कोरोना मरीजों में देखे जा रहे हैं 'डबल निमोनिया' के मामले, डॉक्टर से जानें क्या हैं इसके लक्षण, कारण और इलाज

कोरोना से ठीक होने के बाद कई मरीजों की मौत डबल निमोनिया की वजह से हुई है। डॉक्टर से जानते हैं आखिर क्या है ये बीमारी-  
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कोरोना मरीजों में देखे जा रहे हैं 'डबल निमोनिया' के मामले, डॉक्टर से जानें क्या हैं इसके लक्षण, कारण और इलाज

कोरोना की दूसरी लहर की वजह से चारों ओर डर का माहौल बन गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग इससे काफी ज्यादा डरने लगे हैं। इस बार कोरोना की रफ्तार पहली लहर से काफी तेज है, साथ ही यह लोगों को गंभीर रूप से भी प्रभावित कर रहा है। हर दिन लाखों की संख्या में मामले आ रहे हैं और हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में लोगों के मन में कोरोना को लेकर डर बैठ गया है। पूरी तरह सतर्कता बरतने के बावजूद कई लोग कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं। दूसरी लहर लोगों के लिए इसलिए भयावह बनी हुई है क्योंकि इसके कारण मरीजों का दोनों लंग्स (Covid-19 and double pneumonia) प्रभावित हो रहा है। दोनों लंग्स प्रभावित होने की इस समस्या को डबल निमोनिया (Double Pneumonia) का नाम दिया जा रहा है। हम में से कई लोग डबल निमोनिया (What is double pneumonia) से अनजान हैं। मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन और चेस्ट सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार से जानते हैं डबल निमोनिया कोरोना के मरीजों को किस तरह कर रहा है प्रभावित? कैसे होता है इसका इलाज (Double Pneumonia Treatment)? क्या हैं इसके (Double Pneumonia Symptoms) गंभीर लक्षण?  

क्यों होता है कोरोना के मरीजों को डबल निमोनिया? 

डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि पहले जब किसी व्यक्ति को निमोनिया होता था, तब सिर्फ 1 ही लंग्स इंफेक्टेड होता था। पहले कीटाणु या फिर वायरस शरीर में प्रवेश करके लंग्स के किसी एक हिस्से को प्रभावित करते थे। अब कोविड-19 (Covid-19) से ठीक हुए कुछ व्यक्ति के दोनों लंग्स प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि लंग्स कोरोनावायरस (Lung Infected) की वजह से प्रभावित नहीं हो रहा है, बल्कि वायरस के द्वारा बॉडी के अंदर इम्यून रिस्पॉन्स होता है। वह इम्यून रिस्पॉन्स वायरस को प्रभावित करने के साथ-साथ लंग्स को भी प्रभावित कर रहा है। यह इम्यून रिस्पॉन्स शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। यानि मरीज के शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज (Auto-Immune) अपने ही लंग्स को प्रभावित करने लगते हैं। यह एंटीबॉडीज शरीर के अपने ही अंग को प्रभावित करने लगते हैं, जिसमें लंग्स प्रमुख अंग है। मेडिकल भाषा में इस समस्या को साइटोक्रोम स्टॉर्म (Cytokine Storm) कहा जाता है। सामान्य भाषा में इस समस्या को डबल निमोनिया (Double Pneumonia and Covid-19) नाम दिया गया है, क्योंकि इसके कारण दोनों लंग्स इफेक्टेड होते हैं। 

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डबल निमोनिया के लक्षण (Double pneumonia Symptoms) 

डॉक्टर का कहना है कि डबल निमोनिया के लक्षण सामान्य निमोनिया की तरह ही होते हैं। जैसे- 

  • खांसी 
  • छाती में दर्द
  • सांस फूलना
  • ऑक्सीजन स्तर कम होना
  • कंजेक्शन
  • फीवर
  • ब्रीथिंग रेट बढ़ना
  • काफी ज्यादा थकान महसूस होना
  • डायरिया
  • मानसिक स्वास्थ्य पर असर
  • नकसीर इत्यादि लक्षण देखने को मिल रहे हैं। 

हॉस्पिटल जाने की कब है जरूरत? 

अगर मरीज को सांस लेने में तकलीफ और सीने में काफी दर्द हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत है। निमोनिया के माइल्ड लक्षण फ्लू या फिर कोल्ड की तरह दिख सकते हैँ। लेकिन अगर यह लक्षण 3 दिन से अधिक दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि लंग्स पूरी तरह से इंफेक्टेड होने से बच सके। 

किन लोगों को है डबल निमोनिया का अधिक खतरा? 

