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भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति यानी की आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का जिक्र किया गया है, जिसका सेवन करने से न सिर्फ बीमारियां दूर होती हैं, बल्कि ये यौन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है शतावरी। आयुर्वेद में शतावरी को बहुत ही शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना गया है। शतावरी महिला और पुरुष दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार है। खासकर जब सेक्स पावर की बात आती है तो शतावरी का सेवन उसमें सबसे पहले किया जाता है। आइए जानते हैं सेक्स पावर बढ़ाने में शतावरी कैसे फायदेमंद है और आयुर्वेद के अनुसार शतावरी का सेवन कैसे करना चाहिए।
शतावरी क्या है?
दिल्ली की आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. चंचल शर्मा (Asparagus racemosus)को यानी महिलाओं की शक्ति को बढ़ाने वाली औषधि कहा जाता है। शतावरी का प्रभाव शीलता होता है,ये शरीर के वात और पित्त दोष को शांत करके महिला और पुरुष दोनों की ही यौन स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है।
सेक्स पावर में शतावरी का प्रभाव
1. स्पर्म काउंट और गुणवत्ता बढ़ाएं
आयुर्वेदिक डॉक्टर बताती हैं कि आयुर्वेद में शतावरीको वृष्य कहा गया है। इसका आसान भाषा में अर्थ है शतावरी शुक्रधातु को पोषित करके यौन शक्ति को बढ़ाता है। पुरुष अगर शतावरी का सेवन करें, तो ये उनमें स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाता है। शतावरी के पोषक तत्व पुरुषों में यौन इच्छा (libido) को बढ़ाता है।
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2. तनाव और चिंता को कम करें
नेशनल मेडिसिन ऑफ लाइब्रेरी पर प्रकाशित एक रिसर्च बताती है कि शतावरी में एडाप्टोजेन गुण होते हैं जो तनाव, थकान और मानसिक चिंता को कम करते हैं। इससे पहले कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि सेक्स पावर कम होने के पीछे तनाव सबसे बड़ी वजह है। इस स्थिति में अगर शतावरी का सेवन एक सीमित मात्रा में किया जाए, तो ये मानसिक संतुलन को बनाकर सेक्स पावर को बढ़ाता है।
3. हार्मोनल बैलेंस
आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, शतावरी शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है। यह एंड्रोजेन (पुरुष हार्मोन) का निर्माण भी तेजी करती है, जिससे सेक्स पावर बढ़ती है।
4. शीघ्रपतन में फायदे
जो पुरुष शीघ्रपतन की समस्या का सामना कर रहे होते हैं, उनके लिए भी शतावरी बहुत फायदेमंद होती है। शतावरी का सेवन करने से पुरुषों के हार्मोन संतुलित होते हैं, ये मानसिक तनाव को भी कम करते हैं, जिससे शीघ्रपतनकी समस्या दूर होती है।
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शतावरी का सेवन कैसे करें?
- शतावरी चूर्ण (पाउडर) : शतावरी बाजार में चूर्ण यानी की पाउडर फॉर्म में आसानी से मौजूद है। सेक्स पावर बढ़ाने के लिए रात को सोने से पहले 1 से 2 ग्राम शतावरी चूर्ण, गर्म दूध या शहद के साथ जरूर लें।
- शतावरी कैप्सूल या टैबलेट : शतावरी का स्वाद हल्का कड़वा होता, जो हर किसी की जुबान को पसंद नहीं आता है। ऐसे लोग शतावरी को कैप्सूल या टैबलेट के तौर पर भी ले सकते हैं। दिन में दो बार खाना खाने के बाद शतावरी कैप्सूल और टैबलेट का सेवन फायदेमंद होता है।
- शतावरी दूध : 1 चम्मच शतावरी चूर्ण को गुनगुने हुए दूध में मिलाकर पिएं। शतावरी को दूध में मिलाकर पीने से मर्दाना ताकत बढ़ सकती है।
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किन लोगों को शतावरी नहीं लेनी चाहिए?
शतावरी में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं, जिसमें किसी भी प्रकार से शतावरी का सेवन करने की पूरी तरह से मनाही होती है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में।
1. किडनी स्टोन के मरीज : किडनी के मरीजों का शतावरी का सेवन करने से बचना चाहिए। शतावरी में ऑक्सलेट्स होते हैं जो स्टोन बढ़ा सकते हैं।
2. हार्मोन-सेंसिटिव कैंसर : जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर या PCOS है, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही शतावरी का सेवन करना चाहिए।
3. डायबिटीज मरीज : शतावरी का सेवन गर्म पानी या दूध के साथ करने से ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और इसे मैनेज करने के लिए दवा का सेवन कर रहे हैं, तो शतावरी खाने से पहले एक्सपर्ट से बात जरूर करें।
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निष्कर्ष
शतावरी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार है। शतावरी के नियमित और संतुलित सेवन से न केवल यौन शक्ति बढ़ती है, बल्कि ये मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।
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FAQ
शतावरी खाने से क्या फायदा होता है?
आयुर्वेद में शतावरी को एक बेहद शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना गया है। शतावरी खाने से शरीर को नहीं एक नहीं बल्कि कई प्रकार के फायदे होते हैं। शतावरी खाने से प्रजनन स्वास्थ्य, पाचन, हार्मोन संतुलन और इम्यून सिस्टम बेहतर बनता है। शतावरी के पोषक तत्व शारीरिक और मानसिक तनाव को भी कम करने में मददगार होते हैं।अगर मैं रोज शतावरी खाऊं तो क्या होता है?
अगर आप रोज शतावरी खाते हैं, तो इससे शरीर में ताकत, सहनशक्ति और हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है। शतावरी का फाइबर पाचन तंत्रिका से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है और मौसम बदलने पर होने वाली सर्दी, खांसी और बुखार से भी बचाता है। हालांकि शतावरी को रोजाना सिर्फ आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही खाना चाहिए।अश्वगंधा और शतावरी मिलाकर खाने से क्या होता है?
आयुर्वेद में अश्वगंधा और शतावरी एक पावरफुल कॉम्बिनेशन माना गया है। अश्वगंधा और शतावरी को मिलाकर खाने से सेक्स पावर, एनर्जी लेवल और मानसिक तनाव में काफी राहत मिलती है। ये दोनों जड़ी-बूटियां मिलकर हार्मोन संतुलन करती हैं और थकान दूर करती हैं।
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