पुणे में पिछले कुछ दिनों से हैजा, डेंगू के साथ ही जीका वायरस के मामले भी बढ़ रहे हैं। जुलाई की शुरुआत होने के साथ ही पुणे में दो महिलाओं के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह वायरस खतरे का सबब बन रहा है। शहर में जीका वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर अब केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्र द्वारा राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें जीका वायरस के लिए निगरानी और स्क्रीनिंग को बढ़ाने के लिए कहा गया है। आइये जानते हैं जीका वायरस की गाइडलाइन के बारे में।
पुणे में 7 मामले आए सामने
पुणे में पिछले माह जीका वायरस के मामलों में बढ़त हुई है। पहले यह मामला केवल दो लोगों में देखा गया था, जिसके बाद अब शहर में कुल 7 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। यह मामले 11 दिनों में ही 7 पहुंच चुके हैं। इसे लेकर संक्रमित इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। पहली बार साल 2016 में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया था।
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एडवाइजरी में क्या है?
- जीका वायरस को लेकर सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में प्रेग्नेंट महिलाओं की स्क्रीनिंग और उनकी टेस्टिंग पर ज्यादा जोर दिया गया है।
- एडवाइजरी के मुताबिक अगर महिला प्रेग्नेंट है और जीका वायरस से संक्रमित है तो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास की भी निगरानी की जाएगी।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों और इलाकों में एक नोडल ऑफिसर तैनात किया जाएगा, जो इलाकों को मच्छर रहित बनाएगा।
- इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन साइट्स, स्कूल वर्कप्लेस आदि जैसी जगहों पर वेक्टर कंट्रोल एक्टिविटीज पर ध्यान दिया जाएगा।

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कैसे है नुकसानदायक?
- जीका वायरस प्रेग्नेंट महिलाओं को जल्दी चपेट में लेता है।
- प्रेग्नेंट महिलाओं को यह इंफेक्शन होने पर गर्भपात होने का खतरा रहता है।
- इससे कई बार गर्भ में पल रहे शिशु का जन्म समय से पहले हो जाता है।
- इससे की बार जन्म के समय से ही बच्चे को कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।