आज के समय में खानपान में गड़बड़ी और खराब लाइफस्टाइल के कारण डायबिटीज की समस्या लोगों में तेजी से बढ़ रही है। भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज की बीमारी अगर एक बार किसी व्यक्ति को हो जाती है तो यह समस्या उम्र भर बनी रह सकती है। डायबिटीज की समस्या होने के बाद भी बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। डायबिटीज होने से पहले मरीज की स्थिति या स्टेज को प्री-डायबिटीज (Pre-Diabetes in Hindi) कहा जाता है। प्री-डायबिटीज में मरीज का ब्लड शुगर लेवल समय से अधिक होता है। और समय रहते अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह डायबिटीज की समस्या में परिवर्तित हो जाता है। डायबिटीज की सीमा तक पहुंचने से पहले अगर आप शरीर में ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल कर लेते हैं तो आप डायबिटीज का शिकार होने से बच सकते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं प्री-डायबिटीज के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
क्या है प्री-डायबिटीज? (What is Prediabetes in Hindi?)
शरीर में मौजूद ब्लड शुगर का स्तर अगर लंबे समय तक सामान्य से अधिक रहता है तो इस स्थिति को प्री-डायबिटीज कहा जाता है। प्री-डायबिटीज की समस्या का अगर सही समय पर निदान होता है तो इसे कंट्रोल में कर आप डायबिटीज का शिकार होने से बच सकते हैं। प्री-डायबिटीज की स्थिति आपको यह इशारा करती है की आपको अब डायबिटीज के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। यह डायबिटीज से ठीक पहले की स्थिति होती है। लखनऊ के मशहूर डायबेटोलॉजिस्ट डॉ रितेश के मुताबिक शरीर में नॉर्मल ब्लड शुगर अगर फास्टिंग में 126 है और खाने के बाद 180 तक है तो यह सामान्य माना जाता है। लेकिन अगर खाने के बाद 175 से ऊपर और फास्टिंग में 124 तक आता है तो इसे प्री-डायबिटीज की स्थिति कहा जाता है। इस समस्या से निदान के लिए आपको अपनी डाइट, खानपान और जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए।
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प्री-डायबिटीज के लक्षण (Prediabetes Symptoms in Hindi)
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से आपको कई अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। प्री-डायबिटीज वह स्थिति है जिसमें आपका शरीर डायबिटीज की तरफ बढ़ रहा होता है। इस समस्या को समय रहते अगर कंट्रोल में किया जाता है तो आप डायबिटीज का शिकार होने से बच सकते हैं। प्री-डायबिटीज के लक्षण आपके शरीर में ब्लड शुगर के स्तर में होने वाले बदलाव के साथ दिखने लगते हैं। शरीर में प्री-डायबिटीज के लक्षण इस प्रकार से दिखते हैं।
- बार-बार पेशाब लगना।
- तेजी से वजन कम होना।
- अत्यधिक थकान लगना।
- हाई ब्लूस प्रेशर की समस्या।
- वजन अचानक बढ़ने लगना।
- बहुत ज्यादा प्यास लगना।
- महिलाओं में पीसीओडी की समस्या।
- भूख का अनियंत्रित होना।
- पीरियड्स इररेगुलर होना।
- मीठा खाने की क्रेविंग।

प्री-डायबिटीज के कारण (What Causes Pre-Diabetes?)
लाइफस्टाइल में बदलाव, खराब खानपान के कारण लोगों में डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ सकती है। शरीर में इंसुलिन के स्तर में बदलाव की वजह से डायबिटीज की समस्या होती है। प्री-डायबिटीज की समस्या का सबसे प्रमुख कारण असंतुलित खानपान, निष्क्रिय जीवनशैली और मोटापा आदि को माना जाता है। अत्यधिक वजन, असंतुलित खानपान के अलावा कुछ दवाओं का सेवन भी इसका कारण बन सकता है। जेस्टेशनल डायबिटीज और डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास भी प्री-डायबिटीज की समस्या का कारण माना जा सकता है।
प्री-डायबिटीज से बचाव के उपाय (Prediabetes Prevention Tips in Hindi)
डायबिटीज की समस्या से बचाव के लिए आपको सबसे पहले खानपान और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप प्री-डायबिटीज की स्थिति में हैं तो इसे डायबिटीज में कन्वर्ट होने से पहले आपको बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। अगर आप प्री-डायबिटिक हैं तो हेल्दी भोजन, समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच, और लाइफस्टाइल में बदलाव कर इस समस्या से बच सकते हैं। रोजाना 30 मिनट तक फिजिकल एक्टिविटी और फास्ट-फूड या जंक फूड का सेवन नहीं करने से आप इस समस्या से बच सकते हैं।
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