Health problems in monsoon: मानसून के दौरान बैक्टीरिया, फंगस और पैरासाइट्स पनपने लगते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस आपको संक्रमित कर सकते हैं। यही वजह है कि बारिश शुरू होते ही डॉक्टर और हेल्थ केयर एक्सपर्ट्स लोगों को एहतियात बरतने की सलाह देते हैं। इस मौसम में हवा में नमी और बारिश के कारण गंदगी बढ़ जाती है, ऐसे वातावरण में बैक्टीरिया और वायरस से होने वाले रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आप इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बरतते हैं तो यह आपके लिए गंभीर बीमारी की वजह बन सकती है। इस मौसम में बाहर का खाना खाने और कुछ गलत आदतों की वजह से स्किन और पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर एसपी सिंह से जानते हैं कि मानसून के मौसम में इंफेक्शन से बचने के लिए आपको किन आदतों पर ध्यान देना चाहिए।
मानसून में ये गलतियों से बढ़ सकती है इंफेक्शन की संभावना - Habits That Increase The Risk Of Infection In Monsoon In Hindi
गीले कपड़ों में देर तक रहना
बारिश के दिनों में ऑफिस और स्कूल जाते समय जब आप भीग जाते हैं तो ऐसे में गीले कपड़े बदलने का समय नहीं मिलता है। बिना कपड़े बदले काम या स्कूल की पढ़ाई करते समय शरीर का बॉडी टेम्परेचर तेजी से बदलता है। इसके अलावा, गीले कपड़ों से त्वचा को फंगल व बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें फंगल इंफेक्शन और स्किन रैशेज हो सकता हैं। इससे जोखिम से बचन के लिए आप भीगने के तुरंत बाद कपड़े बदलें और शरीर को अच्छी तरह सुखाएं।
धूल-मिट्टी और पसीने को सूखाना
मानसून में गंदगी और पसीना मिलकर आपकी ऊपरी त्वचा पर इकट्ठा होने लगते हैं। यदि इस मौसम में स्किन की गंदगी को साफ न किया जाए तो इससे रोम छिद्र बंद हो जाते है, जो आगे चलकर स्किन रैशेज हो सकते हैं। ऐसे में आप त्वचा को साफ रखे और दिन में कम से कम दो बार अच्छी तरह से हाथ और पैरों को पानी से साफ करें।
भीगे जूते-मोजे पहनना
कई बार लोग भीग चुके जूतों और मोजों को सुखाए बिना ही दोबारा पहन लेते हैं। नमी और गर्मी का मिलाजुला असर बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का कारण बनाता है। इससे फुट फंगस, खुजली, एथलीट फुट्स और बदबू की समस्या हो सकती है। ऐसे में आप बारिश में भीगे जूते मौजों को सुखाने के बाद ही दोबारा पहनें।
गंदे हाथों से खाना खाना
बहुत से लोग खासकर बाहर जाते वक्त हाथ धोने की आदत नहीं अपनाते और वह बिना हाथ धोए खाना खा लेते हैं। ऐसे में हाथों में लगे कीटाणु सीधे पेट तक पहुंचते हैं, जिससे टायफॉइड, हेपेटाइटिस A, डायरिया और फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इन इंफेक्शन से बचनए के लिए सेनीटाइजर से हाथों को साफ करें।
बारिशों में टाइट कपड़े न पहने
बारिश के मौसम में टाइट कपड़ों में भिगने से यह त्वचा पर रैशेज का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, कुछ कपड़े भीगने के बाद देरी से सूखते हैं। ऐसे कपड़े अधिक पसीने को शरीर के अंदर ही लॉक कर सकते हैं। इस परेशानी में आप ढीले कपड़े पहनें।
मानसून में इंंफेक्शन से बचने के लिए क्या करें? - How To Prevent Infection in Monsoon
- गीले कपड़ों और मोजों को तुरंत बदलें।
- बारिशों में कॉटन के लूज फिट वाले कपड़े पहनें।
- स्किन पर ज्यादा ऑयल बेस्ड मेकअप न लगाएं। इससे पोर्स बंद हो सकते हैं।
- नीम के पत्तों और नमक के पानी से स्नान करें।
- घर पर ताजा और गरम खाना खाएं।
- इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए तुलसी का काढ़ा पिएं।
- बाहर का खाना खाने से बचें।
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मानसून अपने साथ खुशनुमा मौसम तो लाता है, लेकिन संक्रमण और बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। आपकी कुछ छोटी-छोटी आदतें आपको बड़ी परेशानी में डाल सकती हैं। ऊपर बताई आदतों में अगर समय रहते सुधार किया जाएं, तो आप खुद को और अपने परिवार को संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं।
FAQ
बरसात के मौसम में कौन-सी बीमारी होती है?
बरसात के मौसम में ज्यादातर पानी और मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियां होती है। इसमें डेंगू, मलेरिया, पेट दर्द, दस्त, चिकनगुनिया और स्किन रैशेज को शामिल किया जाता है।फंगल इंफेक्शन में कौन सा तेल लगाएं?
फंगल इंफेक्शन होने पर आप घरेलू उपायों में नारियल तेल, नीम का तेल और टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। फंगल इंफेक्शन पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।कौन सा विटामिन फंगल इन्फेक्शन को मारता है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार विटामिन सी, विटामिन ई स्किन की हेल्थ में सुधार करते हैं और फंगल इंफेक्शन से लड़ने में सहायक होते हैं। साथ ही यह स्किन की कोशिकाओं को दोबारा बनाने में मदद करते हैं।