Fungal Infections Dos and Don'ts You Should Know : बारिश का मौसम अपने साथ ठंडक और ताजगी लेकर आता है। बारिश से एक तरफ लोगों को गर्मी से राहत मिलती है, तो दूसरी ओर बीमारियां और त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं। बारिश में फंगल इंफेक्शन (Cause of Fungal Infections) एक बहुत ही आम समस्या है। नई दिल्ली के एलांटिस हेल्थ केयर की एमडी और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. चांदनी जैन गुप्ता की मानें, तो बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन आमतौर पर त्वचा की नमी, पसीना, गंदगी और सही हाइजीन न अपनाने के कारण होती है।
बारिश में जब हवा में नमी और बैक्टीरिया का प्रसार ज्यादा होता है, तब सफाई का ध्यान न रखने से सिर, पैर, नाखून, प्राइवेट पार्ट्स और शरीर के अन्य हिस्सों पर फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। फंगल इंफेक्शन होने पर लोग उसमें खुजली और दर्द से परेशान हो जाते हैं। इन दिनों एक बार फिर बारिश का मौसम शुरू हो चुका है, तब हम आपको बताने जा रहे हैं फंगल इंफेक्शन होने पर क्या करें और क्या नहीं (Fungal Infections Dos and Don'ts You Should Know)।
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बारिश में कौन-कौन से फंगल इंफेक्शन होते हैं?- Which Fungal Infections happens in Monsoon
- एथलीट्स फुट : ये अक्सर पैरों की उंगलियों के बीच होता है।
- जॉक इच : ये फंगल इंफेक्शन कमर, जांघ और जननांग क्षेत्र में देखा जाता है।
- रिंगवर्म : त्वचा की किसी भी हिस्से पर गोल आकृति में खुजली और घाव होना।
- कैंडीडायसिस : यह संक्रमण मुख्यत जननांग, मुंह और त्वचा की सिलवटों में होता है।
बारिश में फंगल इंफेक्शन होने के कारण- Cause of Fungal Infections in Monsoon
डॉ. चांदनी जैन गुप्ता बताती हैं कि बारिश में फंगल इंफेक्शन होने के एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। इन कारणों में प्रमुख रूप से शामिल हैं, त्वचा पर नमी का लंबे समय तक रहना। दरअसल, बारिश के मौसम में अक्सर लोगों को पसीना ज्यादा आता है। पसीने को बार-बार पोंछा न जाए, तो त्वचा पर नमी बनी रहती है, इससे संक्रमण और बैक्टीरिया का प्रसार तेजी से होता है। यही फंगल इंफेक्शन का कारण बनता है। इसके अलावा बारिश में फंगल इंफेक्शन के अन्य कारण नीचे बताए गए हैं।
गीले जूते-मोजे या अंडरगारमेंट्स पहनना
सार्वजनिक स्विमिंग पूल, जिम या बाथरूम शेयर करना
स्किन से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी होना
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फंगल इंफेक्शन होने पर क्या करें- What to do if you have a fungal infection
- फंगल इंफेक्शन होने पर इंफेक्टेड एरिया को खासकर अंडरआर्म्स, जांघों और पैरों की उंगलियों के बीच वाले क्षेत्रों को साफ कपड़े से पोंछ लें। इस एरिया में एंटी-फंगल क्रीम और पाउडर का इस्तेमाल करें।
- पसीना के कारण बैक्टीरिया के प्रसार को रोकने के लिए सूती के कपड़े पहनें। स्किन केयर एक्सपर्ट बताती हैं कि बारिश के मौसम में सूती कपड़े पहनने से फंगल संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।
- फंगल इंफेक्शन में खुजली होने पर नारियल का तेल लगाएं। नारियल के तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं। इससे फंगल इंफेक्शन में होने वाली खुजली और जलन कम होती है।
- फंगल इंफेक्शन होने पर नीम की पत्तियों से सन्ना करें। नीम की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा पर फंगल इंफेक्शन वाले बैक्टीरिया के प्रसार को रोकते हैं।
