
डायबिटीज को साइलेंट किलर (Silent Killer) कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर के खास अंगों जैसे दिल, किडनी, आंखों और नर्व्स को नुकसान पहुंचाता है। इसके शुरुआती लक्षण अक्सर नजर नहीं आते और जब तक लक्षण दिखने लगते हैं, तब तक अंदरूनी नुकसान काफी हद तक हो चुका होता है। इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और संतुलित जीवनशैली अपनाना जरूरी है। हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जाता है ताकि इस बीमारी के प्रति लोगों को जानकारी मिले। इसी कड़ी में आज हम जानेंगे डायबिटीज जैसी साइलेंट किलर बीमारी को कंट्रोल करने के उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr. Vidya Tickoo is a Consultant Endocrinologist & Diabetologist at Yashoda Hospitals,Hyderabad समेत कई एक्सपर्ट्स से बात की और उनकी राय इस लेख में साझा की है।
ब्लड शुगर जांच करवाएं- Blood Sugar Test Can Prevent Diabetes
- डायबिटीज की रोकथाम का पहला और सबसे जरूरी कदम है रूटीन स्क्रीनिंग।
- जिन लोगों के परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, जो कम शारीरिक रूप से कम एक्टिव हैं या मोटापे (Obesity) और स्ट्रेस से जूझ रहे हैं, उन्हें समय-समय पर एचबीए1सी टेस्ट (HbA1c Test) और ब्लड शुगर जांच करानी चाहिए।
- इससे प्री-डायबिटीज की समय पर पहचान हो जाती है और इलाज शुरू किया जा सकता है।
- संतुलित भोजन, पोर्शन कंट्रोल और हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे टहलना, योग या साइक्लिंग डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के आसान तरीके हैं।

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हेल्दी डाइट लेकर डायबिटीज से बचें- Dr. Vidya Tickoo
- पोषण (Nutrition) डायबिटीज मैनेजमेंट का मुख्य हिस्सा है।
- Dr. Vidya Tickoo ने बताया कि फाइबर, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, ताजे फल और सब्जियां शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं।
- वहीं प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड शुगर और हाई-कैलोरी ड्रिंक्स से परहेज करना चाहिए।
डायबिटीज से बचाती है हेल्दी लाइफस्टाइल- Dr. K. S. Somasekhar Rao
असंतुलित डायबिटीज शरीर के जरूरी अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर जान के खतरे से बच सकते हैं। Dr. K. S. Somasekhar Rao, Sr.Consultant Medical Gastroenterologist & Hepatologist, Clinical Director, Yashoda Hospitals, Hyderabad ने बताया कि हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ दवा का सेवन, सही खानपान रखना और डॉक्टर से खुलकर बातचीत करके डायबिटीज को हराना मुमकिन है।
डायबिटीज से बचने के लिए नियमित जांच करवाएं- Dr. Raman Boddula
डायबिटीज धीरे-धीरे आपके शरीर पर असर डालती है, लेकिन इसकी जल्दी पहचान बहुत जरूरी है। Dr. Raman Boddula, Senior Consultant Endocrinologist At Yashoda Hospitals, Hyderabad ने बताया कि नियमित जांच और स्क्रीनिंग से आप समय रहते अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। अपने रिस्क फैक्टर पहचानें और किसी अच्छे डॉक्टर से समय पर जांच कराएं।

स्ट्रेस और नींद की कमी से बचें- Dr. Neha Anand
लखनऊ के बोधि ट्री इंडिया सेंटर की डायरेक्टर काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ. नेहा आनंद ने बताया कि तनाव और नींद की कमी भी ब्लड शुगर पर असर डालते हैं। इसलिए गहरी सांस लेना, ध्यान या पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होना मानसिक शांति और मेटाबॉलिक बैलेंस के लिए जरूरी है। इस वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2025) पर अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और रोकथाम का वादा करें, क्योंकि जागरूकता और निरंतरता ही स्वस्थ जीवन की असली कुंजी है।
रोज एक्सरसाइज करें- Dr. Rajesh Harshvardhan
एक्सरसाइज (Exercise) से शरीर का वजन कंट्रोल में रहता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट एचओडी डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि नियमित योग, तेज चाल से चलना या साइक्लिंग ब्लड शुगर को घटाने के असरदार तरीके हैं। जो लोग पहले से डायबिटीज के मरीज हैं, उन्हें डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार दवाएं या इंसुलिन लेना और समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराना जरूरी है।
निष्कर्ष:
इस वर्ल्ड डायबिटीज डे पर याद रखें कि समय पर जांच और जीवनशैली में बदलाव से डायबिटीज को न सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि कई मामलों में इसे रिवर्स भी किया जा सकता है। असली इलाज है जागरूकता। अगर हम नियमित जांच कराएं, तो इस साइलेंट किलर को मात देकर एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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FAQ
इंसुलिन सेंसिटिविटी क्या होता है?
इंसुलिन सेंसिटिविटी का मतलब है शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कितने प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करती हैं। कम सेंसिटिविटी से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।प्री डायबिटीज का मतलब क्या होता है?
प्री-डायबिटीज की स्थिति तब बनती है जब ब्लड शुगर लेवल, सामान्य से थोड़ा ज्यादा होता है, लेकिन डायबिटीज जितना नहीं। इसे एक चेतावनी संकेत की तरह देखें और तुरंत स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं।टाइप 1 और 2 डायबिटीज में क्या अंतर है?
टाइप 1 में शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जबकि टाइप 2 में शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है। टाइप 2 डायबिटीज का कारण अक्सर मोटापा और खराब जीवनशैली होती है।
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Nov 10, 2025 19:00 IST
Published By : Yashaswi Mathur