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डायबिटीज में अचानक वजन कम होने लगता है, डॉक्टर से जानें ऐसा क्यों होता है

Why Do Diabetics Lose Weight In Hindi: डायबिटीज में अचानक वजन कम होने लगता है क्योंकि बॉडी ग्लूकोज का सही इस्तेमाल नहीं करती। समझें, इसे विस्तार से-
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डायबिटीज में अचानक वजन कम होने लगता है, डॉक्टर से जानें ऐसा क्यों होता है

Diabetes Mein Weight Loss Kyon Hota Hai: डायबिटीज का मतलब है कि बॉडी में ब्लड शुगर का स्तर संतुलित न होना। कभी ब्लड शुगर लो हो सकता है और कभी हाई। दोनों ही स्थितियां सही नहीं है। डायबिटीज अपने आप में ऐसी बीमारी है, जिसे अगर समय रहते मैनेज न किया जाए, तो मरीज को भविष्य में कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसमें हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज भी शामिल हैं। बरहाहल, डायबिटीज होने पर आपको कई लक्षण नजर आते हैं, जैसे बार-बार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान, आंखों का कमजोर हो जाना आदि। आपने कई बार यह भी सुना होगा कि डायबिटीज में लोगों का वजन कम हो जाता है। यहां सवाल उठता है कि क्या वाकई डायबिटीज का बॉडी वेट पर असर पड़ता है या यह महज एक मिथक है? अगर हां, तो डायबिटीज बॉडी को कैसे प्रभावित करता है? इस बारे में जानने के लिए हमने सर्वोदय अस्पताल Consultant - Internal medicine डॉ स्वप्निल शिखा से बात की। आप भी जानें जवाब। (Diabetes Me Weight Loss Kyu Hota Hai)

क्या डायबिटीज में अचानक वजन कम हो सकता है?- Can Weight Loss Be Caused By Diabetes In Hindi

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यह सच है कि डायबिटीज में मरीज का वजन कम हो सकता है। खासकर, टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में इस तरह की स्थिति अधिक देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बॉडी ग्लूकोज को सही तरह से प्रोसेस नहीं कर पाता है। ऐसे में बॉडी मसल्स और टिश्यूज और फैट को एनर्जी के लिए तोड़ता है, जिससे मरीज का वजन कम होने लगता है। इसके अलावा, डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब करने की टेंडेंसी शुरू हो जाती है। ध्यान रखें कि जब कोई एक व्यक्ति एक दिन में औसत से ज्यादा बार पेशाब करता है, तो बॉडी से टॉक्सिंस के साथ-साथ कैलोरी भी बाहर निकल जाती है। ऐसे में बॉडी वेट कम होने की शुरुआत हो जाती है।

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डायबिटीज में वजन कम होने के कारण

इंसुलिन की कमी

जैसा कि कुछ देर पहले ही बताया है कि टाइप 1 डायबिटीज में बॉडी पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है। यह एक ऐसा हार्मोन है, जो ग्लूकोज को एनर्जी में कंवर्ट करता है। इंसुलिन की कमी के कारण ग्लूकोज ब्लड में जमा होने लगता है और बॉडी फैट तथा मसल्स को फ्यूल यानी एनर्जी की तरह यूज करती है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज के रोगियों में तेजी से वेट लॉस होने लगता है।

बार-बार पेशाब आना

हाई ब्लड शुगर के कारण मरीज को बार-बार पेशाब आने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डायबिटीज के मरीजों की किडनी फंक्शन प्रभावित होने लगता है, जिससे बार-बार पेशाब आने की दिक्कत हो जाती है। बार-बार पेशाब करने की वजह से बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है, बॉडी से काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरी और फ्लूइड बह जाता है, जिससे वजन में तेजी से गिरावट आने लगती है।

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कैलोरी लॉस

बार-बार पेशाब करने के चलते बॉडी से टॉक्सिंस के साथ-साथ काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरी और फ्लूइड भी बह जाता है। इसका जिक्र हम पहले भी कर चुके हैं। अगर मरीज जिस रफ्तार से कैलोरी लॉस करता है, उसी रफ्तार से उसका इनटेक नहीं बढ़ाता है, तो वेट लॉस होना शुरू हो जाता है। यह प्रक्रिया लंबे समय तक जारी रहे, तो मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। ?

एक्सपर्ट की सलाह

टाइप 1 डायबिटीज हो या टाइप 2। दोनों ही स्थिति में मरीज को अपने वजन को संतुलित रखना चाहिए। जिस तरह वेट गेन करना हेल्थ के लिए सही नहीं होता है, उसी तरह वेट लॉस करने से भी शरीर कुपोषित हो सकता है और स्वास्थ्य से जुड़ी कई भयंकर बीमारियां हो सकती हैं। वेट मैनेजमेंट के लिए हेल्दी डाइट लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • शुगर के मरीज पतले क्यों हो जाते हैं?

    डायबिटीज होने पर पर्याप्त मात्रा में इंसुलित नहीं बना पाता है। इंसुलिन की कमी की वजह से बॉडी ग्लूकोज को एनर्जी में बदल पाता। इसके उलट बॉडी मसल्स टिश्यूज और फैट को एनर्जी में कंवर्ट करने लगता है, जिससे तेजी से वेट लॉस होने लगता है।
  • मधुमेह वजन घटाने को कैसे रोकें?

    मधुमेह में वजन तेजी से घट रहा है, तो बेहतर है कि आप इस संबंध में एक्सपर्ट से मिलें और उन्हें अपनी समस्या बताएं। हां, आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके भी अपने वेट लॉस को रोक सकते हैं। जैसे सप्ताह में 5 दिन कम से कम 30 मिनट के लिए वर्कआउट करें। इसेस ओवर ऑल में सुधार होता है। साथ ही हेल्दी डाइट फॉला करें।
  • शुगर पेशेंट को वजन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

    अगर शुगर के मरीज का संतुलित वजन है, तो उन्हें वेट गेन पर जोर नहीं देना चाहिए। हां, अगर वे अंडरवेट हैं, तो उन्हें दिन भर में छोटे-छोटे मील लेने चाहिए। दूध, क्रीम, पनीर और दही जैसे पूर्ण वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट शामिल करें। अच्छी डाइट की मदद से वेट गेन होन सकता है।

 

 

 

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