कोरोना हर एक वर्ग को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में डबल निमोनिया होने का खतरा हर एक व्यक्ति को है। लेकिन कुछ लोगों को डबल निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे- 

  • बच्चों और नवजात शिशुओं को
  • 65 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को
  • कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति को
  • गंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को (जैसे- अस्थमा, डायबिटीज, हार्ट फैलियर)
  • शराब और धूम्रपान करने वाले लोगों को 

क्यों हो रहा कोरोना के मरीजों को डबल निमोनिया?

डॉक्टर अरविंद का कहना है कि कोरोना के मरीजों में जो एंटीबॉडीज बन रही हैं, वह कुछ लोगों में इतनी ज्यादा हो जाती हैं कि वे अपने ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। कोरोना के कुछ लोगों में यह समस्या क्यों हो रही है, इसके बारे में अभी तक रिसर्च नहीं हुआ है। ऐसे में इसपर कोई राय देना सही नहीं होगा।

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कितना गंभीर है डबल निमोनिया?

डॉक्टर का इस बारे में कहना है कोरोना से जितनी मौतें हो रही हैं, उसमें 99 फीसदी मौत लंग्स प्रभावित होने का कारण ही हो रही हैं। हालांकि, यह कहना सही नहीं होगा कि डबल निमोनिया से ग्रसित मरीजों की मौत हो जाएगी। डॉक्टर का कहना है कि डबल निमोनिया से ग्रसित करीब 10 फीसदी मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 90 फीसदी मरीज घर में ही खुद-ब-खुद ठीक हो चुके हैं। यानि गंभीरता की बात कि जाए, तो यह 0 से 100 फीसदी तक हो सकता है। इसलिए अगर किसी तरह की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

डबल निमोनिया कोरोना के मरीजों को किस तरह करता है प्रभावित

डॉक्टर का कहना है कि लंग्स इंवोल्मेंट की डिग्री होती है। इस आधार पर मरीजों का इलाज शुरू किया जाता है। मरीजों के दोनों साइड के लंग्स 1 से 100 फीसदी तक प्रभावित हो सकते हैं। जिन मरीजों का लंग्स कम प्रभावित होता है, वह घर पर ही ठीक हो जाते हैं। वहीं, जिनका लंग्स अधिक प्रभावित हुआ होता है, उन्हें ऑक्सीजन या फिर वेंटीलेटर की आवश्यकता होती है। वहीं, जिनकी स्थिति काफी ज्यादा गंभीर हो जाती है और लंग्स पूरी तरह से इंफेक्टेड हो जाता है, उनकी मौत हो सकती है। 

कैसे होता है डबल निमोनिया का इलाज?

डॉक्टर अरविंद का कहना है कि डबल निमोनिया से प्रभावित मरीजों को स्टेरॉयड्स (Steroid) दवाई के साथ-साथ अन्य दवाइयां दी जाती है। जिससे निमोनिया के असर को कम किया जा सके। जिन लोगों में यह दवाई असर करता है, वे 3 से 4 दिनों में ठीक होने लगते हैं।  

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घर में कैसे किया जा सकता है डबल निमोनिया इलाज 

डॉक्टर अरविंद का कहना है कि अगर आपके लंग्स गंभीर रूप से प्रभावित नहीं हुए हैं, तो आप घर पर रहकर भी इसका इलाज करवा सकते हैं। जैसे- अगर आपका ऑक्सीजन लेवल सही है, ज्यादा खांसी नहीं हो रही, फीवर भी कम है, सांस नहीं फूल रही है, तो ऐसे मरीज घर पर रहकर इलाज करवा सकते हैं। कोरोना के करीब 90 फीसदी ऐसे ही मरीज होते हैं। सिर्फ 10 फीसदी ऐसे मरीज हैं, जिसमें गंभीर लक्षण देखे गए हैं। 90 फीसदी मरीज घर में रहकर ठीक हो सकते हैं। डॉक्टर का कहना है कि माइल्ड लक्षण वाले मरीजों को सिर्फ बुखार की दवाई दी जाती है। बाकि सही डाइट और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। लंग्स को हेल्दी रखने के लिए प्रोन एक्सरसाइज (Prone Position) बेहतर कारगर हो रहा है। ऐसे में डबल निमोनिया के मरीजों को यह एक्सरसाइज करने की सलाह दी जा रही है। ऐसे मरीजों को घर में ही रहकर इलाज करवाना चाहिए। वे घर में रहकर भी ठीक हो सकते हैं। सिर्फ 10 से 15 फीसदी गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं।

 

ध्यान रहे कि कोरोना इस समय दुनियाभर के लोगों के लिए गंभीर बीमारी बनी हुई है। इस बीमारी के चलते लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में इस बीमारी के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी जांच कराएं।

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