पुणे में जीका वायरस से दो बुजुर्गों की मौत, जानें उम्रदराज लोगों में क्यों दिखते हैं इसके गंभीर लक्षण

पुणे में जीका वायरस से दो बुजुर्ग लोगों की मौत हुई है, जिनकी उम्र 68 और 78 वर्ष थी। आइये डॉक्टर से जानते हैं बुजुर्गों में इस वायरस के लक्षण गंभीर क्यों होते हैं।
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पुणे में जीका वायरस से दो बुजुर्गों की मौत, जानें उम्रदराज लोगों में क्यों दिखते हैं इसके गंभीर लक्षण


How to Prevent Old People From Zika Virus: पिछले कुछ समय से देश में वेक्टर बोर्न डिजीज के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके चलते जीका वायरस भी कई राज्यों में तेजी से फैला है। पुणे में पिछले कुछ समय से यह वायरस लोगों की चिंता का कारण बना हुआ है। हाल ही में पुणे में जीका वायरस से दो बुजुर्ग लोगों की मौत हुई है, जिनकी उम्र 68 और 78 वर्ष थी। जीका से संक्रमित होने के बाद दोनों का एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक दोनों में इस वायरस के गंभीर लक्षण थे। इसके साथ ही शहर में जीका वायरस से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 66 पहुंच चुका है। आइये इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के इंफेक्शियस डिजीज के सीनियर कंसलटेंट डॉ. जतिन अहूजा से जानते हैं बुजुर्गों में इस वायरस के लक्षण ज्यादा गंभीर क्यों होते हैं। 

बुजुर्गों में क्यों देखे जाते हैं गंभीर लक्षण 

  • डॉक्टर के मुताबिक बुजुर्गों में जीका वायरस के लक्षण गंभीर होते नहीं हैं, बल्कि बन जाते हैं। 
  • दरअसल, इस उम्र के अधिकांश लोगों को आमतौर पर स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ न कुछ समस्याएं रहती है, जिस कारण उनकी शरीर किसी वायरस से लड़ने मे सक्षम नहीं रहती है। 
  • इसके साथ ही बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है, जो लक्षणों को गंभीर बनाने का अहम कारण माना जाता है। 
  • कुछ बुजुर्गों में संक्रमित होने के बाद इसे अन्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे कई बार लक्षण ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। 
  • युवाओं की अपेक्षा बुजुर्गों को रिकवर होने में अधिक समय लगता है, जिससे कई बार जीका वायरस के लक्षण लंबे समय तक भी रह सकते हैं। 
  • ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा कि बुजुर्गों के इस वायरस के चपेट में आने का जोखिम भी ज्यादा रहता है। 

बुजुर्गों को जीका वायरस से कैसे बचाएं? 

  • बुजुर्गों को जीका वायरस से बचाने के लिए उनकी देखभाल करनी जरूरी है। 
  • उनमें जीका वायरस के लक्षण दिखने पर बिना देर किए जांच कराएं। 
  • इसके लिए उन्हें फुल बाजू के हल्के कपड़े पहनाएं। 
  • उन्हें गंदे और दूषित पानी के संपर्क में आने से बचाएं। 
  • कोशिश करें कि उनके कमरे में मच्छरदानी लगाएं ताकि वे मच्छरों से बच सकें। 

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समय से कराएं जांच 

जीका वायरस का मॉर्टेलिटी रेट ज्यादा हाई नहीं है, इसलिए समय रहते अगर इस वायरस की पहचान की जाए तो इससे ठीक हुआ जा सकता है। बुजुर्गों में किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। 

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