डायबिटीज की समस्या आज के समय में काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। बच्चों से लेकर बड़े और बुजुर्ग हर उम्र के लोगों में डायबिटीज की समस्या देखने को मिल रही है। भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खानपान, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने इस समस्या को लोगों के बीच काफी आम बना दिया है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे आपके शरीर के अन्य हिस्सों को भी नुकसान पहुंच सकता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए करेले का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में भी करेले का सेवन ब्लड शुगर (Bitter gourd for diabetes) के स्तर को कम रखने और सेहतमंद रहने के लिए लाभकारी माना जाता है। लेकिन, क्या आपको पता है करेले सिर्फ खाने ही नहीं बल्कि पैरों में इस्तेमाल करने से भी आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। ऐसे में आइए रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं कि डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए करेले का इस्तेमाल खाने के अलावा कैसे करें? (diabetes ke liye karela foot therapy)
करेले के रस में खड़े होने का तरीका
ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए करेले के रस में (Karela for blood sugar) खड़े होने का तरीका बहुत ही आसान है। लेकिन, इससे पहले आपको तैयारी करनी जरूरी है, जिसके लिए-
सामग्री-
- ताजे करेले- 4 से 5
- गुनगुना पानी- 1 से 2 लीटर
- एक बड़ी बाल्टी या टबजि
तरीका-
- सबसे पहले करेले को धो लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- इसके बाद इन टुकड़ों को मिक्सर में थोड़ा सा पानी मिलाकर पीस लें।
- अब इस मिश्रण को एक पतले कपड़े या छन्नी से छान लें ताकि साफ रस मिल जाए।
- इसके बाद एक बड़ी बाल्टी में गुनगुना पानी लें और उसमें यह करेले का रस मिला दें।
- अब इसमें अपने दोनों पैर एड़ी तक डुबोकर लगभग 10 से 15 मिनट तक खड़े (blood sugar kam karne ke upay) हो जाए या बैठ जाए।
- यह प्रक्रिया सुबह खाली पेट की जा सकती है।
- इस प्रक्रिया के बाद आप अपने पैरों को साफ पानी से धो लें और पोंछ लें।
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करेले के पानी में खड़े रहने के फायदे
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, "सिर्फ करेला खाने से ही नहीं बल्कि इसके पानी में खड़े रहने से भी आपको डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। करेला आपकी स्किन के जरिए शरीर में अवशोषित होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।" करेले के पानी में खड़े रहने से आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं, जैसे-
- त्वचा के माध्यम से करेले के रस में मौजूद एक्टिव तत्व जैसे चारंटिन और पॉलीपेप्टाइड-P शरीर में जाते हैं, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं।
- पैरों की त्वचा में बहुत सारी नसें और एनर्जी पॉइंट होते हैं, जिन्हें आयुर्वेद में "मरम बिंदु" कहा गया है। ये बिंदु शरीर के अंदरुनी अंगों से जुड़े होते हैं, खासकर अग्न्याशय से, जो इंसुलिन का उत्पादन करता है। इस रस में खड़े रहने से उन्हें बिंदुओं पर प्रेशर पड़ता है।
- पैरों को करेले के रस में डुबोने से यह रस स्किन के रास्ते शरीर में जाकर अग्न्याशय को एक्टिव करता है और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ा सकता है।
सेहत के लिए करेले के फायदे
डायबिटीज कंट्रोल करने में करेले का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसलिए, आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इसके पानी में खड़े रहने के साथ इसे अपनी डाइट में शामिल भी कर सकते हैं। इसे खाने से आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं जैसे-
- करेले में मौजूद कंपाउंड चारंटिन (Charantin) और पॉलीपेप्टाइड-P, शरीर में ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। ये ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाने में मदद करते हैं।
- करेला लिवर को साफ करता है, जिससे शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकलते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर रखता है। यह डायबिटीज मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि उनका मेटाबॉलिज्म धीमा रहता है।
- डायबिटीज में वजन कंट्रोल में रखना जरूरी होता है। ऐसे में करेले में मौजूद कम कैलोरी और हाई फाइबर गुण वजन कम करने में मदद करता है।
- करेले में एंटीऑक्सीडेंट्स के गुण होते हैं, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे इंफेक्शन से बचाव होता है।
निष्कर्ष
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कई लोग अपनी डाइट में करेला शामिल करते हैं। लेकिन, आप करेले फुट थेरेपी की मदद से यानी करेले के रस में खड़े होकर भी अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रख सकते हैं। इसलिए, अगर आपको भी डायबिटीज है तो आप हफ्ते में एक बार इस थेरेपी को कर सकते हैं, जिससे शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है। लेकिन, इसके साथ ही, हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट पर भी ध्यान दें।
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FAQ
नॉर्मल ब्लड शुगर कितना होना चाहिए?
नॉर्मल व्यक्ति के शरीर का ब्लड शुगर लेवल डायबिटीज से पीड़ित लोगों से अलग होता है। बिना डायबिटीज वाले व्यक्ति के लिए, ब्लड शुगर लेवल खाली पेट 70-100 mg/dL के बीच होता है और खाना खाने के 2 घंटे बाद 140 mg/dL से कम होना चाहिए।डायबिटीज से शरीर में क्या होता है?
डायबिटीज के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें आंखों की रोशनी कम होना, घाव भरने में देरी होना, दिल से जुड़ी बीमारी, किडनी से जुड़ी समस्याएं, ज्यादा पेशाब आना, थकान और नसों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।डायबिटीज से कौन सा अंग प्रभावित होता है?
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो न सिर्फ आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाती है, बल्कि ये धीरे-धीरे आपकी आंखों, दिल, किडनी और पैरों को प्रभावित करती है।