खाना पैक करने वाला पेपर का नाम लेते ही हमारे दिमाग में अक्सर बस एक ही चीज आती है और वो है एल्युमिनियम फॉयल ( Aluminum foil for wrapping food) का इस्तेमाल। पर क्या आपने कभी सोचा है कि लंबे समय तक खाने को गर्म और हेल्दी रखने का दावा करने वाला ये फूड पैकिंग पेपर (food wrapping paper) सेहत के लिहाज से कितना सही है? नहीं ना! दरअसल, खाना पैकिंग के लिए एल्युमिनियम फॉयल भले ही आपको सस्ता और अच्छा विकल्प लग रहा हो, पर इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इलेक्ट्रोकेमिकल साइंस एल्युमिनियम फॉयल कि मानें तो, सेहत के लिए एल्युमिनियम फॉयल के नुकसान (Aluminum foil for wrapping food) कई हैं। ये खाने में एल्युमिनियम के कणों को ऑक्सीडाइज कर सकता है, जो कि कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। तो, क्या एल्युमिनियम फॉयल की जगह बटर पेपर का उपयोग ज्यादा बेहतर है? आइए जानते हैं।
क्यों सेहत के लिए नुकसानदेह है एल्युमिनियम फॉयल?
'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इलेक्ट्रोकेमिकल साइंस एल्युमिनियम फॉयल' की मानें, तो जब हम खाना पकाने या फिर इसे पैक करने के लिए एल्युमिनियम पन्नी का उपयोग करते हैं, तो कुछ एल्युमिनियम के कण भोजन में निकल जाते हैं। खास कर कि जब हम बहुत गर्म खाना पैक करते हैं या फिर विटामिन सी से भरपूर फूड्स को इसमें रैप करते हैं। इससे लीचिंग (aluminum leaching into food) का डर बढ़ता है। होता ये है कि गर्म खाना या फिर विटामिन सी से भरपूर एसिडिक चीजें, एल्युमिनियम के साथ रिएक्ट कर जाते हैं और ऑक्सीडाइज होते हैं। आसान भाषा में समझें तो, एल्युमिनियम पिघल कर खाने में मिल जाता है। ऐसे में रेगुलर एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल करने वाले लोगों के शरीर में एल्युमिनियम तत्व की मात्रा बढ़ जाती है और ये तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क और हड्डियों की बीमारियों का कारण बन सकता है।
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एल्युमिनियम फॉयल के नुकसान-Aluminum foil side effects
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एजेंसी फॉर टॉक्सिक सब्सटेंस एंड डिजीज रजिस्ट्री का सुझाव है कि औसत से अधिक एल्युमीनियम का सेवन तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क और हड्डियों की बीमारियों से जुड़ा हो सकता है।एल्युमिनियम एक न्यूरोटॉक्सिन (neurotoxin) है जो स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है, उदाहरण के लिए,
- ये आपके मस्तिष्क के कुछ हिस्सों का नुकसान करता है और अल्जाइमर का कारण बन सकता है।
- शरीर में ज्यादा एल्युमिनियम कण होने से ये मेमोरी लॉस और और कॉग्निटिव बिहेवियर से जुड़ी गड़बड़ियां कर सकता है।
-एल्युमिनियम कैल्शियम की जगह ले सकता है और आपकी हड्डियों को कमजोर बना सकता है। जैसे कि जिन लोगों में एल्युमिनियम की मात्रा अधिक होती है, उनके खून में कैल्शियम ज्यादा दिखाई देती है क्योंकि उनकी हड्डियों में कैल्शियम जमा नहीं होता है। ये ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बनता है।
-किडनी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की मानें, तो खाने के लिए एल्युमिनियम का सबसे सुरक्षित स्तर लगभग 40mg प्रति किलोग्राम है। लेकिन, अगर आप किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको एल्युमीनियम से जुड़ी हर चीज से बचना चाहिए।
-एल्युमिनियम फॉयल का ज्यादा इस्तेमाल खाने का पीएच बदल सकता है और इसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसे एसिडिटी और इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)
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बटर पेपर का उपयोग (Butter Paper for wrapping food) है बेहतर विकल्प?
बटर पेपर जिसे रैपिंग पेपर या सैंडविच पेपर के रूप में भी जाना जाता है, ये खाना पैक करने के लिए एल्युमिनियम फॉयल से ज्यादा बेहतर विकल्प है। दरअसल, बटर पेपर एक नॉन-स्टिक सतह के साथ सेल्युलोज से बना पेपर होता है। इसका उपयोग होटलों और मिठाई की दुकानों में विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पादों के संरक्षण और पैकेजिंग के लिए भी किया जाता है, जो कि नमी को रोकता है, खाने का अतिरिक्त तेल सोखता है और सेहत के लिहाज से बेहतर होता है। इसलिए आप बहुत मसालेदार, नमक वाले और विटामिन सी से भरपूर खाने को पैक करना चाहते हैं तो उसके लिए बटर पेपर का इस्तेमाल करें। साथ ही बटर पेपर एल्युमीनियम फॉयल से ज्यादा तापमान सह सकता है।
तो, खाना पैक करने के लिए आप बटर पेपर का उपयोग कर सकते हैं, पर इससे भी अच्छा तरीका ये है कि खाना पैक करने के लिए कांच से बने डब्बों और लंच बॉक्स का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप सिलिकॉन कंटेनरों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि खाने को लंबे समय तक फ्रेश रखते हैं। पर अगर बात बचे हुए खाने को सुरक्षित पैक करके रखने की करें, तो फैब्रिक कवर एक बेहतरीन विकल्प हैं। ये फ्रिज में फूड स्टोरेज का बेहतर विकल्प हैं।
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