Kya Dieting Krne Ya Vajan Kam Krne Se Mansik Swasthya Par Asar Padta Hai In Hindi: भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान के कारण ज्यादातर लोग वजन बढ़ने की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में खुद को फिट रखने और वजन को कम करने के लिए अक्सर लोग डाइटिंग का सहारा लेते हैं, लेकिन अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या डाइटिंग करना सही है? इससे स्वास्थ्य प्रभावित तो नहीं होगा? खासकर मानसिक स्वास्थ्य। ऐसे में आइए प्रकाश अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. परवेश बत्रा (Dr. Parvesh Batra, Psychiatrist, Prakash Hospital) से जानें क्या वजन कम करने या डाइटिंग करने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है?
क्या डाइटिंग से मेंटल हेल्थ पर असर डालती है? - Does Weight Loss Or Dieting Affect Mental Health?
मनोचिकित्सक डॉ. परवेश बत्रा के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य और वेट मैनेजमेंट के बीच गहरा संबंध होता है, जो एक-दूसरे पर थोड़ा लेकिन गहरा प्रभाव डालते हैं। वजन कम करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। ऐसे में अगर वजन कम करने के लिए डाइटिंग बैलेंस तरीके से की जाए तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन अगर डाइटिंग को अधिक सीमित और दबाव या बाध्या तरीके से किया जाए तो इसका मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। इसके कारण व्यक्ति को अधिक स्ट्रेस होने और चिंता होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- डाइटिंग के दौरान खाना कम करने से चिंता और स्ट्रेस बढ़ने लगता है, जिसके कारण लोगों को भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है।
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- डाइटिंग के दौरान खाना कम करने के स्ट्रेस में रहने के साथ-साथ लोग अक्सर दूसरों से तुलना करने लगते हैं, जिसके कारण व्यक्ति में आत्मसम्मान में कमी होने और तनाव अधिक बढ़ने लगता है।
- डाइटिंग के दौरान कम डाइट लेने और शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व न मिल पाने के कारण लोगों को चिड़चिड़ापन होने और मूड स्विंग्स होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, मोटापा भी डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से जुड़ा होता है। यह उन बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है, जो भावनात्मक यानी इमोशनल समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है और इसकी स्थिति को और अधिक खराब कर सकता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है।
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अच्छी मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैसे करें डाइटिंग? - How To Diet For Good Mental Health?
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
वजन कम करने से ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने ज्यादा जरूरी है। डाइटिंग के दौरान मानसिक स्वास्थ्य को सही पोषण देना जरूरी है। ऐसे में डाइट में मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी हेल्दी फैट्स और पोषक तत्वों से युक्त अखरोट और अलसी जैसे फूड्स को डाइट में शामिल करना जरूरी है।
शरीर को हाइड्रेट रखें
डाइटिंग करने के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। पर्याप्त पानी न पीने के कारण लोगों को सिर में दर्द होने, थकान होने और चिड़चिड़ापन होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शरीर को हाइड्रेट रखने से ब्रेन को रिलैक्स करने, भावनात्मक संतुलन बनाए रखने और एकाग्रता को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
थोड़ा-थोड़ा खाएं
शरीर में एनर्जी बनाए रखने, मूड को स्थिर रखने के लिए थोड़ा-थोड़ा खाएं और डाइट में हेल्दी फैट्स को शामिल करें। इससे ब्रेन के कार्यों को बेहतर करने और इमोशनल बैलेंस बनाए रखने मे मदद मिलती है।
निष्कर्ष
वजन कम करने या डाइटिंग करने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। डाइटिंग को बैलेंस तरीके से करना सही है, लेकिन सीमित तरीके से डाइट करने से स्ट्रेस को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा, इससे भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ध्यान रहे, डाइटिंग करते समय डाइट में मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए हेल्दी फैट्स और अन्य पोषक तत्वों से युक्त फूड्स लें, दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं और थोड़ा-थोड़ा खाएं।
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FAQ
डाइटिंग के नकारात्मक प्रभाव क्या हैं?
डाइटिंग करने से शरीर में एनर्जी की कमी होने, हड्डियों के कमजोर होने, मेटाबॉलिज्म में कमी आने और मूड स्विंग्स होने जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती है। इसके कारण कई बार महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के साथ डाइटिंग करें।मानसिक समस्याओं के क्या लक्षण हैं?
मानसिक समस्या होने पर लोगों को मूड स्विंग्स होने, एकाग्रता में परेशानी होने, अधिक स्ट्रेस होने, चिंता होने, नींद से जुड़ी समस्या होने, चिड़चिड़ापन होने, थकान होने, अधिक स्ट्रेस होने और भूख में बदलाव होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में मानसिक समस्याओं के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।क्या वजन कम होना डिप्रेशन का साइड इफेक्ट है?
डिप्रेशन की समस्या होने पर लोगों का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। इसके कारण कई लोगों को वजन कम होने तो कुछ लोगों को वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। लेकिन अधिक डिप्रेशन में रहने के कारण लोगों को वजन कम होने की समस्या हो सकती है।