Ayurvedic Remedies For Healthy Stomach: आजकल के बदलते लाइफस्टाइल, खान-पान की गलत आदतों, जंक फूड का इस्तेमाल, स्ट्रेस के चलते पेट में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं जबकि पेट का काम सिर्फ पाचन करना नहीं है, बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने, एनर्जी और मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने का भी काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, पाचन तंत्र को अग्नि माना जाता है और यह अग्नि शरीर को पोषक तत्व देती है। इसलिए पेट को सेहतमंद रखना बहुत महत्वपूर्ण है और अगर पेट सही रहता है तो शरीर की लगभग सभी परेशानियां दूर हो जाती है। इसके लिए आयुर्वेद के अनुसार कुछ आदतों को अपनी जीवनशैली में शामिल करना जरूरी है। कौन से आयुर्वेदिक तरीकों के जरिए पेट को सेहतमंद रखा जा सकता है, जानने के लिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल की सीनियर आयुर्वेदिक कंसल्टेंट डॉ. चेतन शर्मा (Dr. Chetan Sharma, Sr. Ayurveda Consultant, Sarvodaya Hospital, Faridabad & Noida) से बात की। उन्होंने कुछ आदतों को अपनी जीवनशैली में अपनाने की बात कही है।
पेट को सेहतमंद रखने के 7 आयुर्वेदिक तरीके
1. सोने से पहले त्रिफला चूर्ण
डॉ. चेतन कहते हैं, “त्रिफला चूर्ण मे आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण होता है। इसे आयुर्वेद में काफी पावरफुल हर्बल माना जाता है। इसे रात को आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें। यह चूर्ण पाचन शक्ति को बढ़ाता है और आंतों की सफाई करता है। इससे पेट में जमा विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और कब्ज से राहत मिलती है। अगर पेट साफ होता है, तो इसका असर त्वचा पर भी पड़ता है। पेट हल्का रहता है तो फूलने जैसी दिक्कतें नहीं है।”
2. सुबह कॉपर के जग का पानी
डॉ. चेतन के अनुसार तांबे के बर्तन में रातभर भरकर रखे पानी को पीना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कॉपर के बर्तन में रातभर पानी रखें और फिर सुबह खाली पेट इसे धीरे-धीरे पी लें। इससे लिवर डिटॉक्स होने में मदद मिलती है और पाचन में सुधार होता है। इससे इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद मिलती है। माना जाता है कि यह शरीर में तांबे की कमी को भी पूरा करता है।
इसे भी पढ़ें: पेट में बार-बार इंफेक्शन क्यों होता है? डॉक्टर से जानें कारण
3. खाली पेट घी का सेवन
डॉ. चेतन कहते हैं, “गाय का शुद्ध देसी घी सुबह खाली पेट लेने से आंतों को लुब्रिकेशन मिलता है जो शरीर के वात दोष को संतुलित करता है। इससे कब्ज, गैस और सूखेपन जैसी दिक्कतों से भी राहत मिलती है। देसी घी को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। अगर किसी को डायबिटीज या मोटापे की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसे शुरू करें। आयुर्वेद के अनुसार, खाली पेट देसी घी लेने से जोड़ों को भी पोषण मिलता है। इसलिए जिन लोगों को गाय का शुद्ध देसी घी मिलता है, वे लोग इसे सुबह की आदत में जरूर शामिल करें।”
4. नाभि में हींग का तेल
डॉ. चेतन ने बताया कि हींग को प्राकृतिक पाचन करने वाली औषधि मानी जाती है। यह पेट की गैस को दूर करने में मदद करती है। नाभि पर हींग का तेल लगाने से पेट दर्द, गैस, अपच और पेट फूलने जैसी दिक्कतों से राहत मिलती है। इसे लगाने के लिए तिल के तेल को हल्का गर्म कर लें और फिर उसमें थोड़ी सी हींग मिला दें। इस तेल को नाभि के आसपास लगाकर दो से तीन मिनट तक हल्के हाथ से मालिश करें। इससे पेट सेहतमंद रहता है।
5. इमली के पानी में पैर डुबोना
डॉ चेतन कहते हैं, “आयुर्वेद के अनुसार, जब आप पैर पानी में डुबोकर बैठते हैं, तो इससे शरीर की गर्मी बाहर निकलती है और मन शांत होता है। अगर पानी में इमली के गूदे को डाल दिया जाए और फिर 15 से 20 मिनट तक उस पानी में पैर भिगोकर बैठा जाए तो शरीर की गर्मी तो कम होती ही है, साथ ही पाचन बेहतर होता है। पाचन के अंगों को रिलैक्स महसूस होता है और स्ट्रेस कम होता है। इसलिए हफ्ते में एक से दो बार इस प्रक्रिया को किया जा सकता है।”
इसे भी पढ़ें: पेट से जुड़ी समस्या रहती है तो रात में न खाएं ये 3 चीजें, हो सकते हैं बीमार
6. खाने से पहले अदरक-नींबू
डॉ चेतन खाने से पहले अदरक-नींबू लेने की सलाह देते हैं। इससे भूख बढ़ती है, गैस की समस्या नहीं रहती और भोजन आसानी से पचता है। इसे लेने के लिए अदरक का छोटा टुकड़ा, नींबू की कुछ बूंदें और सेंधा नमक मिलाकर खाने से पहले ले सकते हैं। अदरक को चबाकर खाना चाहिए ताकि पूरा फायदा मिले।
7. सुबह टहलना
डॉ चेतन ने बताया, “सूर्यादय के समय सभी को कम से कम 15 से 20 मिनट तक वॉक करनी चाहिए। इससे न सिर्फ पेट को बल्कि पूरे शरीर को फायदा मिलता है। मेटाबॉल्जिम बढ़ता है और स्ट्रैस घटता है। Morning Walk के दौरान बस कोशिश यह रखें कि पार्क या खुले स्थान पर ही वॉक करें और गहरी लंबी सांस लें। इससे शरीर को ताजगी महसूस होती है और सारा दिन खुशनुमा बीतता है। मार्निग वॉक हर किसी को करनी चाहिए।”
निष्कर्ष
आयुर्वेद के अनुसार अगर पेट सही है तो पूरा शरीर सेहतमंद रहता है। स्वस्थ पेट ही बीमारियों के खिलाफ इम्युनिटी बनाने में सक्षम होता है। अगर आप रोजाना इन 7 आयुर्वेदिक तरीकों को अपनी आदत में शामिल कर लेंगे तो पेट से जुड़ी बीमारियों से राहत मिल सकती है। अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो इनमें कुछ आदतों को शुरू करने से पहले अपने अपने डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लें।
FAQ
पेट के अंदर की गंदगी को कैसे साफ करें?
दिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं, हरी सब्जियां और अनाज खाएं, कसरत करें और मसालेदार भोजन से बचें।पेट की अग्नि को संतुलित कैसे करें?
हमेशा हाइड्रेट रहने की कोशिश करें। अगर आप हर्बल चाय या गुनगुना पानी पीते हैं, तो इससे अग्नि को संतुलित होने में मदद मिलती है। हल्का भोजन करें, जिससे पाचन तंत्र को समय-समय पर आराम मिल सकता है।पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए कौन से घरेलू उपाय हैं?
पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं। इसके अलावा, सौंफ, अजवाइन और मिश्री का सेवन भी पाचन के लिए फायदेमंद है। मेडिटेशन तनाव दूर करने में मदद करता है। इससे भी पाचन में सुधार होता है।