निमोनिया एक श्वसन विकार है, जो फेफड़ों में सूजन के कारण होता है। इस बीमारी में वायु थैली जिसे आमतौर पर एल्वियोली के रूप में जाना जाता है, वो तरल पदार्थ या मवाद से भर जाता हैं जिससे सांस लेने में समस्या होती है। वहीं इसके अन्य लक्षणों की बात करें, तो बुखार, खांसी और ठंड लगना आदि इसमें हो सकता। वहीं बहुत ज्यादा बलगम या कफ बहुत असुविधा का कारण बनता है। बारिश या सर्दी के दिनों में यह संक्रमण शिशुओं और बच्चों में में आम हो जाता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है। आजकल बारिश का मौसम है और बच्चों को बारिश में खेलना या भीगने का बहुत पसंद है। ऐसे में बच्चों को सर्दी-जुकाम हो सकता है और ये बढ़कर निमोनिया तक बन सकता है। इसलिए जरूरी ये है कि आप बच्चों के खानपान को ठीक रखें ताकि वो निमोनिया से बचे रहें। तो आइए जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को निमोनिया से बचाए रख सकते हैं।
निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों के खान-पान में इन चीजों को करें शामिल
बच्चों को दे पुदीना और नीलगिरी की चाय
बारिश में भीग जाने के बाद निमोनिया से बचे रहने के लिए बच्चों को पुदीना, नीलगिरी और मेथी की चाय पिलाएं। बारिश में ये हर्बल टी गले को को शांत करने में आपकी मदद कर सकते हैं। 2011 के एक अध्ययन में पाया गया कि पुदीना और नीलगिरी सहित जड़ी-बूटियों ने ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण वाले लोगों के गले पर सुखदायक प्रभाव डालते हैं। ये जड़ी-बूटियां बलगम को तोड़ने और निमोनिया के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
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प्रोटीन युक्त भोजन
निमोनिया से पीड़ित लोगों को प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। नट्स, सीड्स, बीन्स, व्हाइट मीट और मछलियों में भरपूर प्रोटीन होता है और ये एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाले होते हैं। वे खाद्य पदार्थ क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत और शरीर में नए ऊतकों के निर्माण में भी मदद कर सकते हैं। ये आपको इम्यूनिटी को बढ़ाकर बीमारी को जल्दी ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही आप पूरे अनाज जैसे क्विनोआ, ब्राउन राइस, जई, जौ में कार्बोहाइड्रेट सामग्री से बनी चीजें भी बच्चों को खिलाएं। ये बीमारी के दौरान शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। उनमें मौजूद बी-विटामिन ऊर्जा के उत्पादन और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। इन अनाजों में मौजूद सेलेनियम खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
प्रोबायोटिक्स
दही जैसे खाद्य पदार्थों में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो निमोनिया पैदा करने वाले रोगज़नक़ के विकास को रोकते हैं। वे प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देते हैं क्योंकि वे आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। वहीं इसके साथ आप खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा और बैरिज आदि खा सकते हैं।
मेथी
2018 की एक समीक्षा बताती है कि मेथी के बीज बलगम को तोड़ने में मदद कर सकते हैं। इसलिए मेथी के बीज से बनी चाय लगातार खांसी को कम कर सकती है। वहीं इसका तेल खांसी से राहत देने में मदद कर सकते हैं। लोग इन्हें डिफ्यूज़र में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, शोध बताते हैं कि मेथी के बीज बुखार के दौरान उनके शरीर के तापमान को कम करने और पसीना निकालने में व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।
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सोने से पहले शहद और दालचीनी चटाएं
शहद अपने हीलिंग गुणों के लिए बहुत लंबे समय से जाना जाता है। यह खांसी और सर्दी को ठीक करने में सहायक है और निमोनिया के लक्षणों को कम कर सकता है। इसमें जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण हैं। वहीं दालचीनी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से लबालब है। अगर आपके बच्चा बारिश में भीग गया है तो उसे निमोनिया से बचाने के लिए सोने से पहले दालचीनी को पीसकर शहर में मिलाकर बच्चे को चटाएं।
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