- 5 से 7 दिनों के भीतर अगर फंगल इंफेक्शन सही नहीं होते हैं, तो डॉक्टर से इलाज करवाएं। शुरुआत में ही इलाज शुरू कर देना लंबे संक्रमण से बचा सकता है।
- संक्रमित हिस्से पर रूई से सेब का सिरका लगाएं। सेब का सिरका त्वचा का pH संतुलित करता है और फंगस को मारता है।
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फंगल इंफेक्शन होने पर क्या न करें
- फंगल इंफेक्शन में होने वाली खुजली को खुजलाने से बचें। खुजलाने से संक्रमण फैल सकता है और त्वचा को नुकसान हो सकता है।
- अगर परिवार में किसी व्यक्ति को फंगल इंफेक्शन हो गया है, तो संक्रमित व्यक्ति के तौलिया, बिस्तर, कंघी, कपड़े को शेयर करने से बचें।
- फंगल इंफेक्शन पर बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी प्रकार की दवा या क्रीम लगाने से बचें। कुछ क्रीम में स्टेरॉयड होता है, जो फंगल इंफेक्शन को कम करने की बजाय बढ़ा सकता है।
- सिंथेटिक फैब्रिक से बनें कपड़ों को पहनने से बचें। सिंथेटिक कपड़े पसीना नहीं सोखते हैं और त्वचा पर नमी को बनाए रखते हैं, इससे फंगल इंफेक्शन पर खुजली और जलन की परेशानी होती है।
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फंगल इंफेक्शन होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं
यूं तो ज्यादातर लोगों को फंगल इंफेक्शन की समस्या से घरेलू नुस्खों से ही राहत मिल जाती है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में आपको डॉक्टर से भी संपर्क करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं फंगल इंफेक्शन होने पर कब डॉक्टर से मिलें।
अगर फंगल इंफेक्शन की समस्या 5 से 7 दिनों से ज्यादा लंबे समय तक बनी रहती है।
यदि फंगल इंफेक्शन शरीर के एक हिस्से से दूसरे में तेजी से फैल रहा हो।
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संक्रमित क्षेत्र के आसपास लगातार खुजली और जलन की परेशानी हो रही हो।
इंफेक्शन वाले क्षेत्र से मवाद या किसी प्रकार का पस निकलने लगे।
निष्कर्ष
बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन एक आम समस्या है लेकिन स्वच्छता और समय पर इलाज से इसे पूरी तरह बचाव किया जा सकता है। बारिश के मौसम में फंगल इंफेक्शन होने पर डॉ. चांदनी द्वारा बताए गए टिप्स को जरूर अपनाएं। ध्यान रहे कि बारिश में छोटी-छोटी सावधानियां ही बीमारियों और त्वचा से जुड़े इंफेक्शन से बचा सकती हैं।
FAQ
उंगली की फंगस जल्दी कैसे ठीक करें?
बारिश के मौसम में उंगली की फंगस होना बहुत ही सामान्य सी बात है। उंगली की फंगस जल्दी ठीक करने के लिए एंटीफंगल क्रीम लगाएं, हाथों को सूखा रखें, नीम पानी से धोएं और साफ तौलिया का इस्तेमाल करें। इन उपायों से अगर उंगली के फंगस की परेशानी ठीक नहीं होती है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।फंगल इंफेक्शन में कौन सा तेल लगाएं?
फंगल इंफेक्शन में नारियल तेल, टी ट्री ऑयल और नीम का तेल लगाना फायदेमंद होता है। इन तेलों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ये फंगल इंफेक्शन में होने वाली खुजली और जलन को कम करते हैं।कौन सा विटामिन फंगल इन्फेक्शन को मारता है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, विटामिन C और विटामिन E फंगल इन्फेक्शन से लड़ने में मददगार होते हैं। विटामिन सी और ई इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और त्वचा को रिपेयर करके फंगल इंफेक्शन को कम करते हैं।
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