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मानसून की नमी से बढ़ सकती हैं ये 7 हेल्थ प्रॉब्लम्स, जानें बचाव के आसान तरीके

मानसून में नमी से डेंगू, फंगल इंफेक्शन और एलर्जी जैसी बीमारियां बढ़ती हैं। साफ-सफाई और सावधानी से इनसे बचा जा सकता है।
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मानसून की नमी से बढ़ सकती हैं ये 7 हेल्थ प्रॉब्लम्स, जानें बचाव के आसान तरीके

मानसून का मौसम अपने साथ ठंडी हवाएं, हरियाली और सुकून लाता है, लेकिन इस मौसम की नमी (Humidity) सेहत के लिए कई बार हान‍िकारक भी साबित हो सकती है। लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव बताती हैं क‍ि लगातार बरसात और वातावरण में बढ़ी हुई नमी से बैक्टीरिया, फंगल और वायरल इंफेक्शन तेजी से पनपते हैं। यही कारण है कि इस मौसम में स्‍क‍िन इंफेक्‍शन, फंगल इंफेक्‍शन, अस्थमा, साइनस, पाचन संबंधी समस्याएं और जोड़ों का दर्द जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को वायरल फीवर, टायफॉइड, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां भी जल्दी घेर लेती हैं। मानसून की नमी घर के अंदर भी सीलन पैदा करती है, जिससे फेफड़ों और स्किन पर बुरा असर पड़ता है। बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर ज्यादा दिखता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि मानसून में हेल्थ को लेकर अतिरिक्त सावधानि‍यां बरती जाएं। इस लेख में हम जानेंगे उन 7 आम बीमारियों के बारे में जो मानसून की नमी से बढ़ सकती हैं और उनके आसान बचाव उपाय भी बताएंगे, ताकि आप बारिश का मजा ले सकें और वो भी बिना बीमार पड़े।

1. फंगल इंफेक्‍शन- Fungal Infection

नमी में त्वचा पर फंगस तेजी से पनपता है। गीले कपड़े देर तक पहनना, पसीने वाले क्षेत्रों की साफ-सफाई न रखना और गंदे मोजे या जूते फंगल इंफेक्‍शन की वजह बन सकते हैं।

बचाव:

  • त्वचा को सूखा और साफ रखें।
  • कॉटन के हल्के और जल्दी सूखने वाले कपड़े पहनें।
  • जूते, मोजे और अंडरगारमेंट्स रोज बदलें और धोएं।
  • फंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें।

इसे भी पढ़ें- मानसून में घर की ह्यूमिडिटी की वजह से हो सकती हैं ये 5 परेशानियां, डॉक्टर से जानें इसके बारे में

2. सांस संबंधी समस्याएं- Respiratory Problems

मानसून की नमी से अस्थमा, साइनस और सांस लेने में तकलीफ बढ़ सकती है। धूल, सीलन और फफूंदी से एलर्जी हो सकती है जो सांस की नली को प्रभावित करती है।

बचाव:

  • घर में वेंटिलेशन अच्छा रखें।
  • ह्यूमिडिफायर का यूज करें या फंगल रिमूवर से दीवारें साफ रखें।
  • धूलभरे और गीले क्षेत्रों से दूर रहें।
  • अस्थमा के मरीज इनहेलर का इस्‍तेमाल करें और दवाएं साथ रखें।

3. त्वचा इंफेक्‍शन- Skin Infection

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नमी के कारण त्वचा पर एलर्जी, दाने, खुजली और त्‍वचा पर रैशेज हो सकते हैं। खासकर जिनकी स्किन ऑयली होती है उन्हें ज्यादा परेशानी होती है।

बचाव:

  • दिन में 2 बार नहाएं, खासकर बारिश में भीगने के बाद।
  • पसीने वाले हिस्सों को सूखा रखें।
  • एंटीसेप्टिक साबुन का इस्‍तेमाल करें।
  • बारिश में गंदे पानी से बचें।

4. डाइजेशन प्रॉब्लम- Digestion Issues

मानसून में पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है और नमी से खाना जल्दी खराब होता है। इससे फूड पॉइजनिंग, पेट में गैस, एसिडिटी और डायरिया की शिकायत होती है।

बचाव:

  • स्ट्रीट फूड से बचें।
  • घर का हल्का-फुल्का और ताजा खाना खाएं।
  • पानी उबाल कर पिएं या फिल्टर यूज करें।
  • दही, छाछ और जीरा का सेवन करें।

5. वायरल बुखार- Viral Fever

मानसून में वायरस इंफेक्‍शन तेजी से फैलता है, जिससे थकान, बुखार, गले में खराश और कमजोरी हो सकती है।

बचाव:

  • बीमार लोगों से दूरी बनाएं।
  • इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड लें जैसे हल्दी दूध, तुलसी, आंवला।
  • हाथों को साबुन से धोते रहें।
  • पर्याप्त नींद और पानी लें।

6. मलेरिया और डेंगू- Malaria & Dengue

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पानी के जमाव से मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है और मलेर‍िया, डेंगू जैसी बीमारियां फैलती हैं। तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द इसके लक्षण हैं।

बचाव:

  • पानी जमा न होने दें।
  • मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
  • फुल कपड़े पहनें।
  • बुखार होने पर तुरंत टेस्ट कराएं।

7. जोड़ों का दर्द- Joint Pain

नमी से हड्डियों और मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है, खासकर बुजुर्गों में।

बचाव:

  • शरीर को गर्म रखें।
  • गुनगुने तेल से मालिश करें।
  • गर्म पानी से नहाएं।
  • हल्की एक्सरसाइज करें।

नमी से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचाव करना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ी सावधानी की जरूरत है। अगर आप साफ-सफाई, पोषण और हेल्दी आदतों पर ध्यान देंगे, तो ये मौसम आपकी सेहत के लिए भी सुखद बन सकता है।

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FAQ

  • मानसून के दौरान कौन सी बीमारी फैल सकती है?

    मानसून में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफॉइड, हैजा, वायरल बुखार और स्किन इंफेक्शन जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं, क्योंकि पानी जमा होने और गंदगी बढ़ने से बैक्टीरिया और मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है।
  • क्या नमी से एलर्जी होती है?

    हां, ज्‍यादा नमी से धूल, फफूंदी और कीटाणु एक्‍ट‍िव हो जाते हैं, जिससे त्वचा और सांस की एलर्जी हो सकती है। खासतौर पर अस्थमा और राइनाइटिस के मरीजों को नमी में दिक्कत ज्‍यादा होती है।
  • मानसून में फंगल इंफेक्‍शन क्यों होता है?

    मानसून में त्वचा ज्‍यादा देर तक गीली रहने और नमी के कारण फंगल बैक्टीरिया आसानी से पनपते हैं। पसीना, गीले कपड़े और हवादार न होना फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ाते हैं।

 

 

 

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