निमोनिया (Pneumonia) एक संक्रमण जनित गंभीर बीमारी है जो जानलेवा भी हो सकती है। निमोनिया संक्रमण में फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इस बीमारी में शरीर के दोनों फेफड़ो में सूजन और दर्द शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से कफ, मवाद और बुकार व ठंड लगने की समस्या होती है। यह बीमारी बच्चों में बहुत खतरनाक मानी जाती है। हर साल निमोनिया की वजह से दुनिया भर में हजारों की संख्या में बच्चों की मौत भी होती है। निमोनिया के लक्षण दिखने के बाद तुरंत इलाज होने पर इस बीमारी से निजात पायी जा सकती है। निमोनिया की बीमारी में आयुर्वेदिक तरीके से इलाज भी फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के सहारे हजारों साल से निमोनिया का इलाज किया जा रहा है। आयुर्वेद में निमोनिया से जुड़े बुखार के बारे में बताया गया है इस समस्या में कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं निमोनिया की समस्या में फायदेमंद आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में।
निमोनिया के लक्षण (Pneumonia Symptoms)
मरीज की स्थिति के हिसाब से निमोनिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में निमोनिया संक्रमण होने पर भी गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और वहीं कुछ लोगों में इस संक्रमण के लक्षण इतने गंभीर होते हैं की मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन जाती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के हिसाब से आपका शरीर इस संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया देता है। वयस्क और बच्चों में निमोनिया संक्रमण के लक्षण अलग-अलग होते हैं।
वयस्क लोगों में निमोनिया के लक्षण
- बलगम के साथ भारी खांसी।
- बुखार, अत्यधिक पसीना और ठंड लगना।
- सांस लेने में दिक्कत।
- अत्यधिक कमजोरी और थकान।
- भूख न लगना।
- भ्रम होना और चक्कर।
- सीने में गंभीर दर्द।
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
- ठंड लगना और बुखार।
- गंभीर खांसी की समस्या।
- बच्चों को भूख न लगने की समस्या।
निमोनिया की बीमारी में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल (Ayurvedic Remedies to Cure Pneumonia)
निमोनिया एक संक्रमण जनित बीमारी है जिसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए भारी हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। हालांकि इस बीमारी में इलाज तुरंत किया जाना चाहिए लेकिन आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आयुर्वेद में निमोनिया की समस्या में उपयोगी जड़ी बूटियों के बारे में बताया गया है जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। आइये जानते हैं निमोनिया में फायदेमंद जड़ी बूटियों के बारे में।
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1. निमोनिया में हल्दी का इस्तेमाल (Turmeric To Cure Pneumonia)
निमोनिया एक गंभीर संक्रमण है जो फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इस समस्या में इलाज के साथ हल्दी का इस्तेमाल फायदेमंद माना जाता है। आप निमोनिया की वजह से होने वाली दिक्कतों से बचने के लिए हल्दी का आयुर्वेदिक तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी में तमाम औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसकी वजह से आयुर्वेद में हल्दी के औषधि के रूप से प्रयोग में लाया जाता है। निमोनिया की समस्या में आप हल्दी के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। हल्दी निमोनिया की वजह से होने वाली दिक्कतों को दूर करने में फायदेमंद होता है। आप हल्दी के पाउडर को गर्म दूध में डालकर रोज सुबह और शाम पिएं। इसके अलावा इस समस्या में आप आधा चम्मच हल्दी और चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको बलगम, कफ और खांसी में फायदा मिलेगा।
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2. निमोनिया में तुलसी का इस्तेमाल (Tulsi to Cure Pneumonia)
आयुर्वेद में तुलसी का अपना अलग महत्व है। तुलसी में मौजूद गुणों के कारण इसका इस्तेमाल तमाम बीमारियों को दूर करने के लिए औषधि के रूप में किया जाता है। भारत में तुलसी को पवित्र पौधा माना जाता है और इसका इस्तेमाल हिंदू धर्म के पवित्र कार्यों में किया जाता है। तुलसी में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और खून साफ करने के गुण मौजूद होते हैं। तुलसी का इस्तेमाल बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, बैक्टीरियल संक्रमण और मलेरिया जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। निमोनिया की समस्या में भी तुलसी का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। आप निमोनिया की समस्या में तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें काली मिर्च मिलकर इसका सेवन करें। रोजाना हर छह घंटे के बाद इसके थोड़ी पत्तियों का रस और कालीमिर्च को एकसाथ मिलकर सेवन करने से निमोनिया में फायदा मिलता है।
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3. निमोनिया में लहसुन का इस्तेमाल (Garlic to Cure Pneumonia)
निमोनिया की समस्या में लहसुन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। लहसुन को आयुर्वेद में असरदार औषधि माना जाता है। लहसुन के इस्तेमाल से कई गंभीर बीमारियों में भी फायदा मिलता है। आप निमोनिया की समस्या में लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजाना रात में लगभग एक कप दूध लेकर उसमें उसका चार गुना पानी मिला दें। अब इसमें आधा चम्मच लहसुन का पेस्ट डालकर इसे अच्छी तरह से उबालें। जब यह उबलकर एक कप बचे तो इसे छानकर किसी बर्तन में रखें और हल्का गुनगुना होने पर सेवन करें। ऐसा नियमित रूप से कुछ दिनों तक करने से निमोनिया की समस्या में फायदा मिलता है। इसका सेवन निमोनिया में होने वाली समस्याओं को भी दूर करता है।
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4. सरसों के तेल से दूर करें निमोनिया (Mustard Oil Usase in Pneumonia)
निमोनिया की समस्या में व्यक्ति को सीने में जकड़न, सर्दी और खांसी की समस्या सबसे ज्यादा होती है। इस स्थिति में सरसों के तेल का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। निमोनिया की समस्या चाहे बच्चों में हो या बड़ों में शुद्ध सरसों के तेल का इस्तेमाल इस समस्या में बहुत फायदा देता है। निमोनिया की समस्या से ग्रसित होने पर सरसों के तेल को गर्म करके सीने और छाती पर मालिश करें। रोजाना दो बार मालिश करने से निमोनिया की समस्या से बचाव होता है और निमोनिया की वजह से होने वाली जकड़न और खांसी भी दूर होती है।
5. निमोनिया की समस्या में तिल का इस्तेमाल (Sesame Seeds Usase in Pneumonia)
आयुर्वेद में तिल को एक असरदार औषधि माना गया है। तिल के इस्तेमाल से कई बीमारियों में फायदा भी मिलता है। सिर्फ तिल के बीज ही नहीं इनकी पत्तियों और जड़ों को भी आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। तिल का सेवन सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आप निमोनिया की समस्या में तिल का इस्तेमाल कर सकते हैं। निमोनिया की समस्या होने पर आप 15 ग्राम तिल के बीज को 300 मिलीलीटर पानी में एक चम्मच अलसी और एक चम्मच शहद व आधा चम्मच नमक के साथ मिलाकर प्रतिदिन उपयोग करें। ऐसा करने से फेफड़ों से कफ बाहर निकलता है और निमोनिया की समस्या दूर होती है।
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ऊपर बताये गए सभी आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल निमोनिया की समस्या में किया जाता है। लेकिन निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जिसमें समय से इलाज न होने की स्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है, इसलिए इन नुस्खों का इस्तेमाल किसी एक्सपर्ट की देखरेख में किया जाना चाहिए। इनका इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की राय जरूर लें। निमोनिया के लक्षण दिखने पर बीमारी की जांच के बाद योग्य चिकित्सक से इलाज कराना फायदेमंद होता है।