What is Normal Insulin Level in Blood: खानपान में गड़बड़ी और खराब जीवनशैली के कारण शरीर कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। डायबिटीज की बीमारी भी ज्यादातर लोगों में डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी के कारण ही होती है। डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और इंसुलिन हॉर्मोन का प्रोडक्शन अंसतुलित हो जाता है। इस स्थिति में मरीजों को इंसुलिन का डोज लेने की सलाह दी जाती है। जानकारी की कमी के कारण कई बार मरीज इसकी ज्यादा मात्रा ले लेते हैं, जो शरीर के लिए बहुत गंभीर होती है। इंसुलिन शरीर में मौजूद एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो ब्लड में मिलकर ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। शरीर में इंसुलिन का उत्पादन ठीक से न होने के कारण टाइप 1 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसुलिन का स्तर बढ़ने पर भी शरीर को कई गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
शरीर में इंसुलिन लेवल कितना होना चाहिए?- What is Normal Insulin Level in Blood in Hindi
आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लिनिकल डाइटिशियन डॉ. वीडी त्रिपाठी कहते हैं कि, "शरीर में इंसुलिन का प्रोडक्शन अग्नाशय में होता है, अग्नाशय को पैनक्रियाज भी कहते हैं। भोजन के बाद ब्लड में शुगर और ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में बढ़े हुए शुगर और ग्लूकोज को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन हॉर्मोन काम करता है।" इसका काम शरीर के अंदर बढ़े फैट को कम करने और स्टोर करने में भी मदद करना होता है। डाइट में हाई शुगर और हाई फैट वाले फूड्स ज्यादा होने पर इंसुलिन लेवल अनियंत्रित हो जाता है।
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डॉ त्रिपाठी कहते हैं कि एक्सपर्ट्स अलग-अलग पैरामीटर पर इंसुलिन के स्तर को देखते हैं। सामान्य रूप से फास्टिंग इंसुलिन का लेवल शरीर में 5-15 μU/mL के बीच हो, तो इसे सामान्य माना जाता है। लेकिन संवेदनशील लोगों में इसकी मात्रा 12 μU/mL होनी चाहिए। सामान्य बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों में इंसुलिन की मात्रा 5 से कम और 12 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने पर इंसुलिन का लेवल भी बढ़ जाता है। ऐसे में कोशिकाएं इंसुलिन हॉर्मोन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं, इसकी वजह से ब्लड शुगर और ग्लूकोज को कंट्रोल करने के लिए शरीर को ज्यादा इंसुलिन का उत्पादन करने की जरूरत पड़ती है।
शरीर में इंसुलिन ज्यादा बढ़ने के नुकसान- High Insulin Level Side Effects in Hindi
शरीर में लगातार इंसुलिन का लेवल ज्यादा रहने से डायबिटीज के अलावा कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। यही नहीं हाई इंसुलिन के कारण आपको कैंसर, प्रजनन से जुड़ी बीमारियां और टाइप 2 डायबिटीज का भी खतरा रहता है। इंसुलिन शरीर की हर कोशिका को प्रभावित करता है। शरीर में इंसुलिन का स्तर लगातार बढ़ने की स्थिति को हाइपरइंसुलिनिमिया (Hyperinsulinemia) कहा जाता है।
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इंसुलिन लेवल कंट्रोल में रखने से शरीर को हेल्दी और बीमारियों से मुक्त रखने में मदद मिलती है। आमतौर पर डॉक्टर इंसुलिन की जांच नहीं करते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीजों और प्री-डायबिटीज वाले लोगों को इसकी समय-समय पर जांच जरूरी करानी चाहिए। इसकी मात्रा बढ़ने पर शरीर में कैंसर सेल्स की ग्रोथ का खतरा रहता है और फैटी लिवर डिजीज भी हो सकती है।
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