हाई ब्लड शुगर लेवल एक ऐसी समस्या है जो अक्सर खराब डाइट और लाइफस्टाइल के कारण होती है। मीठा खाना, पैकेज्ड फूड, कार्ब से भरपूर फूड्स का सेवन अक्सर आपके शरीर में शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। बता दें कि शरीर में इंसुलिन हार्मोन के स्पाइक होने के कारण शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। आज के समय में मार्केट में कई ऐसे खाद्य पदार्थ मिलते हैं, जो दावा करते हैं कि उनमें शुगर की मात्रा बिल्कुल नहीं है, जिसे लोग अक्सर हेल्दी समझकर खा लेते हैं। लेकिन, नो एडेड शुगर जैसे लेबल वाले फूड्स खाने के बाद भी कुछ लोगों का इंसुलिन स्पाइक होता है, जिस कारण लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि शुगर फ्री फूड्स खाने के बाद बी उनका इंसुलिन स्पाइक क्यों होता है। तो आइए पुणे के पिंपरी के डॉ. डी.वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की प्रभारी पोषण एवं आहार विज्ञान विभाग की ज्ञानेश्वरी बर्वे से जानते हैं इसके बारे में-
शुगर फ्री स्नैक्स खाने के बाद भी इंसुलिन स्पाइक क्यों होता है?
न्यूट्रिशनिस्ट ज्ञानेश्वरी बर्वे का कहना है कि, मार्केट में मिलने वाले पैकेज्ड फूड के लेबल पर 'नो एडेड शुगर' स्मार्ट मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक टैगलाइन है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जो हेल्दी खाने के विकल्पों को चुनना चाहते हैं। लेकिन, यह एक भ्रम भी पैदा करते हैं, खासकर उन लोगों में जो कार्बोहाइड्रेट कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हो।
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न्यूट्रिशनिस्ट ज्ञानेश्वरी बर्वे बताती हैं कि कुछ 'नो एडेड शुगर' स्नैक्स और अन्य खाद्य पदार्थों में फलों, शहद और डेयरी प्रोडक्ट्स से मिलने वाले नेचुरल कार्बोहाइड्रेट हो सकते हैं, जो आपके शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में नेचुरल शुगर वाले खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अलग-अलग हो सकता है, जो ब्लड शुगर के स्तर में होने वाली बढ़ोत्तरी को बढ़ा सकता है। वहीं फ्रुक्टोज, अलग तरीके से चयापचय को धीमा करता है, लेकिन इसके बाद भी इंसुलिन डिस्चार्ज को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए, स्नैक्स या अन्य खाद्य पदार्थों को खरीदते समय सिर्फ नो एडेड शुगर पर ध्यान न दें,, बल्कि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा पर भी ध्यान दें।
शरीर में इंसुलिन स्पाइक होने से कैसे रोकें?
इंसुलिन स्पाइक होने से रोकने के लिए आपको हेल्दी फूड्स का सेवन और अपनी रोजाना की आदतों में कुछ बदलाव करना जरूरी है, जैसे-
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अना, दलिया, ब्राउन राइस और दाल खाएं
- फाइबर से भरपूर हरी सब्जियां, फल और बीन्स अपनी डाइट में शामिल करें, जो शुगर को धीरे-धीरे आपके शरीर में रिलीज करता है।
- अपने खाने में दाल, अंडा, पनीर, चिकन आदि जैसे प्रोटीन से भरपूर फूड्स शामिल करें, जो इंसुलिन स्पाइक को कम करता है।
- चीनी और रिफाइंड कार्ब्स जैसे सफेद ब्रेड, मिठाइयां, बिस्कुट और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे फूड्स से परहेज करें, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है।
- दिनभर में 5-6 छोटे-छोटे मील लें, ताकि ब्लड शुगर लेवल तेजी से स्पाइक न हो।
- रोजाना खाना खाने के बाद 10 से 15 मिनट हल्की वॉक करें, ताकि ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिल सके।
- मेडिटेशन और योग की मदद से अपने तनाव को कम करने की कोशिश करें, ताकि इंसुलिन लेवल संतुलित रहे।
- रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें, जो हार्मोन को संतुलित रखने में मदद कर सके।
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निष्कर्ष
शुगर फ्री फूड्स खाने के बाद भी शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ने का एक बड़ा कारण इन फूड्स में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी की मात्रा है। इसलिए, आप सिर्फ नो शुगर फूड्स न चुनें, बल्कि इसमें मौजूद कैलोरी और कार्ब्स की मात्रा पर भी ध्यान दें, ताकि इंसुलिन स्पाइक होने से रोक सकें।
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