आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल, भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ते तनाव के कारण थकान और आलस्य की समस्या आम हो गई है। सुबह से लेकर रात तक के बिजी रूटीन, पोषण की कमी, तनाव और नींद की परेशानी जैसे कारण थकान और आलस्य को जन्म देते हैं। खराब डेली रूटीन और अनहेल्दी लाइफस्टाइल का असर न केवल हमारी सेहत पर पड़ता है, बल्कि हमारी कार्यक्षमता यानी प्रोडक्टिविटी और मानसिक स्थिति पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। थकान और आलस्य को दूर करने के लिए लोग अक्सर कैफीन, चॉकलेट आदि का सहारा लेते हैं, जो कुछ समय के लिए राहत तो देती हैं, लेकिन लंबे समय में ये समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं। आयुर्वेद में थकान और आलस को दूर करने के लिए सही डेली रूटीन बताया गया है। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉ. क्रान्ति आर. वर्धन, थकान और आलस्य दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं।
थकान और आलस्य दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies for Fatigue in Hindi
1. दिन की शुरुआत अभ्यंग से करें
अभ्यंग, आयुर्वेद में एक जरूरी दिनचर्या मानी जाती है। यह प्रक्रिया गुनगुने तेल से शरीर की मसाज करने की होती है। अभ्यंग न केवल शरीर को पोषण देता है, बल्कि यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही, यह शरीर के दोषों को बैलेंस करने में भी मदद करता है। आयुर्वेद में शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित रखने के लिए अभ्यंग का विशेष महत्व है, जो मानसिक और शारीरिक थकान को कम करने में सहायक हो सकता है। अभ्यंग के दौरान गुनगुने तेल का इस्तेमाल करने से त्वचा को जरूरी पोषण मिलता है। इस प्रक्रिया से न केवल मांसपेशियां रिलेक्स होती हैं, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है। नियमित रूप से अभ्यंग करने से आप पूरे दिन की थकान से बच सकते हैं और शरीर को ताजगी का अहसास हो सकता है।
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2. पानी में शहद और नींबू मिलाकर पिएं
अभ्यंग के बाद गुनगुने पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीने से आपके शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं। शहद, जो एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन में सुधार करता है। नींबू में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है। इसके अलावा, नींबू शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे थकान और आलस्य को दूर करने में सहायता मिलती है।
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गुनगुने पानी में शहद और नींबू का सेवन करने से डाइजेशन बेहतर होता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह संयोजन शरीर को एनर्जी से भर देता है और पूरे दिन की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाता है। शहद और नींबू का यह मिश्रण किसी भी प्रकार की शारीरिक कमजोरी और मानसिक थकान से निपटने के लिए बेहद प्रभावी है।
3. प्राणायाम करें
आयुर्वेद में प्राणायाम को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी माना गया है। यह प्रक्रिया शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाती है और ऊर्जा के स्तर को सुधारती है। प्राणायाम से शारीरिक थकान कम होती है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। यह तनाव को कम करता है और शरीर को रिलेक्स करता है, जिससे दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है।
प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मानसिक स्पष्टता और शारीरिक शक्ति दोनों में बढ़ोतरी होती है। प्राणायाम करने से शरीर के अंदर ताजगी का अहसास होता है और आलस्य भी दूर होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मानसिक तनाव या शारीरिक थकान का सामना कर रहे हैं। रोजाना 10-15 मिनट प्राणायाम करने से आप पूरे दिन ताजगी महसूस कर सकते हैं और थकान से निपट सकते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो आप शारीरिक और मानसिक थकान से मुक्त हो सकते हैं और पूरे दिन ताजगी महसूस कर सकते हैं। इसलिए, इन आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाकर आप अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी और एक्टिव बना सकते हैं।
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