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क्या मेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकता है अश्वगंधा? डॉक्टर से जानें

Ashwagandha for Menopause: अश्वगंधा एक ऐसी जड़ीबूटी है जिसका सेवन सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के लिए किया जाता रहा है। आज हम जानेंगे कि ये मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में कैसे मददगार है? 
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क्या मेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकता है अश्वगंधा? डॉक्टर से जानें

Ashwagandha for Menopause: 40 के बाद अक्सर महिलाओं को शरीर ढलने लगता है और फर्टिलिटी प्रभावित होने लगती है। इस दौरान शरीर प्रीमेनोपॉज फेज की ओर जाने लगता है और धीमे-धीमे मैनोपॉज आने लगता है। 50 तक आते-आते महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति आ जाती है। मेनोपॉज से पहले और इसके बाद महिलाओं में कई प्रकार के लक्षण नजर आते हैं जो कि उनके शारीरिक और मानसिक सेहत को प्रभावित करते हैं। रात में नींद न आने से लेकर मूड स्विंग्स और ब्रेग फॉग जैसी स्थितियां भी खूब देखी जाती हैं। ऐसी स्थिति में अश्वगंधा का सेवन मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है लेकिन क्या ये सच में मददगार है, आइए जानते हैं इस बारे में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) की राय।


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क्या अश्वगंधा रजोनिवृत्ति के लक्षणों में मदद करता है-Does ashwagandha help with menopause symptoms

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि अश्वगंधा, जिसे भारतीय जिनसेंग या विंटर चेरी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में उगने वाली एक झाड़ी है जिसकी जड़ का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। हाल ही में, कुछ स्टडी हुए हैं जो कि इस बारे में बताते हैं कि मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में अश्वगंधा कैसे मददगार है। दरअसल, महिलाएं मनोपॉज के दौरान शरीर में कई प्रकार के लक्षण महसूस करती हैं जैसे कि उन्हें नींद नहीं आती, चिंता और उदासी होती है और दिमाग थका हुआ सा महसूस करता है।

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दरअसल, अश्वगंधा आपके शरीर के लिए एस्ट्रोजन सहित प्रजनन हार्मोन (Does ashwagandha increase estrogen levels) के स्तर पर प्रभाव पड़ सकता है। अश्वगंधा एक लोकप्रिय एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है जो इस दौरान महिलाओं में तनाव कम करने के साथ नींद को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

menopause

मेनोपॉज में अश्वगंधा लेने के फायदे-Ashwagandha benefits for menopause

PubMed के इस शोध में बताया है कि अश्वगंधा के जड़ का अर्क महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान हल्के से मध्यम मेनोपॉज के लक्षणों से राहत पाने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है। ये एक एडाप्टोजेन के रूप में तनाव और चिंता की भावनाओं को कम करने में सक्षम पाया गया है। मेनोपॉज के दौरान लोगों को नींद बहुत कम आती है और अश्वगंधा नींद की अवधि और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। ये इस दौरान मनोदशा में उतार-चढ़ाव और चिड़चिड़ापन में मदद कर सकता है और आपको बेहतर महसूस करता है। इतना ही नहीं अश्वगंधा गर्मी की चमक यानी हॉट फ्लैश के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा इस दौरान कई महिलाएं शरीर में दर्द और अकारण सूजन की समस्या भी महसूस करती हैं और अश्वगंधा इस स्थिति से बचने में मदद कर सकता है। अश्वगंधा में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द जैसे सूजन संबंधी लक्षणों में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं कुछ शोध संकेत देते हैं कि यह संज्ञानात्मक कार्य और स्मृति का समर्थन कर सकता है, जो फायदेमंद हो सकता है क्योंकि कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान संज्ञानात्मक परिवर्तनों का अनुभव होता है।

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मेनोपॉज में अश्वगंधा कैसे लें?-How to take ashwagandha for menopause

मेनोपॉज कैप्सूल के रूप में अश्वगंधा आजकल बाजारों में मिलने लगा है लेकिन आप इसके अर्क को दूध में मिलाकर या पानी के साथ ले सकते हैं। आप इसे रात के समय या एक्सपर्ट से पूछकर सुबह खाली पेट ले सकते हैं।

हालांकि, आपकी व्यक्तिगत सेहत कैसे ही इसे ध्यान देते हुए इस जड़ी बूटी का सेवन करें। अपने मन से इसे लेने से बचें और सेवन से पहले किसी एक्सपर्ट की राय जरूर ले लें।

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FAQ

  • हॉट फ्लैशेज क्या होता है?

    हॉट फ्लैशेज (Hot Flashes) आमतौर पर महिलाएं मेनोपॉज के दौरान महसूस करती हैं। इसमें चेहरा, गर्दन और छाती में अचानक गर्मी और जलन महसूस होता है। यह अक्सर मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण होता है।
  • किस कमी से गर्म चमक हो सकती है?

    महिलाओं में गर्म चमक दो कमियों की वजह से हो सकती है पहला एस्ट्रोजन हार्मोन और दूसरा विटामिन डी या ई की कमी भी इसका कारण बन सकती है।
  • मेनोपॉज का सबसे बड़ा लक्षण क्या है?

    मेनोपॉज का सबसे बड़ा लक्षण है पीरियड्स का बंद हो जाना और लगभग 75% महिलाओं के शरीर में ये गर्मी के रूप में महसूस होती है। इसके अलावा नींद न आना और हार्मोनल दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 28, 2025 10:45 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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