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तनाव और चिंता में रहते हैं तो आजमाएं ये 2 आयुर्वेदिक उपाय, रहेंगे मेंटली फिट

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक शांति और तनाव एक गंभीर समस्या बन गई है। यहां जानिए, सर्दियों में मानसिक शांति के लिए क्या करें?
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तनाव और चिंता में रहते हैं तो आजमाएं ये 2 आयुर्वेदिक उपाय, रहेंगे मेंटली फिट


आजकल की लाइफस्टाइल के साथ बढ़ती जिम्मेदारियों और काम के दबाव की वजह से लोग मानसिक रूप से थकान और तनाव का सामना कर रहे हैं। तनाव का बढ़ता स्तर न केवल हमारे मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। तनाव और मानसिक अशांति के कारण नींद की कमी, सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। सर्दियों का मौसम वैसे तो शांत और सुकून भरा होता है, लेकिन इस समय पर भी कई लोग मानसिक दबाव का अनुभव करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में कफ और वात दोष के असंतुलन के कारण भी मानसिक अशांति और तनाव की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार, योग और ध्यान मानसिक शांति बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसे लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानेंगे कि किस प्रकार आयुर्वेद के कुछ प्रभावी उपायों से मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।

मानसिक शांति के लिए आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों के मौसम में ठंडक और ठहराव का अनुभव होता है, जो मानसिक और शारीरिक शांति को बढ़ाता है। हालांकि, ठंड के बढ़ने से कफ और वात दोष का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे कई बार मानसिक तनाव और बेचैनी का अनुभव होने लगता है। आयुर्वेद में, सर्दियों के दौरान मानसिक शांति बनाए रखने के लिए विशेष रूप से दो उपचारों शिरोधारा और अभ्यंग (मालिश) का सुझाव दिया जाता है।

1. अभ्यंग

अभ्यंग यानी शरीर की तेल मालिश आयुर्वेद का एक प्रमुख उपचार है। सर्दियों में शरीर की त्वचा ड्राई हो जाती है, जिससे वात दोष बढ़ सकता है। अभ्यंग के माध्यम से शरीर में रक्त संचार यानी ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे तनाव और थकान कम होती है। सर्दियों में गुनगुने तेल से मालिश करने से शरीर में गर्माहट आती है और पाचन भी बेहतर होता है।

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अभ्यंग के फायदे

  • अभ्यंग तंत्रिका तंत्र को शांति देता है, जिससे मानसिक शांति और सुकून का अनुभव होता है।
  • गर्म तेल से मालिश करने से रक्त संचार बेहतर होता है, जो सर्दियों में ठंड के कारण जकड़े हुए अंगों को आराम मिलता है।
  • यह प्रक्रिया शरीर से वात और कफ दोष को संतुलित करती है, जिससे सर्दियों के दौरान स्वास्थ्य बेहतर होता है।

2. शिरोधारा

शिरोधारा, आयुर्वेद का एक प्राचीन उपचार है, जिसमें माथे पर लगातार गर्म तेल या औषधीय तेल की धारा डाली जाती है। इस प्रक्रिया से मन को गहरी शांति मिलती है और तनाव कम होता है। शिरोधारा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो सर्दियों में तनाव, अनिद्रा या चिंता से परेशान रहते हैं। ध्यान रखें कि शिरोधारा घर में नहीं बल्कि आयुर्वेदिक क्लीनिक में डॉक्टर या एक्सपर्ट की निगरानी में करवाएं।

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शिरोधारा के फायदे

  • शिरोधारा का काम मन को शांत करना और तनाव कम करना है। यह दिमाग को संतुलित करता है, जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।
  • शिरोधारा उन लोगों के लिए प्रभावी है जिन्हें नींद नहीं आती या जिन्हें अनिद्रा की समस्या है। यह मस्तिष्क को आराम देता है और नींद की क्वालिटी को बेहतर करता है।
  • शिरोधारा के नियमित उपयोग से चिंता और अवसाद में कमी आती है।

निष्कर्ष

अभ्यंग और शिरोधारा, दोनों ही सर्दियों में मानसिक और शारीरिक शांति के लिए आयुर्वेदिक रूप से अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। अभ्यंग के माध्यम से शरीर को गर्माहट और शांति मिलती है, जबकि शिरोधारा से मानसिक तनाव और अनिद्रा में राहत मिलती है। इन दोनों आयुर्वेदिक उपचारों का नियमित अभ्यास न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि सर्दियों में स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद करता है।

All Images Credit- Freepik

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