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अधिक स्ट्रेस में रहने से हो सकती है थकान और कमजोरी, जानें दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

हार्मोनल बदलाव की वजह से होने वाली थकान को दूर करने के लिए आप आयुर्वेदिक उपाय अपना सकते हैं। आगे जानते हैं इन उपाय के बारे में
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अधिक स्ट्रेस में रहने से हो सकती है थकान और कमजोरी, जानें दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

Ayurvedic Remedies For Adrenal Fatigue In Hindi: हार्मोनल बदलाव की वजह से आपको थकान महसूस हो सकती है। आपको बता दें कि एड्रिनल एक ग्रंथि होती है जो कई आवश्यक हार्मोन को रिलीज करती है। जब यह ग्रंथि सही तरह से कार्य नहीं करती हैं, तो ऐसे में आपको थकान व कमजोरी बनी रह सकती है। इस थकान को एड्रिनल थकान कहते हैं। दरअसल, जीवनशैली खराब होने की वजह से एड्रिनल ग्रंथि पर दबाव पड़ सकता है। वैसे, आप आयुर्वेदिक उपायों से एड्रिनल की वजह से होने वाली थकान को आसानी से दूर कर सकते हैं। आगे नोएड़ा के वेव क्योर सेंटर के नैचुरोपैथी विभाग के डॉक्टर एस के पाठक से जानते हैं कि एड्रिनल थकान को दूर करने के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए। 

एड्रिनल थकान क्यों होती है - Causes Of Adrenal Fatigue in Hindi 

किड़नी के ऊपर स्थित एड्रिनल ग्रंथियां, कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का उत्पादन करती हैं जो शरीर को तनाव कम करने में मदद मिलती है। जब ये ग्रंथियां अत्यधिक काम करती हैं, तो वे पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती हैं, जिससे आपको आगे बताए लक्षण दिखाई देते हैं:

  • लंबे समय तक थकान
  • शरीर में दर्द
  • ब्लड प्रेशर लो होना
  • घबराहट
  • नींद में गड़बड़ी
  • नमकीन या मीठे चीज खाने का मन होना

आयुर्वेद में एड्रिनल थकान को असंतुलन की स्थिति के रूप में देखता है, जिसमें अक्सर एक अति सक्रिय वात (वायु और स्थान) दोष शामिल होता है, जो तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है। 

ayurvedic remedies for adrenal fatigue in hindi

एड्रिनल  दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies For Adrenal Fatigue In Hindi

अश्वगंधा 

अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे अधिक फायदेमंद जड़ी-बूटियों में से एक है, जो अपने एडाप्टोजेनिक गुणों के लिए जानी जाती है। यह शरीर को तनाव मुक्त बनाने में मदद करती है। इसके सेवन से कोर्टिसोल के लेवल को नियंत्रित करता है। शरीर की एनर्जी और सहनशक्ति को बढ़ाता है। नींद की क्वालिटी में सुधार करता है। इससे एड्रिनल फटीग में आराम मिलता है। 

शतावरी 

शतावरी में भी एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए फायदेमंद होती है। यह एड्रिनल ग्रंथियों को सपोर्ट करती है और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है। इससे एड्रिनल ग्रंथियों को पोषण मिलता है। महिलाओं के हार्मोनल संतुलित होते हैं। 

मुलेठी की जड़ 

आयुर्वेद में मुलेठी की जड़ से कई तरह के फायदों के बारे में बताय गया है। एड्रिनल फटीग को कम करने के लिए आप मुलेठी की जड़ या छाल का सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर की एनर्जी और इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। साथ ही, स्ट्रेस और तनाव कम होता है। 

ब्राह्मी 

आयुर्वेद में ब्राह्मी को मस्तिष्क की याददाश्त को बढ़ाने और तनाव कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। यह मानसिक स्वास्थ्य को सपोर्ट करती है। इसको नियमित रूप से लेने से तनाव और चिंता कम होती है। 

घी का उपयोग

घी एक पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाय है जो अपने पौष्टिक गुणों के लिए जाना जाता है। यह वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है और निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है।

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Ayurvedic Remedies For Adrenal Fatigue: एड्रिनल ग्रंथि के कारण होने वाली थकान को दूर करने के लिए आप प्राणायाम, योग और एक्सरसाइज कर सकते हैं। ऊपर बताए गए उपायों को अपनाने से पहले आप किसी आयुर्वेदाचार्य से संपर्क अवश्य करें। 

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