवा (Kashmiri Kahwa) में केसर, इलायची, दालचीनी, अदरक, तुलसी और बादाम जैसे औषधीय तत्व मिलाए जाते हैं जो इसे एक शक्तिशाली हर्बल ड्रिंक बनाते हैं। बारिश में मौसम में कश्मीरी कहवा पीने से पाचन से जुड़े रोग और संक्रामक बीमारियों (Health Benefits of Kashmiri Kahwa) का भी खतरा कम होता है। बारिश का जब देश में दस्तक दे चुका है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं बारिश के मौसम में कश्मीरी कहवा पीने के फायदे।

कश्मीरी कहवा क्या है?

कश्मीरी कहवा एक पारंपरिक हर्बल चाय है। इसे मुख्य रूप से कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में बनाया और पिया जाता है। कश्मीरी कहवा हरे या बिना दूध वाले काले चाय की पत्तियों के साथ केसर, इलायची, दालचीनी, अदरक, बादाम और तुलसी जैसी औषधियों को उबालकर बनाया जाता है। कहवा को आमतौर पर मिट्टी या तांबे में तैयार किया जाता है। ऐसे में कहवा का स्वाद हल्का मीठा, मसालेदार और सुगंधित होता है।

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kahwa tea

बारिश में कहवा पीने के फायदे- benefits of drinking kahwa in the rain

खुशबू जैन टिबरेवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और इंफ्लेमेशन स्पेशलिस्ट (Khusboo Jain Tibrewala, Nutritionist and Diabetes & Inflammation specialist) का कहना है कि विभिन्न प्रकार के मसाले और औषधि का इस्तेमाल करने से कश्मीरी कहवा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल्स और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। बारिश के मौसम में कश्मीरी कहवा पीने से सेहत कोई प्रकार के फायदे मिलते हैं।

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1. इम्यूनिटी बनाए स्ट्रांग

बारिश में हवा में मौजूद नमी के कारण वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। कश्मीरी कहवा में मौजूद तुलसी, अदरक और दालचीनी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। कश्मीरी कहवा पीने से बारिश में होने वाली संक्रामक बीमारियों का खतरा कम होता है।

2. पाचन को रखता है ठीक

बारिश में तले-भुने और बैक्टीरिया युक्त खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं। कश्मीरी कहवा में मौजूद इलायची, दालचीनी और अदरक पाचन तंत्र को सक्रिय रखते हैं और बारिश में होने वाली अपच और एसिडिटी से राहत दिलाते हैं।

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3. सर्दी से दिलाए राहत

कश्मीरी कहवा की तासीर गर्म होती है। बारिश में होने वाली सर्दी, खांसी और गले की खराश से राहत दिलाने में कहवा बहुत फायदेमंद होता है।

4. शरीर को करें डिटॉक्स

कहवा में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। कश्मीरी कहवा पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट खुशबू जैन टिबरेवाल की मानें तो कश्मीरी कहवा में एंटीऑक्सीडेंट्स तत्व शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं। इससे शरीर में होने वाली खुजली और त्वचा से जुड़ी परेशानी दूर होती है।

5. बालों की समस्या करें दूर

मानसून में त्वचा और बालों की समस्याएं आम होती हैं। कहवा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन त्वचा की कोशिकाओं को पोषण देकर बालों का झड़ना रोकते हैं। कश्मीरी कहवा पीने से त्वचा को भी पोषण मिलता है, जिससे फोड़े-फुंसी और फंगल इंफेक्शन की परेशानी दूर होती है।

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कश्मीरी कहवा बनाने रेसिपी

यूं तो बाजार में कई बड़े ब्रांड्स तैयार किए गए कश्मीरी कहवा मौजूद हैं, लेकिन आप इसे आसानी से घर पर भी तैयार कर सकते हैं।

सामग्री

  • हरी चाय की पत्तिया- 1 चम्मच
  • केसर - 2-3 रेशे
  • दालचीनी - 1 टुकड़ा
  • इलायची - 2-3
  • कुटे हुए बादाम – 4-5
  • अदरक - 1 छोटा पीस
  • तुलसी की पत्तियां - 5-6
  • गुड़- कहवा का स्वाद बढ़ाने के लिए
  • पीतल का बर्तन
  • पानी- 2 कप

बनाने का तरीका

  • सबसे पहले पीतल या मिट्टी के बर्तन में पानी को उबाल लें।
  • गर्म पानी में अदरक, दालचीनी, इलायची और तुलसी की पत्तियां डालें।
  • इन सभी चीजों को पानी में 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें।
  • अब इसमें हरी चाय की पत्तियां और केसर डालें और 1 उबाल कर पकाएं।
  • गैस बंद करके छान लें और ऊपर से कटे बादाम डालें।
  • कश्मीरी कहवा का स्वाद बढ़ाने के लिए ऊपर से पिघला हुआ गुड़ डालें।

कश्मीरी कहवा पीते वक्त सावधानियां- Precautions while drinking Kashmiri Kahwa

न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि कश्मीरी कहवा की तासीर गर्म होती है। बारिश के मौसम में जब पाचन क्रिया धीमी होती है, तब एक दिन में 1 से 2 कप से ज्यादा कश्मीरी कहवा नहीं पीना चाहिए।

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या है, तो उन्हें बारिश में कश्मीरी कहवा पीने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।

प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान भी कश्मीरी कहवा पीने से डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

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निष्कर्ष

न्यूट्रिशनिस्ट के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि बारिश के मौसम में कश्मीरी कहवा पीने से सेहत को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं। कश्मीरी कहवा सर्दी, खांसी, बुखार और अन्य प्रकार के वायरल संक्रमण से बचाव करने में मदद करता है। कश्मीरी कहवा में मौजूद केसर, अदरक, इलायची, दालचीनी, तुलसी और बादाम जैसे प्राकृतिक तत्व इसे एक पूर्ण हेल्थ ड्रिंक बनाते हैं। चाहे सर्द हवाएं चल रही हों या बारिश की फुहारें, एक कप गर्म कश्मीरी कहवा न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि आपके शरीर और मन दोनों को सुकून देता है। हालांकि कुछ लोगों को कश्मीरी कहवा पीते वक्त सावधानियां बरतनी चाहिए।

Image Credit: Freepik.com

FAQ

  • कहवा कब पीना चाहिए?

    पारंपरिक तौर कहवा को सुबह या भोजन के बाद पिया जाता है। कहवा एक प्रकार की चाय है, जो शरीर को एनर्जी और ताजगी का एहसास करवाती है।
  • कहवा पीने के क्या फायदे हैं?

    कहवा पीने से शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं। कहवा पीने से इम्यूनिटी मजबूत बनती है और वायरल इंफेक्शन का खतरा कम होत है। कहवा बालों और त्वचा को भी खूबसूरत बनाने में मददगार होता है।
  • कश्मीरी कहवा की तासीर कैसी होती है?

    कहवा की तासीर गर्म होती है। यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट एक दिन में 1 से 2 कप से ज्यादा कहवा पीने की सलाह नहीं देते हैं।

 

 

 

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