जन औषधि केंद्र के क्या लाभ हैं? भारत सरकार ने शहर-शहर में जन औषधि केंद्र खोल रखें हैं पर जानकारी के अभाव में लोग इन केंद्रों का लाभ नहीं उठा पाते। इन केंद्रों या दुकानों पर जाकर आप दवाएं खरीद सकते हैं वो भी बेहद कम दामों में। कोरोना काल में अस्पतालों के दवाखानों की हालत खराब है वहां कोरोना के अलावा मौसमी बीमारियां जैसे बुखार, सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ने से आम दवाओं का संकट कायम है। ऐसे समय में अगर कोई महिला गर्भवती है तो वो जन औषधि केंद्र का लाभ उठा सकती है। गर्भावस्था में निजी दवाखानों का चक्कर लगाकर थक चुकी महिलाओं के लिये जन औषधि केंद्रों पर अस्पताल की 80 फीसदी दवाएं आपको आसानी से मिल जाएंगी। गर्भावस्था में फोलिक एसिड की दवा या कैल्शियम व अन्य दवाएं खिलाई जाती हैं जो कि बाजार में महंगे दामों पर बेची जाती हैं। महंगी दवाओं से बचने के लिए महिलाएं इन केंद्रों से दवाएं खरीद सकती हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए डाइपर, डायबिटीज मशीन, सेनेट्री पैड आदि मिल जाते हैं जिनकी एमआरपी बाजार से आधे दामों में होती है। आइए जानते हैं इन केंद्रों की खासियत।
बढ़ रही सस्ती-जेनेरिक दवाओं की बिक्री (Demand for low cost generic medicines increased)
जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक दवाएं बिकती हैं। जेनेरिक दवाएं वो दवा है जो बिना किसी पेटेंट के बनती है पर इन्हें भी टेस्ट करके लाइसेंस के साथ बनाया जाता है। महिलाओं की दवाओं की बात करें तो प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन की कमी पूरी करने के लिये प्रोजेस्टेरॉन 200 एमजी, बैक्टेरियल संक्रमण से बचाव के लिये सिफोटैक्सिम सोडियम इंजेक्शन, ओनडान सिट्रोन इंजेक्शन, अनियमित पीरियड्रस के लिये मेड्रोक्सीप्रोजेस्ट्रोन, एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन सैफ्ट्रीआकऑन सलबेक्टम, जननी प्रोटीन पाउडर की बिक्री बढ़ी है।
दवा में मौजूद सॉल्ट एक ही होती है (Name of salt present in medicine is same)
किसी भी दवा में मौजूद सॉल्ट का जेनेरिक नाम दुनिया भर में एक ही होता है इसलिए आप दवा को कहीं से भी खरीद सकते हैं। आपको जो भी दवाएं चिकित्सक ने लिखीं हैं उसका पर्चा साथ लायें और जन औषधि केंद्र से कम दामों में दवा मिल जाएगी। यहां तक की इन केंद्रों से आप डायबिटीज नापने की मशीन, हॉर्ट रेट मीटर जैसी मशीन भी कम दामों में खरीद सकते हैं।
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जन औषधि केंद्र पर सेनेट्री पैकेट की कीमत 4 रूपए (Low cost sanitary pad available in Jan Aushadhi Kendra)
महिलाओं और बच्चियों के लिए इन केंद्रों पर दवाओं के साथ-साथ चार रूपयों में चार पेड का सेनेट्री पैकेट उपलब्ध करवाया जाता है जबकि निजी कंपनियां चार पैड वाले एक पैकेट के लिये 150 से 250 रूपये वसूलती हैं। शहर और गांव के कई इलाकों में आज भी महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती हैं जिनसे उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। गरीब तबके के लोग महंगे पैड्स के लिए पैसे खर्च नहीं कर सकते ऐसे में उनके लिए जन औषधि केंद्र बेहतर विकल्प है।
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बाजार से 70 प्रतिशत कम दामों में मिल रही गर्भवती महिलाओं की दवाएं (70 % Margin in medicines sold in Jan Aushadhi Kendra)
महिला अस्पतालों में आये दिन दवाओं की किल्लत और महंगी गोलियों से परेशान प्रसूताओं और गर्भवती महिलाओं के लिये जन औषधि केंद्र हमदर्द बनकर उभर रहे हैं। यूपी के शहर लखनऊ में अलीगंज इलाके के डंडैया बाजार में स्थित जन औषधि केंद्र के संचालक सुमित कुमार ने बताया कि हमारे केंद्र में सरकारी और गैर अस्पतालों से मरीज दवाएं लेने आते हैं। कई दवाएं ऐसी हैं जो बाजार से सत्तर फीसदी कम दामों में उपलब्ध हैं। ऑयरन-कैल्शियम की गोलियों से भरे 60 से 80 डिब्बे हर माह बिक रहे हैं, एक बॉक्स में 100 गोलियां मिलती हैं। निजी केंद्रों से अस्सी फीसदी सस्ती दवाओं को खरीदने वाली अधिकांश महिलायें हैं। नोरथिस्टेरॉन की पांच एमजी की गोली रक्तस्त्राव रोकने के लिये दी जाती है, बाजार में इसका एक पत्ता 150 रूपयों में मिलता है जबकि हमारे पास ये मात्र ग्यारह रूपयों में उपलब्ध है। महिला अस्पतालों के दवाखाने में मुख्य दवाओं में 170 नाम हैं जिनमें सिरप, गोली और इंजेक्शन शामिल हैं। इनमें से 80 प्रतिशत दवाएं जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध हैं।
आप भी जन औषधि केंद्रों का लाभ उठाकर सस्ते दामों में दवाओं को खरीदें।
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