
भारत की संस्कृति अन्य देशों की तुलना में बिल्कुल अलग है। यह जन्म-मरन, शादी-विवाह आदि सभी के रीति-रिवाज अन्य देशों के मुकाबले काफी अलग होती हैं। इसी तरह भारतीय संस्कृति में मृत्यु से जुड़ी भी ऐसी कई परंपराएं और मान्यताएं हैं। किसी भी मृत्य व्यक्ति के पास या शमशान घाट से वापस आने के बाद भी कई ऐसी परंपराओं का लोग पालन करते हैं, जिसे कई बार अंधविश्वास के रूप में भी देखा जाता है। इन्हीं मान्यताओं में से एक यह है कि शवयात्रा या शमशान धाट से वापस लौटने के बाद हर व्यक्ति का नहाना जरूरी है। लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति अंतिम संस्कार में भाग लेकर लौटता है और नहाता नहीं है, तो वो अशुद्ध ही माना जाता है। लेकिन यह मान्यता सिर्फ धार्मिक रीति-रिवाज तक ही सीमित है, या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है, आइए यूएचएम, जिला अस्पताल, कानपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राम आशीष यादव (Dr. Ram Ashish Yadav, Pediatrician, UHM, District Hospital, Kanpur) से जानने की कोशिश करते हैं।
शवयात्रा से लौटकर आने के बाद नहाने से जुड़ी मान्यता
हिंदू धर्म में मृत्यु को न सिर्फ एक व्यक्ति के लिए अपने देह के त्याग के रूप में माना जाता है, बल्कि ऐसा कहा जाता है कि उसकी आत्मा अमर हो गई है। ऐसे में जब कोई व्यक्ति मरता है तो हिंदू धर्म में उसके शरीर को जलाया जाता है, जिसे अंतिन संस्कार के रूप में जाना जाता है। किसी भी मृत्य व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों, फिर चाहे वो शव को कंधा देने वाले, जलाने वाले या श्मशान घाट तक साथ जाने वाले लोग हो, सभी को अशुद्ध माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोग जब तक नहाते नहीं हैं उनके आसपास नकारात्मक ऊर्जा, मृत की आत्मा की छाया और मानसिक बोझ जुड़ा रहता है। इसलिए, मृतक व्यक्ति के पास से वापस लौटने के बाद हर व्यक्ति का नहाना जरूरी माना जाता है।
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अंतिम संस्कार के बाद नहाना जरूरी क्यों होता है?
हिंदू धर्म में किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के बाद वापस लौटने पर नहाना बहुत जरूरी माना जाता है, ताकि व्यक्ति शुद्ध हो सके और नकारात्मक ऊर्जा उससे दूर हो सके। लेकिन, अगर इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण देखा जाए तो किसी भी मृत व्यक्ति के पास से पास आना स्वास्थ्य के लिहाज से भी जरूरी होता है, क्योंकि-
1. इंफेक्शन की संभावना से सुरक्षा
मृत व्यक्ति के शरीर से अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया और वायरस निकल सकते हैं। खासकर, अगर व्यक्ति की मौत किसी संक्रामक बीमारी के कारण हुई हो, तो मृतक के संपर्क में आने से बीमारी फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, नहाने से शरीर पर मौजूद किसी भी तरह के संभावित इंफेक्शन या वायरस को हटाने में मदद मिलती है।
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2. मानसिक और भावनात्मक तनाव से राहत
शवयात्रा और अंतिम संस्कार के दौरान व्यक्ति भावनात्मक रूप से काफी भारी महसूस करता है। खासकर, मृतक के करीबी और परिवार के लोगों के लिए मानसिक रूप से ये काफी थका देने वाला माहौल होता है। ऐसे में नहाने से आपके शरीर को ताजगी मिलती है और मन भी थोड़ा शांत होता है।
निष्कर्ष
किसी भी मृतक व्यक्ति के शरीर या शवयात्रा से वापस लौटने के बाद धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से भी नहाना बहुत जरूरी है। क्योंकि ये न सिर्फ आपके शरीर को साफ करता है, बल्कि दिमाग को भी शांत करने में मदद करता है।
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FAQ
नहाना क्यों जरूरी है?
नहाना हमारे स्वास्थ्य और शरीर के लिए बहुत जरूरी है। नहाने से शरीर की स्वच्छता बनाए रखने, शरीर की गंदगी और बैक्टीरिया को हटाने और स्किन से जुड़ी समस्याओं से बचाव में मदद करता है।बहुत देर तक नहाने से क्या होता है?
रोजाना बहुत देर तक नहाने से आपकी स्किन का नेचुरल ऑयल कम हो सकता है, जिससे स्किन ड्राई होने लगती है और खुजलीदार हो सकती है। ज्यादा नहाने से आपकी स्किन की सुरक्षा परत कमजोर हो सकती है, जिससे इंफेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है।नहाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
नहाने का सबसे अच्छा समय सुबह का माना जाता है। सुबह एक्सरसाइज करने के बाद नहाने से आपके शरीर की थकान दूर होती है और शरीर साफ होता है। इतना ही नहीं आप सारा दिन तरोताजा महसूस करते हैं।
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