बुखार आने पर अधिकतर लोग नहाने से बचते हैं और खुद को रजाई या कंबल में लपेटकर पसीना निकालने की कोशिश करते हैं। भारतीय घरों में यह आम धारणा है कि बुखार में नहाने से हालत और खराब हो सकती है या बुखार बढ़ सकता है। बुखार एक बीमारी नहीं बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) की एक प्रतिक्रिया है, जो संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर का तापमान बढ़ाता है। कई लोग मानते हैं कि पानी के संपर्क में आने से शरीर ठंडा हो जाएगा, जिससे बुखार ज्यादा तेज हो सकता है। लेकिन क्या यह धारणा वैज्ञानिक रूप से सही है या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है?
आपको बता दें कि हमारे समाज में इसी तरह के कई मिथक या अंधविश्वास फैले हुए हैं। इसलिए, सेहत से जुड़े ऐसे ही मिथकों और अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में बताने के लिए ओन्लीमायहेल्थ "अंधविश्वास या साइंस" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के तहत हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों से जुड़े साइंस और वैज्ञानिक तथ्य बताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस लेख में फैमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानिए, क्या बुखार में नहाने से तापमान बढ़ सकता है या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है।
बुखार क्या है और यह क्यों होता है? - What Is The Main Reason For Fever
बुखार, तब होता है जब शरीर का तापमान सामान्य (36-37°C) से ज्यादा हो जाता है। यह किसी संक्रमण, वायरल बीमारी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या किसी अन्य शारीरिक समस्या का संकेत हो सकता है। बुखार के दौरान शरीर का इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता है, जिससे तापमान बढ़ जाता है।
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अंधविश्वास: बुखार में नहाने से तापमान बढ़ता है
भारत में यह आम धारणा है कि बुखार के दौरान नहाने से तापमान और अधिक बढ़ सकता है और यह बीमारी को और गंभीर बना सकता है। कई लोग मानते हैं कि ठंडा पानी शरीर के तापमान को अस्थायी रूप से कम कर सकता है, लेकिन इससे अंदरूनी तापमान बढ़ने की संभावना रहती है। वहीं, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि नहाने से ठंड लग सकती है, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है।
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विज्ञान क्या कहता है?
जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति को बुखार होता है, तो उसका शरीर गर्म रहता है। ऐसे में गुनगुने या हल्के ठंडे पानी से स्नान करने से शरीर की गर्मी बाहर निकलती है और व्यक्ति को आराम मिलता (Is it good to take a bath in a fever) है। खासकर, हल्के गुनगुने पानी से स्नान करने से शरीर को ठंडक मिलती है और व्यक्ति को आराम महसूस होता है। जब व्यक्ति साफ-सुथरा और तरोताजा महसूस करता है, तो मानसिक रूप से भी बेहतर महसूस करता है, जिससे उसकी रिकवरी प्रक्रिया (Is it okay to bathe during a fever) तेज होती है। इसके अलावा बुखार के दौरान शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है और बैक्टीरिया के पनपने की संभावना बढ़ जाती है। नहाने से शरीर से बैक्टीरिया और विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं, जिससे संक्रमण की संभावना कम होती है।
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अलग-अलग प्रकार के बुखार और नहाने के नियम - Bathing Rules for Different Types Of Fever
1. वायरल बुखार
यदि किसी व्यक्ति को वायरल बुखार है तो वह हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें और शरीर को हाइजीनिक बनाए रखें। यदि बहुत कमजोरी हो, तो गीले तौलिए से शरीर पोंछें।
2. डेंगू और चिकनगुनिया बुखार
डेंगू और चिकनगुनिया में शरीर दर्द, कमजोरी और प्लेटलेट्स की संख्या में गिरावट देखी जाती है। ऐसे में हल्के गर्म पानी से नहाना सुरक्षित है। लेकिन अगर बहुत अधिक पसीना आ रहा हो तो शरीर को गीले कपड़े से पोंछना बेहतर है। ध्यान रखें कि तेज बुखार के दौरान ठंडे पानी से न नहाएं।
3. टाइफॉइड
टाइफॉइड में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और शरीर में कमजोरी बनी रहती है। ऐसे में नहाएं नहीं सिर्फ स्पंज बाथ (गुनगुने पानी में कपड़ा भिगोकर शरीर पोंछना) करें। यदि डॉक्टर अनुमति दें, तो हल्के गुनगुने पानी से स्नान कर सकते हैं।
4. मलेरिया
मलेरिया में ठंड लगना और पसीना आना आम होता है। ऐसे में हल्के गर्म पानी से नहाना सुरक्षित है और बुखार उतरने के बाद शरीर को साफ रखें। ध्यान रखें कि कंपकंपी के दौरान ठंडे पानी से न नहाएं। साथ ही कमजोरी अधिक हो तो स्नान करने से बचें।
बुखार में नहाना कैसे होता है? - How To Take A Bath During Fever
- बहुत ज्यादा ठंडे या बहुत गर्म पानी से न नहाएं। गुनगुना पानी सबसे उपयुक्त होता है।
- नहाने का समय सीमित रखें और तुरंत सूखे तौलिये से शरीर को अच्छी तरह पोंछ लें।
- स्नान के बाद शरीर को पूरी तरह सुखाकर हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें।
- नहाने के तुरंत बाद ठंडी हवा या एसी के सीधे संपर्क में न आएं।
- यदि व्यक्ति को बहुत अधिक कमजोरी महसूस हो रही हो, तो नहाने के बजाय गीले तौलिए से शरीर को पोंछना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
निष्कर्ष
बुखार में नहाने से तापमान बढ़ने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हल्के गुनगुने पानी से स्नान करने से शरीर को आराम मिलता है और संक्रमण की संभावना कम होती है। यह धारणा कि बुखार में नहाने से बीमारी बढ़ सकती है, एक अंधविश्वास मात्र है। इसलिए, यदि सही तरीके से नहाया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। यदि किसी को 102°F से तेज बुखार है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बुखार के दौरान हाइड्रेटेड रहें, हल्का भोजन करें और आराम करें।
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